परमार्थ निकेतन में आर.एस.एस. के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार और शिया धर्मगुरु मौलाना कोकब मुजतबा पधारे
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से इन्द्रेश कुमार जी और मौलाना कोकब मुजतबा ने की भेंटवार्ता
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने गंगा आरती के माध्यम से दिया हिन्दु-मुस्लिम एकता का संदेश
स्वच्छता, समरसता और सद्भाव का दिया संदेश
पौधे लगें मिलकर, प्यार बढ़े, मौसम भी बदलेगा और मोहब्बत भी बढ़ेगी
स्वच्छता, समरसता और सद्भाव के संगम से होगा देश में बदलाव सम्भव –
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री इन्द्रेश जी एवं मौलाना कोकब मुजतबा जी ने विश्व प्रसिद्ध परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
ऋषिकेश, 24 अप्रैल। परमार्थ निकेतन में आर.एस.एस. वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य श्री इन्दे्रश कुमार जी और शिया धर्मगुरु मौलाना कोकब मुजतबा जी़ अन्य इस्लामिक विद्वानों ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया।
इन्द्रेश कुमार जी और शिया धर्मगुरु मौलाना कोकब मुजतबा ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज से भेंट की। स्वामी महाराज ने स्वच्छता, समरसता, सदभाव, के साथ हिन्दु-मुस्लिम एकता, कौमी एकता, देश की एकता और अखंडता, युवाओं को पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण के लिये प्रेरित करने का प्रयास करना तथा पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण के विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
चर्चा के दौरान स्वामी जी ने कहा अब समय आ गया है कि पर्यावरण को बचाये रखने के लिये सभी को आगे बढ़कर कार्य करना होगा। माँ गंगा, देश की सभी नदियाँ, पर्यावरण, पेड़ और बादल सभी को समान रूप से छाया, जल और फल देते है अतः हमें भीे इनके लिये मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा, स्वच्छता, समरसता और सद्भाव के संगम से ही देश में बदलाव सम्भव है। भारत की खुशहाली और हरियाली के लिये हरि और अली के मानने वालों को मिलकर काम करने की एकता नितांत आवश्यकता है।
स्वामी ने कहा कि गंगा माँ है और माँ गंगा कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करती वह सभी के साथ समान व्यवहार करती है, खेत चाहे श्यामलाल का हो या सलीम मोहम्मद का, साइमन का हो या फिर सोहन सिंह का या किसी अन्य का गंगा कभी भी किसी से भेद नहीं करती। पेड़, नदियां और अन्य प्राकृतिक संसाधन सभी के है। पेड़ अपने लिये नहीं जीते बल्कि पशु-पक्षियों को भी छाया देते है, वे अपना कोई फायदा नहीं देखते बल्कि देते ही रहते है और मनुष्य हमेशा अपने फायदे के लिये ही सोचते है। उन्होने सभी से आह्वान किया कि अपने स्वार्थ से उपर उठकर परमार्थ के लिये; पर्यावरण के लिये कार्य होगा तभी हम शान्त, सुरक्षित और समग्र विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकते है।’
स्वामी ने कहा कि धर्मगुरू की जिम्मेदारी है कि वे समाज के लोगों को आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने का संदेश दें।
आर.एस.एस. के वरिष्ठ वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य इन्दे्रश कुमार जी ने कहा कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और समृद्धि के लिये मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होने पर्यावरण संरक्षण के लिये पूज्य स्वामी जी महाराज के बृहद वृक्षारोपण अभियान में सबको सहयोग करने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सीनियर नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पौधा लगाने का संकल्प लेना होगा। इसके लिए पौधारोपण को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग मानना होगा तभी इस संकल्प को पूरा किया जा सकेगा।
शिया धर्मगुरु मौलाना कोकब मुजतबा जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन वास्तव में ’दिव्यता से परिपूर्ण दिव्य क्षेत्र है जहां प्रवेश करते ही एक अलौकिक आध्यात्मिक शक्ति का अहसास होता है। उन्होने कहा कि पूज्य स्वामी जी के संरक्षण में विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जो कार्य किये जा रहे है वे अत्यंत प्रेरक और अनुकरणीय है।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा आर.एस.एस. के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य प्रवक्ता इन्दे्रश जी और शिया धर्म गुरु मौलाना कोकब मुजतबा जी को भंेट किया। स्वामी जी महाराज ने सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया। सभी विशिष्ट अतिथियांे ने परमार्थ तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया।