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ट्रेन की चपेट में आने से भाजपा नेता की मौत जानिए समचार

Pahado Ki Goonj
ट्रेन की चपेट में आने से भाजपा नेता की मौत

देहरादून । डोईवाला तहसील क्षेत्र के रहने वाले भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मंदीप बजाज ट्रेन की चपेट में आ गए। इस हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। मंदीप बजाज के निधन पर भाजपा के बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक हादसा लच्छीवाला पेट्रोल पंप के पीछे हुआ। बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह को करीब 8.30 बजे लच्छीवाला की साइड गए थे, तभी वो अचानक पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गए और इस हादसे में उनकी दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पीएम के लिए भेज दिया है।
डोईवाला निवासी भारत भूषण कौशल और गौरव मल्होत्रा ने बताया कि मंदीप बजाज बेहद मिलनसार व्यक्ति थे। मंदीप बजाज से भाई की जान भी सड़क हादसे में ही गई थी। मंदीप बजाज के निधन से पूरा समाज शोक में है। ऋषिकेश रोड मंदीप बजाज की संजय साइकिल वाले के नाम से पुरानी दुकान है।  डोईवाला कोतवाल प्रभारी विनोद गुसाई ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस को मौके पर भेजा गया था। पंचनामें के बाद पार्थिव शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि मंदीप बजाज सुबह घूमने गए थे, तभी यह हादसा हुआ।खुल गए भगवान भैरवनाथ के कपाट
रुद्रप्रयाग। बाबा केदारनाथ धाम के क्षेत्ररक्षक भैरवनाथ भगवान के कपाट भी शनिवार को विधिवत खुल गये हैं। भैरवनाथ भगवान के कपाट खुलने के बाद अब सायं से नित्य भगवान केदारनाथ की आरती होगी और भोग लगेगा। भैरवनाथ के कपाट खुलने की परंपरा आदि काल से चली आ रही है।
केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर्व पर खुल गये थे। शनिवार को केदारनाथ धाम में स्थित केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक भगवान भैरवनाथ के कपाट भी खुल गये हैं। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने भैरवनाथ के कपाट खोले। बता दें कि भैरवनाथ भगवान केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक के रूप में पूजे जाते हैं।
मान्यता के अनुसार जब केदारनाथ के कपाट बंद होते हैं, तो भैरवनाथ भगवान ही समस्त केदारनगरी की रक्षा करते हैं। जब तक भैरवनाथ के कपाट नहीं खोले जाते हैं, तब तक केदारनाथ भगवान की आरती नहीं होती है और भोग भी नहीं लगता है। भैरवनाथ के कपाट सिर्फ मंगलवार या फिर शनिवार को खोले जाते हैं। शनिवार को केदारनाथ के पुजारी ने विधि-विधान से भैरवनाथ के भी कपाट खोल दिये हैं। अब सायं से बाबा केदार की संध्याकालीन आरती शुरू हो जाएगी। अब भक्त केदारनाथ के अलावा भैरवनाथ के भी दर्शन कर सकेंगे।
केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि शनिवार को विधि-विधान से भगवान भैरवनाथ के भी कपाट खोल दिये गये हैं। एक अनुमान के मुताबिक अक्षय तृतीय पर करीब 29 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। शनिवार को सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड और सोनप्रयाग से 10 हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम को रवाना हुए थे।

