रीवा में 11 सूअरों में एएसएफ वायरस के संक्रमण की पुष्टि
भोपाल,मध्यप्रदेश में सूअरों की महामारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) ने दस्तक दे दी है। एक दिन पहले रीवा जिले से जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में आए 11 सैंपलों में एएसएफ संक्रमण पाया गया है। एनआईएचएसएडी सूत्रों के मुताबिक मप्र में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का यह पहला आउटब्रेक है।
संस्थान की ओर से जांच रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है। रीवा जिले के वेटरनरी उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि रीवा शहर के वार्ड 15 में धोबिया टंकी इलाके में सूअरों के बीमार होने की जानकारी मिली थी, लक्षणों के आधार पर बीमार सूअरों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे थे। डॉ. मिश्रा के मुताबिक उन्हें अभी तक अधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है, इस कारण रोकथाम के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।
*क्या होगा…*
अफ्रीकन स्वाइन फीवर को कंट्रोल करने की राष्ट्रीय गाइडलाइन के मुताबिक जिस स्थान पर एएसएफ का संक्रमण पाया गया है, उसके एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सुअरों की किलिंग की जाती है, ताकि दूसरे जानवरों को संक्रमण से बचाया जा सके। इसके अलावा तीन किलोमीटर के दायरों में सभी जानवरों की सैंपलिंग कर निगरानी करना होगी।
क्या है यह एएसएफ…
यह एक अत्यधिक घातक संक्रामक रोग है, जो अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक वायरस के जरिए फैलता है। पालतू और जंगली सूअरों दोनों ही इसके शिकार बनते हैं। संक्रमण होने पर सूअरों में तीव्र रक्तस्रावी बुखार आता है। बुखार के साथ एनोरेक्सिया, भूख न लगना, त्वचा में रक्तस्राव, उल्टी और दस्त शामिल होते हैं।