उत्तरकाशी डी.एम. डॉ. आशीष चौहान,किसी भी दुर्घटना में सबसे पहले नजर आते हैं गरीब व लाचारों को देख आत्मियता से व्यवहार करते है। किसी भी दुर्घटना में सबसे पहले नजर आते हैं डी.एम. डॉ. आशीष चौहान, गरीब व लाचारों को आत्मियता से व्यवहार करते हैं
उत्तरकाशी के पास सड़क किनारे खड़ा एक युवक सड़क पर आने जाने वाले वाहनों से लिफ्ट मांग रहा था, तभी एक सरकारी गाड़ी रुकी ड्राइवर को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि सड़क किनारे खड़ा शख्स और कोई नही बल्कि जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. आशीष चौहान है, वे सड़क पर इसलिये खड़ा है कि उन्होंने अपनी गाड़ी से थोड़ी देर पहले यहां पर सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल एक व्यक्ति को अस्पताल भेजा है ताकि उसके प्राण बच सके।
उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड के सावणी गांव में गत दिनों आग लगी जिसमें पूरा गांव भस्म हो गया, डॉ. आशीष चौहान को जैसे ही पता चला वे घटना स्थल की ओर निकल पड़े और 10 घण्टे गाड़ी से तथा 8 किमी पैदल चलकर पीड़ितों को राहत पहुँचाने गांव पहुंच गए। डी.एम. ने पीड़ितों को न सिर्फ यथा सम्भव मदद दी बल्कि रोते बिलखते लोगों को गले लगाकर उन्हें जीने का हौसला दिया। यह ऐसा दुर्गम क्षेत्र है, जहाँ के लोगों ने कभी गांव में पटवारी व तहसीलदार जैसे कर्मचारी को भी ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए आते नही देखा।और आज यमुनोत्री धाम में आई भीषण आपदा में पैदल चलकर यमुनोत्री धाम पहुंचकर वास्तविक स्थिति का जायजा लिया और अपने स्तर से *हरसम्भव मदद का भरोसा* दिया है, प्रदेश सरकार से यमुनोत्री धाम में हुए नुकसान और मास्टर प्लान के साथ तीब्र गति से काम करने , तथा सभी विभागों को प्रभावित क्षेत्र में ब्यवस्थायें शिघ्र दूरस्थ करने के निर्देश दिए हैं।
पहाड़ों की गूंज पत्र /पोर्टल का मानना है इस समय उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान, रुद्रप्रयाग जनपद के मंगेश घिल्डियाल हरिद्वार जनपद के दीपक रावत आदि करीब प्रदेश में आधा दर्जन जिलाधिकारी तैनात हैं जिन्होंने अपने कामों से जनता के दिलों में जगह बनाई है। ऐसे अधिकारियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती रहेगी और किसी समय उत्तराखंड “देवभूमि” का अर्थ सच्चे भावनों में जमीन पर चरितार्थ होगा। पत्र का मानना है