पहाड़ पर बदला मौसम, झमाझम बारिश
जंगलों में लगी आग बुझी, गर्मी से राहत
देहरादून। बीती रात से पहाड़ का मौसम अचानक बदल गया है। रुद्रप्रयाग और चमोली से लेकर टिहरी और उधम सिंह नगर तक बीती रात से झमाझम बारिश हो रही है। जिससे पहाड़ का मौसम पूरी तरह बदल गया है। इस बारिश से एक तरफ जहां जंगलों में लगी आग की समस्या का समाधान हुआ है वहीं दूसरी तरफ लोगों को गर्मी से भी राहत मिली है। लेकिन इसके साथ ही इस बारिश से फसलों को नुकसान भी हुआ और चार धाम यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है।
टिहरी और चमोली से मिली खबरों के अनुसार यहां बीती रात से झमाझम बारिश होने की खबर है। वही रुद्रप्रयाग और उधमसिंह नगर में गरज के साथ बारिश होने की खबर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारिश से जंगल की आग पूरी तरह से शांत हो चुकी है। जंगल की यह आग बीते 15 दिनों से पहाड़ के लिए एक बड़ी मुसीबत बनी हुई है। जंगलों की आग के कारण जहरीले धुएं और धुंध तथा तपिश के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही थी बारिश के बाद लोगों को इस समस्या से निजात मिल गई है। वहीं जंगल की आग के कारण वन्य जीवों की जान पर भी संकट आ गया था तथा वन संपदा का भारी नुकसान हो रहा था। आग बुझने से वन विभाग के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। जंगल की आग के कारण जो जल स्रोत सूख गए थे वह भी बारिश के कारण रिचार्ज हो गए हैं।
हालांकि इस बारिश के कारण कहीं से भी किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है लेकिन किसानों की जो फसल खेतों में खड़ी है तथा आम लीची आदि की फसलों को नुकसान होने की भी खबर है। राज्य में चार धाम यात्रा की शुरुआत भी हो चुकी है। कल बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारी चल रही है तथा जो श्रद्धालु धाम जा रहे हैं उन्हे जरूर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद भी आमतौर पर लोग इसे वरदान ही मान रहे हैं।

केदारनाथः व्यापारियों व तीर्थ पुरोहितों का विरोध समाप्त, प्रशासन ने मानी मांगे
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए स्थानीय व्यापरियों एवं तीर्थ पुरोहितों के साथ जिला प्रशासन द्वारा यात्रा संचालन को लेकर चल रही वार्ता सफल रही। जिसके बाद सभी व्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहितों ने अपने प्रतिष्ठान सुचारू रूप से खोल दिए हैं।
एसडीएम ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में व्यापार संघ एवं तीर्थ पुरोहित समाज के साथ वार्ता सफल एवं सकारात्मक रही। वार्ता के बाद उनकी उचित मांगे मान ली गई हैं एवं वार्ता के बाद विरोध समाप्त कर सभी ने अपने प्रतिष्ठान खोल दिए।
केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन के लिए वो हमेशा प्रशासन के साथ तत्परता से खड़े हैं। बताया कि प्रशासन ने उनकी मांगे मान ली हैं जिसके बाद सभी प्रतिष्ठान खोल लिए गए हैं। ताकि केदारनाथ में दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

तीर्थयात्रियों की गाड़ी पर गिरा बोल्डर, कई लोग घायल
श्रीनगर। शनिवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर तोताघाटी के पास ं एक भारी भरकम बोल्डर श्रद्धालुओं के वाहन के ऊपर गिर गया। जिससे कई यात्री घायल हो गए।
तोताघाटी के पास शनिवार की सुबह बोल्डर यात्रियों के वाहन के ऊपर गिर गया। जिस कारण वाहन की छत दब गई और वाहन में बैठे चार लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना तुरंत बछेली खाल चौकी को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को वाहन से बाहर निकालते हुए चारों लोगों को 108 के माध्यम से बेस अस्पताल श्रीकोट भर्ती कराया। जहां चारों लोगों का इलाज किया जा रहा है। घायलों की पहचान 41 वर्षीय सुमित पुत्र लाल सिंह अशोक नगर दिल्ली, 42 वर्षीय विजय कुमार पुत्र हुकुम सिंह निवासी टैगोर नगर दिल्ली, 38 वर्षीय नरेश पुत्र खेम सिंह जेजे कॉलोनी दिल्ली, 42 वर्षीय वेद प्रकाश पुत्र अर्जुन दास उम्र 42 निवासी दिल्ली के रूप में हुई है।
बछेली खाल पुलिस स्टेशन प्रभारी महेंद्र राणा ने बताया कि दिल्ली से केदारनाथ जा रहे वाहन के ऊपर तोता घाटी के समीप बोल्डर गिरने की घटना हुई है। वाहन में सवार सभी चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जिन्हें पुलिस की मदद से बेस अस्पताल श्रीनगर पहुचांया गया। सभी का इलाज जारी है।आगे पढ़ें 

