उत्तराखंड क्रांति दल की महानगर इकाई ने कांग्रेस भाजपा जवाब दो 17 वर्षो का हिसाब दो कार्यक्रम के तहत महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के नेतृत्व में घंटाघर स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर राज्य में साहूकारों की मनमानी तथा 10 से 20% मासिक ब्याज की दर से कर्ज बांटने तथा गरीब जनता का उत्पीड़न करने के विरोध में धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा कहा गया कि देहरादून महानगर में पिछले कुछ वर्षों से 10 से 20% प्रतिमाह की अवैध दर से ऋण प्रदान करने वाले सूदखोरो द्वारा गरीब जनता का उत्पीड़न किया जा रहा है। राज्य में अभी तक अपना साहूकारी विनियमन अधिनियम ना होने की वजह से उत्पीड़न के शिकार लोगों की पुलिस द्वारा भी कोई सहायता नहीं की जाती और थाने या चौकी से पीड़ित व्यक्ति को बैरंग लिफाफे की तरह लौटा दिया जाता है।पीड़ित व्यक्ति द्वारा किसी रसूखदार व्यक्ति से सिफारिश करवाने या बहुत आवश्यक होने पर पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के साहूकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। जब की जनता को साहूकारों के उत्पीड़न से मुक्ति दिलाने के लिए प्रत्येक राज्य सरकार का अपना साहूकारी विनियमन अधिनियम होता है। जिसमें ब्याज दर का भी उल्लेख होता है। किंतु उत्तराखंड राज्य में साहूकारों द्वारा मनमानी दर पर रुपया बांटा जा रहा है तथा वक्त वह मजबूरी की मारी जनता गाहे-बगाहे ऐसे साहूकारों से ऋण ले लेती है।अपने भोले पन के कारण महिलाएं वह सेना में कार्यरत सैनिकों का परिवार ऐसे साहूकारों के पसंदीदा शिकार होते हैं। देहरादून में ही श्यामपुर, ठाकुरपुर, प्रेम नगर, कौलागढ़, गढ़ी कैंट,डाकरा, अनार वाला, जोहड़ी गांव,जाखन, अधोईवाला से रायपुर तक लगभग 3000 परिवार इन सूदखोरों के मकड़जाल में फंसकर बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 21 सितंबर 2016 को उत्तराखंड क्रांति दल ने कांग्रेस के शासनकाल में प्रदेश में अपना साहूकारी अधिनियम बनाए जाने की मुख्य मांग को लेकर मुख्यमंत्री का घेराव करने के उद्देश्य से पीड़ित परिवारों के साथ मुख्यमंत्री आवास कुच किया था तथा गिरफ्तारियां दी थी। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उसके बाद सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में साहूकारी विनियमन विधेयक तैयार कर लिया था किंतु विधान सभा पटल पर नहीं रखा जा सका।ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध दर से ऋण बांटने वाले साहूकारों तथा राजनेताओं के गठबंधन के कारण उक्त विधेयक को पटल पर नहीं लाया जा सका। छेत्री ने कहा कि बर्तमान समय में प्रदेश की हालत जगजाहिर है।केंद्र सरकार की हवाई व खंडित नीतियों की वजह से समाज का हर वर्ग अपने अपने स्तर से जीवन यापन हेतु आकंठ कर्ज में डूबा हुआ है।राज्य सरकार द्वारा भी गरीब जनता की ही अनदेखी किया जा रहा है।प्रदेश में किसान व कारोबारी कर्ज के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।ऐसे में सरकार को दूरदर्शिता का परिचय देते हुए एक ऐसा साहूकारी विनियमन अधिनियम बनाना चाहिए जिसमें आसान व सस्ती दरों में ऋण वापसी का प्रावधान हो। क्योंकि 10 से 20% प्रति माह की दर पर बांटा गया कर्ज गरीब आदमी पूरा जीवन में उतार नहीं सकता।ऐसे कई मामले उक्रांद के पास आए हैं,जिस में साहूकारों के उत्पीड़न व जेल भिजवाने की धमकी के कारण पीड़ित परिवारों ने अपना मकान तक बेच डाला अथवा परिवार की महिलाएं साहूकारों के घर में चौका-बर्तन कर कार्य करने पर मजबूर हैं।अतः उत्तराखंड क्रांति दल आज के धरने व ज्ञापन के माध्यम से मांग करता है कि अगले विधानसभा सत्र में विधेयक पेश करके साहूकारों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से साहूकारी विनियमन अधिनियम लागू किया जाए अन्यथा उत्तराखंड क्रांति दल उक्त मांग को लेकर सड़कों से मुख्यमंत्री आवास तक धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगा।धरने में महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के साथ केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, केंद्रीय मीडिया प्रभारी सुनील ध्यानी, डी के पाल, इमरान अहमद, सुशील मंमगाई, राजन घनसाला,सीमा कलुडा, बिना भंडारी, प्रीति, राजेश्वरी रावत, ललित घिल्डियाल, सचिन कुमार, किशन बिहारी, सरस्वती गुरुंग, ललित कुमार, अनीता घले, लताफत हुसैन, मालती शर्मा ,सुरेंद्र सिंह रावत ,आलम नेगी, विलास गौड़ ,गौरव उनियाल, पुष्पा, अनीता, माला, राखी ,अंजना थापा ,राजकुमारी, अमृता, पूजा तथा अशोक गौतम आदि सैकड़ों कार्य कर्ता शामिल थे।