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गुड न्यूज़ मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आम जनता से भी अपील की है कि जालसाजों से सचेत रहे जानिए समचार

Pahado Ki Goonj

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आम जनता से भी अपील की है कि जनता इस प्रकार के जालसाजों से सचेत रहे।

हे तथा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार से ही संपर्क करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जन्म -मृत्यु पंजीकरण के फर्जी मामलों की रोकथाम तथा आम जनता हेतु पंजीकरण प्रक्रिया को सरल एवं सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा एक नया सुदृढ़ पोर्टल (dc. crsorgi.gov.in) लॉंच कर दिया गया है। इसके माध्यम से परिवार का कोई भी सदस्य पोर्टल पर अपनी आई0 डी0 बनाकर परिवार में होने वाले जन्म या मृत्यु के पंजीकरण के लिए घर बैठे ही आवेदन कर सकता है। इसके लिए उसे केवल एक ईमेल एवं एक मोबइल नंबर की आवश्यकता होगी। आवेदन पश्चात् आवेदक किसी भी समय अपने आवेदन की स्थिती को भी देख सकता है। सम्बंधित रजिस्ट्रार द्वारा आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर आवेदन को स्वीकार कर लिया जाता है तथा डिजिटल प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। जारी किये गए इस डिजिटल प्रमाण पत्र की एक प्रति आवेदक द्वारा दिए गए ईमेल आई डी पर भी तत्काल ही उपलब्ध हो जाती है, जिसे वह किसी भी समय डाउनलोड कर उसका उपयोग कर सकता है। मुख्य सचिव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि चूँकि यह कार्य आम जनता के लिए ही है अतः जनता के बीच इसका उचित प्रचार प्रसार आवश्यक है, जिसके लिए संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में चल रहे जन्म -मृत्यु पंजीकरण कार्य की सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा की।

बैठक में प्रमुख सचिव, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जनगणना निदेशक, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा स्वास्थ्य निदेशालय, पंचायती राज, राजस्व विभाग, शहरी विकास, उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल, अर्थ एवं संख्या निदेशालय एवं जनगणना कार्य निदेशालय, भारत सरकार आदि के अधिकारी भी उपस्थित रहे।आगे पढ़ें

अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (SARRA) उत्तराखण्ड की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति (SLEC) की प्रथम बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि SARRA के गठन के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए सभी सम्बन्धित विभाग आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रस्तावों को समिति से स्वीकृत कराने से पूर्व सभी सम्बन्धित विभागों को इसके प्रस्ताव भेज कर विभागों से टिप्पणियां ले ली जाएं।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सूख रहे जलस्रोतों, नदियों एवं जलधाराओं का शीघ्रातिशीघ्र चिन्हीकरण कराते हुए उपचारात्मक कार्य शीघ्र शुरू किए जाएं। उन्होंने कहा कि परियोजना के मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए, साथ ही, मूल्यांकन एवं निगरानी के लिए समर्पित स्टॉफ की तैनाती की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों का श्रेणीकरण करते हुए प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक कार्ययोजना अगले एक माह में तैयार कर प्रस्तुत की जाए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि योजना को सफल बनाए जाने हेतु जन जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आमजन में वर्षाजल को संरक्षित कर नदियों एवं जलस्रोतों के पुनर्जीवन के लिए आमजन में जन-जागरूकता सहित सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने परियोजनाओं के लिए जनपदों को समय पर बजट आबंटित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने योजनाओं के ससमय क्रियान्वयन के लिए कैलेण्डर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक के दौरान समिति द्वारा प्रथम चरण में दीर्घावधिक उपचार हेतु प्रदेश की 5 नदियों सौंग (देहरादून-टिहरी), पूर्वी एवं पश्चिमी नयार (पौड़ी), शिप्रा (नैनीताल) एवं गौड़ी (चम्पावत) को चयनित किया गया।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (SARRA) श्रीमती नीना ग्रेवाल ने बताया कि प्रदेश में अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 तक जल संरक्षण अभियान आयोजित किया जा रहा है, साथ ही 10 जून से 16 जून 2024 तक जल उत्सव सप्ताह का भी आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में उपचार हेतु अभी तक कुल 5428 जलस्रोत चिन्हित किए गए हैं।

इस अवसर पर राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति के सदस्यों सहित सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

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