ज्वैलरी शोरूम में हुई चोरी का खुलासा, मां-बेटा गिरफ्तार


टिहरी। दिन दहाड़े ज्वैलरी शाप से जेवरात चुराने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने एक महिला व उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से चुरायी गयी लाखों की ज्वैलरी भी बरामद की गयी है। मामले में महिला के देवर सहित तीन और आरोपी फरार है जिनकी तलाश जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार बीती 2 मई को कुलवीर सिंह द्वारा अपनी कस्बा घनसाली स्थित ज्वैलरी शॉप में दिनदहाडे हुई चोरी की वारदात के सम्बन्ध में थाना घनसाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी गयी। जांच के दौरान सीसीटीवी खंगालने पर सामने आया कि घटना के दिन एक महिला व एक पुरुष अपने तीन अन्य साथियों के साथ एक जैन स्टेलो कार में उस दुकान में आये थे। जिस पर पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उक्त चोरी में शामिल एक महिला व उसके पुत्र को पौखाल बाजार से गिरफ्तार कर लिया गया। जिनके पास से चुरायी गयी सोने की चार मालाएं बरामद की गयी। पूछताछ में उन्होने अपना नाम सुनीता (51) पत्नी स्व. राम चन्दर निवासी अशोक विहार थाना लोनी गाजियाबाद व रितिक (19)पुत्र स्व.रामचन्दर बताया। बताया कि हम लोग कई शहरों में जगह जगह घूमकर उन ज्वैलरी शॉप को टारगेट करते हैं जिनमें कोई बुजुर्ग व्यक्ति अथवा महिला हों। हम उनको खरीददारी के बहाने से बातों में उलझाकर दुकान में रखी ज्वैलरी चालाकी से गायब कर देते हैं। महिला ने बताया कि काफी समय पहले मेरे पति का स्वर्गवास हो चुका है मेरे पांच बच्चे हैं और हम पर बहुत कर्जा हो गया है। जिसके चलते हमने 2 मई को घनसाली आकर अपने देवर सहित तीन अन्य को साथ लेकर उक्त ज्वैलरी शाप में चोरी की थी। जिसके बाद हम गाजियाबाद चले गये थे। यह सोचकर कि इनको पहाड की किसी छोटी दुकान में बेचेगें तो किसी को शक नहीं होगा, इसीलिये हम किसी आसान शिकार की तलाश में ज्वैलरी को साथ लेकर बेचने अपने साथियों के साथ यहां आ गये। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं जिनके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर कई शहरों में अन्य वारदातें भी की गयी हैं। मामले में महिला के देवर सहित तीन अन्य लोग फरार है जिनकी तलाश की जा रही है। बरामद ज्वैलरी की कीमत डेढ़ लाख रूपये बतायी जा रही है आगे पढ़ें 

