मुख्य सचिव ने राज्य स्थापना सप्ताह के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की
देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने राज्य स्थापना सप्ताह के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिये।
आज यहां मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य स्थापना सप्ताह के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस का राज्य स्तर तथा जनपद स्तर पर भव्य आयोजन किया जाना हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि इस वर्ष उत्तराखण्ड राज्य के स्थापना के 24 वर्ष पूरे हो जाएंगे तथा 25वीं रजत जयन्ती की शुरूआत हो जाएगी, इसलिए प्रदेशवासियों के लिए इसका विशेष महत्व है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप उत्तराखंड के जनमानस, अन्य प्रदेशों व विदेश में रहने वाले प्रवासियों तथा उत्तराखंड के विकास में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष भागीदार बनने वाले सभी लोगो को देवभूमि रजतोस्तव में भागीदार बनाया जाए। इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस 9 नवम्बर 2024 से अगले वर्ष 9 नवम्बर 2025 तक पूरे वर्ष मनाये जाने वाले ट्टट्टदेवभूमि रजतोत्सव’’ की शुरूआत भी हो जाएगी। इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस का आयोजन लगभग 6 नवम्बर से आरम्भ होकर सप्ताह भर तक किये जाने का प्रस्ताव है, जिसकी शुरूआत नई दिल्ली में उत्तराखण्ड सदन के शुभारम्भ, दिल्ली में रहने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत उत्तराखण्ड मूल के अधिकारियों, कार्मिकों व प्रवासियों की भागीदारी से आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अगले क्रम में प्रवासी उत्तराखण्ड सम्मेलन के आयोजन, भव्य खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, महिला सशक्तीकरण की थीम पर विशेष उत्सव का आयोजन, जरूरतमंदों के लिए बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन, मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का अयोजन, दिव्यांगों के लिए विशेष कार्यक्रम, विभिन्न सम्मान व पुरस्कार वितरण कार्यक्रमों का आयोजन, राज्य आन्दोलकारियों व शहीदों की गौरवगाथा जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने 24 वर्षों में राज्य की उपलब्धियों एवं विकास की सम्भावनाओं पर स्कूल व कॉलेज स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर इसमें युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साल भर आयोजित होने वाले देवभूमि रजतोत्सव प्रदेश के सभी वर्गों, विशेषरूप से महिलाओं, स्कूली बच्चों व युवाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने मण्डल स्तर तथा जिला स्तर पर भी राज्य स्थापना दिवस को भव्यता से आयोजित किए जाने हेतु विशेष तैयारियों के निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव विनय शंकर पांडे, दीपेंद्र कुमार चैधरी सहित सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने 108 असिस्टेंट प्रोफेसरों को दिये नियुक्ति पत्र
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5 विषयों में चयनित 108 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र दिये।
आज यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 05 विषयों में चयनित 108 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। हिन्दी, रसायन विज्ञान, भूगोल, जन्तु विज्ञान एवं राजनीति विज्ञान के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि धनतेरस के पावन अवसर पर मिलने वाला यह उपहार निश्चित ही आपके जीवन में खुशियों का प्रकाश फैलाएगा। आपके जीवन में सफलता का यह दिन मेहनत, समर्पण और लगन की वजह से ही आया है। उन्होंने कहा कि अध्यापन कोई सामान्य कार्य नहीं बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। विशेषकर उच्च शिक्षा मानवीय संसाधनों को तराशने का एक प्रमुख साधन है क्योंकि उच्च शिक्षा युवा शक्ति को सही दिशा देने का कार्य करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में प्रदेश के करीब 18 हजार 500 युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की जा चुकी है। आगे भी भर्ती प्रक्रिया निरंतर गतिमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय महाविघालयों एवं विश्वविघालयों में आधारभूत संरचनाओं का निरंतर विकास किया जा रहा है। 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है एवं महिला छात्रावास एवं आईटी लैब सहित परीक्षा भवनों आदि का निर्माण भी किया जा रहा है। जहां एक ओर मेधावी छात्रों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति और शोध को बढ़ावा देने के लिए प्राध्यापकों को 18 लाख रूपए तक का शोध अनुदान दिया जा रहा है वहीं गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग एवं वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण तथा 5000 छात्रों के प्लेसमेन्ट का लक्ष्य रखा गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में शत प्रतिशत फैकल्टी दी गई है। जिसमें 82 प्रतिशत नियमित फैकल्टी और शेष गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्य कर रहे हैं। राज्य में पिछले सात वर्षों में 51 कॉलेजों के भवन बनाये गये। 06 कॉलेजों को जल्द अपने भवन मिल जायेंगे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव पंकज पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. आशीष श्रीवास्तव, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अंजू अग्रवाल, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत उपस्थित थे।