देहरादून। डेंगू के बाद अब सूबे में स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमे को डेंगू के बाद स्वाइन फ्लू के वायरस के फैलने की चिंता सताने लगी है। ऐसे में संक्रमण के रोकधाम के लिए स्वास्थ्य विभाग रणनीति बनाने में जुटा है। वहीं, लोगों में स्वाइन फ्लू का खौफ देखते हुए प्रशासन ने डॉक्टरों और मीडिया से इन्फ्लूएंजा शब्द के उपयोग करने की अपील की है। गौरतलब है कि डेंगू से जूझ रहे प्रदेश को राहत अभी तक नहीं मिल पाई है। सूबे में अबतक 3000 से ज्यादा लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। हालांकि, जन जागरुकता अभियान और स्वास्थ्य विभाग के कैंपों के कारण सूबे में डेंगू नियंत्रण में आने लगा है। वहीं, अब धीरे-धीरे स्वाइन फ्लू ने प्रदेश में अपने पैर पसारने शुरू कर दिये है। ऐसे में महकमे ने स्वाइन फ्लू से निपटने की तैयारी में जुटा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक बैठक में स्वाइन फ्लू का लोगों के दिमाग से दहशत को खत्म करने के लिए डॉक्टर और मीडिया से स्वाइन फ्लू के स्थान पर इसे इन्फ्लूएंजा कहने की अपील की है। जिससे लोगों के बीच पनप रही दहशत को खत्म किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मरीजों की लैब रिपोर्ट की पुष्टि होने के बाद ही स्वाइन फ्लू के मरीजों को आधिकारिक रूप से रिकॉर्ड में रखा जाएगा।दरअसल, प्रदेश में तेजी से बढ़ते डेंगू के मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार और स्वास्थ्य महकमे पर कई सवाल खड़े किये थे। ऐसे में डेंगू के बाद स्वाइन फ्लू के मामले में स्वास्थ्य विभाग कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। लिहाजा, लोगों में स्वाइन फ्लू का खौफ खत्म करने और उन्हें जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने चिकित्सकों और मीडिया को स्वाइन फ्लू के स्थान पर इन्फ्लूएंजा शब्द को उपयोग करने की अपील की है। इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू या इन्फ्लूएंजा के कुछ ही मामले सामने आए हैं। लेकिन पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा अभी से तैयार है। महकमे ने प्रचार-प्रसार करने की तैयारी शुरू कर की है। ताकि लोगों में इन्फ्लूएंजा को लेकर एवेयरनेस फैलाई जा सके।