किरायेदार ही निकले लूटेरे, गिरफ्तार


देहरादून। बुजुर्ग महिला को घायल कर जेवरात व स्कूटी लूट की घटना को अंजाम देने वाले किरायेदारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूटे गये जेवरात व स्कूटी बरामद कर ली। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया गया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 09 मई 2024 को राजेन्द्र सिंह बिष्ट निवासी नागल ज्वालापुर डोईवाला देहरादून द्वारा कोतवाली डोईवाला में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि 08 मई को वह अपने परिजनों के साथ एक समारोह मे बाहर गये थे,जब कार्यक्रम से वापस आये तो उनकी माता घायल अवस्था मे घर के आंगन मे पडी थी, जिनको उनके द्वारा उठाया गया तथा जानकारी करने पर उनकी माता द्वारा बताया गया कि रात्रि समय करीब 11 बजे 02 व्यक्ति, जिनके द्वारा अपने मुंह पर रुमाल बांधा था, छत के रास्ते से घर मे आये तथा उन्हें अकेला देखकर उनपर हमला कर दिया तथा उनसे छीना झपटी कर उनके गले से एक सोने की चौन व एक छोटा पर्स (जिसमे कुछ रूपये थे) छीनते हुए घर के आंगन मे खडी स्कूटी को भी उठाकर ले गए। उसकी मां द्वारा उनके घर पर रह रहे किरायेदारों मनीष व भरत पर उक्त घटना कारित करने का शक जाहिर किया गया, जो घटना के बाद से ही घर से गायब हो गए है। कोतवाली डोईवाला पर पुलिस टीम गठित की गयी, गठित टीम द्वारा घटनास्थल व आसपास के स्थानो पर सीसीटीवी कैमरो का अवलोकन किया गया। पुलिस टीम द्वारा काली माता मन्दिर के पास, लालतप्पड पर चौकिंग के दौरान घटना को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों मनीष त्यागी पुत्र लोकेश त्यागी निवासी ग्राम नकीतपुर थाना नहटौर जिला बिजनौर, तथा भरत पुत्र भीमाराम निवासी ग्राम पिलवाडा थाना पिलवाडा, जिला सिरोही, राजस्थान के कब्जे से घटना मे लूटी गयी स्कूटी सफेद रंग के साथ गिरफ्तार किया गया, आरोपियों की तलाशी लेने पर उनके पास से घटना में लूटी गई चौन, एक आधार कार्ड, रूपये 2 हजार रूपये नगद बरामद हुए। पूछताछ में उनके द्वारा बताया गया कि वे दोनों पुताई का कार्य करते हैं गिरफ्तार दोनों नशे के आदी हैं तथा अपने नशे की पूर्ति के लिए उनके द्वारा काफी लोगों से पैसे उधार लिए गए थे तथा अपनी बाइक को भी एक व्यक्ति के पास गिरवी रख दिया था, जिसे छुड़ाने के लिए उनके द्वारा लूट की घटना को अंजाम देने की योजना बनाई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

चारधाम यात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
प्रारंभिक दौर में ही चरमराई व्यवस्थायें, यात्री परेशान


रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा का आगाज कल केदारधाम और गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हो चुका है। शासन-प्रशासन के सुगम और सुरक्षित यात्रा के जो दावे किए जा रहे थे उनकी जमीनी हकीकत की कलई इस यात्रा के पहले ही दिन सामने आ गई है। यात्री हैरानकृपरेशान है और पानी पीकृपीकर शासन-प्रशासन को कोस रहे हैं। वही पंजीकरण की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बड़ी संख्या में लोग हरिद्वार से वापस लौट कर जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कल पहले ही दिन जहां केदारनाथ धाम में 29 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की खबर है जो धाम की क्षमता से तीन गुना ज्यादा है तथा वैसी ही स्थिति यमुनोत्री धाम में भी देखी गई। जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरीकुंड से कल शाम तक घोड़े खच्चरों का संचालन शुरू न होने से यात्री परेशान रहे और पैदल मार्ग पर उनके पीने के पानी की व्यवस्था न होने से यात्री व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को कोसते दिखे। उधर यमुनोत्री जाने वाले पैदल मार्ग पर कोई समुचित व्यवस्था न होने तथा दोनों ओर से यात्रियों के आनेकृजाने के कारण 2 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जिसमें फंसे वृद्ध, बच्चे और महिलाएं भारी परेशान दिखे। यात्रियों का कहना है कि ऐसी खराब व्यवस्था तो उन्होंने पहले कभी नहीं देखी है। धक्का मुक्की और खींचतान में भीड़ में फंसी महिलाएं और बच्चे शासन-प्रशासन पर झल्लाते दिखे।
उधर केदारनाथ राजमार्ग पर सिरोबगड़ और तिलवाड़ी क्षेत्र में सड़क पर मलवा होने के कारण 4 घंटे तक जाम लगा रहा। जानकारी के अनुसार यहां चल रहे सड़क निर्माण के कारण ऊपर से मलवा सड़क पर गिराया जा रहा है और फिर इसे नीचे एक गदेरे में धकेला जा रहा है। जाम के कारण 4 घंटे यहां वाहनों की आवाजाही बाधित रही लोगों का कहना था कि क्या सरकार और पर्यटन विभाग को पता नहीं था कि 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। उनके द्वारा सड़क निर्माण का काम पहले क्यों नहीं कराया गया अब यात्रा शुरू हो चुकी है ऐसे में अगर सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है तो यात्री तो परेशान होंगे ही।
सरकार भले ही खुश है कि चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। 26 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। हरिद्वार में जहां ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए व्यवस्था की गई थी वह ध्वस्त हो चुकी है। प्रशासन द्वारा ऋषिकुल ग्राउंड में खुले में टेंट लगाकर 20 रजिस्ट्रेशन सेंटर खोले गए हैं लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि लोगों को 6कृ6 घंटे में भी रजिस्ट्रेशन करने का मौका नहीं मिल रहा है। किसी काउंटर पर लैपटॉप काम नहीं कर रहे हैं तो कहीं मोबाइल काम नहीं कर रहे हैं। घंटों लाइन में लगे लोग थक कर बैठ जाते हैं फिर खड़े हो जाते हैं। व्यवस्थाओं को कोसते हजारों लोग हताश होकर वापस लौटने पर विवश हैं। उनका कहना है कि सरकार की व्यवस्थाएं एकदम खराब है। यहां कोई देखने वाला या सुनने वाला भी नहीं है।

