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ए०डी०एम० हरवीर सिंह के गीत पर थिरके दर्शक

Pahado Ki Goonj

*ए०डी०एम० हरवीर सिंह के गीत पर थिरके दर्शक* *सुरीली आवाज ने कर दिया सभी को कायल *कर्मठ अधिकारी के साथ साथ निष्काम कर्म योगी व संगीत प्रिय भी है। ।हल्द्वानी के रामलीला मैदान में आयोजित शरदोत्सव कार्यक्रम के दूसरी दिन की संध्या कालीन बेला पर शरदोत्सव कार्यक्रम में देश के नामी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों को भी थिरकनें के लिए मजबूर कर दिया आयोजकों व दर्शकों के स्नेह आग्रह पर ए०डी० एम० हरवीर सिंह ने अपनी सुधामयवाणी की धार से दो सुन्दर गीत प्रस्तुत कर शरदोत्सव मेले में अमिट छाप बिखेरी उनकी सुरीली आवाज पर दर्शक थिरकते रहे।बाहर से आये तमाम कलाकार भी उनकी जादुई आवाज पर मन्त्रमुग्ध दिखे उनके गीत पर संगीत की बेहतर थाप के साथ लोग भी गुनगुनाते रहे और उनके कायल हो गये।यहां यह बताते चले निष्काम कर्मयोग की बेहतर मिशाल एडीएम श्री हरवीर सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी कर्तव्य में कुशाग्र व निष्काम कर्म पथ पर चलनें वाले एक बेहतर अधिकारी है।कर्तव्य के प्रति सजगता व कार्य कौशलता व कर्मठता के बल पर ईमानदारी के पथ पर चलते हुए उन्होनें बेहतर मुकाम हासिल किया है।नायब तहसीलदार के पद से अपनी प्रशासनिक सेवा शुरु करनें वाले श्री सिंह की जन्म स्थली जनपद ऊधमसिहं नगर के किच्छा के समीप रामेश्वरपुरम् है।वे एक सहज सरल प्रकृत्ति के धनी व्यक्ति है, प्रशासनिक सेवा के क्षेत्रं में अद्वितीय आर्दश भी है, लोक कल्याण के प्रति उनके हृदय में निर्मल भावनाएं भरी हुई है,उन भावनाओं का लक्ष्य समाज की सेवा को ही सर्मर्पित है,  विराट कर्म पथ की निस्वार्थता की अद्भूत झलक हरवीर सिंह की समूचे राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों में एक  अलग छवि है, यह छवि उनके निस्वार्थ   कर्मों की वजह से है। जन जन की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझने वाले श्री सिहं एक निष्ठावान व कर्तव्यपरायण अधिकारी के रुप में जाने जाते है। दिल में निर्मलता की आभा का आवरण समेटे श्री सिंह का कहना है, उनकी दृष्टि में लोगो की सेवा से बढ़कर कोई धर्म व कार्य नही है, इस कार्य में उन्हें बड़ा आनन्द मिलता है, बारहाल उनके द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए किये गये कार्यो की बडी लम्बी श्रृखला है इस श्रृखला में उनकी निष्ठा का कोई जबाब नही ,कई स्थानों पर लोग उन्हें अपना आर्दश मानकर उनसे मार्ग र्दशन लेते है,आर्दश की अनुपम मिशाल व नेक दिल इन्सान श्री सिंह की कर्मों में कुशलता की निष्काम छवि है, इसी छवि के कारण लोगों को वे बेहद पंसद है। बेहतर सिद्वान्त के धनी  होनें के कारण आज वे लोकप्रिय अधिकारियों में एक है।14 अप्रैल1962 को जन्में श्री हरवीर सिंह के पिता श्री सरदार सिंह भी महान निष्काम कर्मयोगी के रुप में पूज्यनीय है।समाज सेवा के क्षेंत्र में वे अदितीय आर्दश रहनें के साथ साथ रुद्रपुर के ब्लाक प्रमुख भी रहे है।लोक कल्याण के लिए उनके द्वारा किये गये कार्य अतुलनीय है,पिता के आर्दर्शो का पूरा सांस्कारिक भाव उनके हृदय में भरा हुआ है।अतीत की अनमोल यादों को साझा करते हुए श्री सिंह कहते है।सामान्य रुप से पढ़ाई करते हुए बचपन की दहलीज को पार कर 1986 से नौकरी का सफर आरम्भ किया1997 तक मुजफ्फर नगर में बैंक की नौकरी के पश्चात् सघंर्ष के पथ पर चलते हुए अपने परिश्रम के बल पर 1997 में नायब तहसीलदार बनें मुजफ्फर नगर,बिजनौर,लालकुआं में उन्होनें सेवाये दी।बारहाल श्री हरवीर सिंह की सेवाओं की एक लम्बी व बेहतर श्रृखंला है।2006 में तहसीलदार के पद पर पोन्नति पाकर आपनें एसडीएम बागेश्वर का कार्यभार भी संभाला बेहतर कार्यशैली के लिए बागनाथ जी की धरती बागेश्वर के लोग आज भी उन्हें स्नेहपूर्वक याद करते है।सन्2010 के कुम्भ मेले के व्यवस्थित सफल आयोजन पर इनके कार्यकुशलता की निपुर्णता पर इन्हें सरकार द्वारा बेहतर अधिकारी के रुप में सम्मानित भी किया गया।कुल मिलाकर श्री हरवीर सिंह एक आर्दशमय अधिकारी है,संगीत से उन्हें गहरा लगाव है।शरदोत्सव मेले में उनके गीत को सुनकर दर्शक झूम उठे और उनके साथ साथ गुनगुनाने लगे बाद में अपने सम्बोधन में स्वयं जिलाधिकारी श्री दीपेन्द्र चौधरी ने भी उनके सुमधुर कंठ की जमकर तारीफ की। -रमाकान्त पन्त

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