जीतू ने कहा, ‘‘रियो बुरा अनुभव था. भाग्य ने साथ नहीं दिया. लेकिन अब वह इतिहास है और हमेशा की तरह मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं ताकि मैं देश के लिये अधिक से अधिक जीत सकूं. ’’
उन्होंने कहा कि ओलंपिक पदक जीतने का उनका सपना अब भी बना हुआ है.
जीतू ने कहा, ‘‘यह मेरा पहला ओलंपिक था और मैं वहां काफी उम्मीदें लेकर गया था. चीजें वैसे नहीं हुई जैसा मैं चाहता था लेकिन जो हो गया उसको लेकर मैं कुछ नहीं कर सकता.’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ओलंपिक पदक जीतने का मेरा सपना अब भी बना हुआ है और मैं यह कह सकता हूं कि मैं अपना लक्ष्य पूरा करने के लिये फिर से अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा और मैं ऐसा करने में सक्षम हूं. ’’
भारत 23 फरवरी से आईएसएसएफ विश्व कप की मेजबानी करेगा और जीत ने कहा कि इससे भारत में निशानेबाजी को लोकप्रियता दिलाने में मदद मिलेगी.