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कपकोट मे महसूस किए गए भूकंप के झटके
बागेश्वर। कपकोट क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं थी। शनिवार को दोपहर करीब सवा बारह बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए।
बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं थी। शनिवार को दोपहर करीब सवा बारह बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की जानकारी के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई है।आगे पढ़ें 

 

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ऑपरेशन मुस्कान ने बिछड़ी बेटी के परिवार की लौटायी मुस्कान


रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान 4 वर्षीय बेटी के बिछड़ जाने पर सकते में आये परिवार की मुस्कान रूद्रप्रयाग पुलिस द्वारा चलाये जा रहे आपरेशन मुस्कान’ के तहत लौट सकी है। पुलिस ने अथक प्रयासों के बाद बालिका को खोज निकाला और परिजनों के हवाले कर दिया। जिसके बाद परिवार के लोगों द्वारा पुलिस का आभार जता कर अपने गंतव्य को जाया गया।
10 मई 2024 को जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल गये हैं। पहले दिन रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये। श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचने हेतु पैदल, घोड़े-खच्चर, डण्डी-कण्डी, पिट्ठू व हैलीकॉप्टर इत्यादि संशाधनों का उपयोग होता है। केदारनाथ धाम तक पैदल पहुंच मार्ग तकरीबन 16 कि.मी. है, ऐसे में गौरीकुण्ड से श्री केदारनाथ धाम तक जाने या केदारनाथ धाम से वापस आने वाले श्रद्धालु अक्सर अपने साथियों से बिछड़ जाते हैं। श्रद्धालुओं के बिछड़ने पर होने वाली परेशानी से बचने हेतु पुलिस द्वारा ऑपरेशन मुस्कान’ चलाया हुआ है और इसके लिए 5 स्थानों (केदारनाथ धाम, लिनचोली, भीमबली, गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग) में खोया पाया केन्द्र बनाये गये हैं।
ऐसा ही एक वाकया बीते रोज केदारनाथ धाम कपाट खुलने के उपरान्त हुआ। जिसमें गुजरात से आये श्रद्धालु पंकज प्रजापति जो कि अपने परिवार के साथ दर्शन के उपरान्त केदारनाथ से नीचे गौरीकुण्ड के लिए पैदल चले, उनके सहित परिवार के सदस्यों ने पैदल चलकर व अपनी 4 साल की बिटिया को पिट्ठू वाले की सहायता से नीचे को चले। राह चलते समय वह लोग पीछे रह गये और इनकी बिटिया दृषा आनन्द को लेकर पिट्ठू वाला आगे निकल गया था। इन्होंने अपनी परेशानी जिला प्रशासन द्वारा भीमबली क्षेत्र में नियुक्त सैक्टर अधिकारी को बतायी गयी, जिनके द्वारा बिछड़ी बालिका दृषा आनन्द का विवरण व फोटो प्रशासन के व्हट्सएप ग्रुप में डाला गया व स्वयं भी पुलिस स्टेशन प्रभारी गौरीकुण्ड से सम्पर्क स्थापित किया गया। पुलिस स्टेशन प्रभारी गौरीकुण्ड द्वारा इस सम्बन्ध में  खोया पाया केन्द्र पर तैनात पुलिस बल को सूचित किया गया व स्वयं भी अलर्ट रहे। इस दौरान आने वाले काफी पिट्ठू वालों को रोककर तस्दीक के उपरान्त आगे जाने दिया गया। काफी इन्तजार के बाद इस बालिका को लेकर आने वाला पिट्ठू वहां पर पहुंचा जिसे खोया पाया केन्द्र पर रोके रखा गया। अपने माताकृपिता को साथ न पाकर उत्तफ बालिका रो रही थी, चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड व पुलिस कार्मिकों ने इस बालिका को ढांढस बंधाया व खाने को चाय बिस्किट दिये। इसके परिजनों के आने पर बालिका दृषा आनन्द को उनके सुपुर्द करते हुए हिदायत भी दी गयी कि आपको अपनी बालिका को ऐसे नहीं छोड़ना था व पिट्ठू वाले को अपने हिसाब से चलने के लिए कहना चाहिए था। इस पर बालिका के पिता ने स्वयं की भूल मानते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित कर अपने गन्तव्य को प्रस्थान किया गया।

27 अवैध बस्तियों के 525 भवनों को भेजे गए ध्वस्तीकरण के नोटिस
देहरादून। नगर निगम ने रिस्पना के किनारे स्थित 27 बस्तियों में सरकारी भूमि पर बने 525 मकान चिन्हित कर लिए हैं। इनमें नोटिस भी चस्पा किए गए हैं। साथ ही संबंधित लोगों को 15 मई तक स्वयं अतिक्रमण हटाने का मौका दिया जा रहा है। इसके बाद गठित टास्क फोर्स जिला प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी। इसके बाद से मलिन बस्तियों में हड़कंप मचा हुआ है और बस्तीवासी बड़ी संख्या में नगर निगम पहुंच रहे हैं। बता दें कि एनजीटी और हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने अतिक्रमण और साल 2016 के बाद की अवैध बस्तियों को हटाने के लिए अपनी कमर कस ली है। जिसको लेकर नगर निगम ने पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक करीब 13 किमी की दूरी पर 27 अवैध बस्तियां चिन्हित कर ली हैं। यहां साल 2016 के बाद किए गए निर्माण को चिन्हित किया गया। मलिन बस्ती के संबंध में अध्यादेश लागू किए जाने के बाद नियम अनुसार साल 2016 के बाद के निर्माण अवैध माने गए हैं। नगर निगम द्वारा पहले चरण में 27 मलिन बस्तियों को चिन्हित किया गया है। वीर गब्बर सिंह कॉलोनी किशनगर, काठ बंगला ढाक पट्टी, काठ बंगला-2, आर्य नगर बस्ती करनपुर, बार्डी गार्ड जाखन, अंबेडकर कॉलोनी डीएल रोड अधोईवाला, रिस्पना खटीक कॉलोनी, विजय नगर अघोईवाला, भगत सिंह कॉलोनी अघोइवाला, पंचपुरी चंद्र नगर डालनवाला, गांधी बस्ती डालनवाला, चंदर रोड डालनवाला, बलबीर रोड डालनवाला, संजय कॉलोनी मोहिनी रोड धर्मपुर, शिव नगर अजबपुर, राजीव नगर भाग-2 रिस्पना, राजीव नगर भाग-1, रिस्पना नगर अजबपुर कला, अपर राजीव नगर धर्मपुर, केदारपुर मलिन बस्ती केदारपुर, दीप नगर अजबपुर कला, ऋषि नगर अघोईवाला, राजीव नगर कंडोली, आनंद ग्राम अघोईवाला, गैस गोदाम किशन नगर राजपुर रोड, नेमी रोड मलिन डालनवाला, शास्त्री नगर चूना भट्टा और इंद्रा पुरम कॉलोनी चिन्हित की गई हैं।  नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि 11 मार्च 2016 के बाद सरकारी जमीन पर बने भवनों को चिन्हित करने के लिए टास्क फोर्स गठित की गई थी। टास्क फोर्स ने मौके पर जाकर सर्वे किए। जहां बस्तियों में करीब 525 भवन चिन्हित किए गए। इनमें से 89 मकान नगर निगम, 12 मकान नगर पालिका मसूरी, 415 मकान एमडीडीए व 9 मकान राज्य सरकार की भूमि पर बने हैं।आगे पढ़ें 

अनियंत्रित कार दूसरी सड़क पर गिरी,चपेट में आने से दो घायल


मसूरी। शनिवार सुबह हिल बर्ड स्कूल के समीप एक कर अनियंत्रित होकर दूसरी सड़क पर जा गिरी। कार की चपेट में एक स्कूटी में सवार दो लोग आ गए। एक स्कूटी चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसको स्थानीय लोगों की मदद से उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसको देहरादून रेफर कर दिया।
घटना की सूचना मिलने पर मसूरी पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच में जुट गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह के समय एक कार बार्लाेगंज से मसूरी की ओर आ रही थी। मोड़ पर अचानक से कार का स्टेयरिंग लॉक हो गया। इस वजह से वह अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे एक स्कूटी में बैठे दो लड़कों को टक्कर मारते हुए दूसरी सड़क पर जा गिरी। हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस युवक को उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया।
पता चला कि सड़क किनारे पैराफिट ना होने के कारण पूरा हादसा पेश आया है। अगर सड़क किनारे पैराफिट होता तो शायद गाड़ी सड़क पर ही रुक जाती। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को कई बार सड़क किनारे पैराफिट के निर्माण करने के लिये कहा गया, परन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। डॉ संतोष नेगी ने बताया कि स्थानीय लोगों के द्वारा दो युवकों को अस्पताल लेकर आया गया था। इनमें से प्रदीप पनौली पुत्र स्वर्गीय गोपेश्वर पनौली निवासी चंबा उम्र 34 वर्ष के सिर में गंभीर काफी चोट है। उसको प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। वहीं नरेंद्र सिंह नेगी पुत्र सोहन सिंह नेगी निवासी भंडार गांव चंबा उम्र 32 वर्ष जो ग्रीन चौक पर अर्बन टर्बन में शेफ का काम करता है, उसको हल्की चोट आई थी. प्राथमिक उपचार कर उसे डिस्चार्ज दिया गया है।

यमुनोत्री आए दो श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मौत
उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा के पहले प्रमुख तीर्थ धाम यमुनोत्री यात्रा पर आए पहले दिन ही दो श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम को अलग अलग स्थानों पर हार्ट अटैक से श्रद्धालुओं की मौत हो गई।मध्यप्रदेश के सागर जिले के रामगोपाल (71) और उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की विमला देवी (69 ) की मौत हुई है। एसएचओ संतोष सिंह कुंवर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पंचनामा की कार्रवाई की जा रही है।

वनाग्नि में झुलसी महिला की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत
श्रीनगर। वनाग्नि में झुलसी महिला की उपचार के दौरान देहरादून के निजि अस्पताल में मौत हो गयी।
सात तारीख को जंगल की आग में झुलसी महिला को श्रीनगर गढ़वाल के बेस अस्पताल में बर्न यूनिट ना होने के चलते महिला को हायर सेंटर एम्स ऋषिकेष ले जाया गया। वहां बेड ना होने के चलते महिला को देहरादून के अस्पताल भर्ती किया गया। बुरी तरह झुलसने और समय पर सही इलाज नहीं मिलने के कारण महिला ने दम तोड़ दिया है। इस मामले में वन विभाग का कहना है कि उन्हें 9 मई को घटना की जानकारी प्राप्त हुई। अब महिला के परिवार को मुआवजा राशि देने की कार्रवाही शुरू कर दी गयी है.
जंगल की आग से झुलसी ब्लॉक कीर्तिनगर के ग्राम पंचायत मणजूली की कांति देवी (62) पत्नी विजय सिंह ने देहरादून में निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। महिला के पुत्र मस्तान सिंह ने बताया कि उनकी माता 7 मई को गांव के पास के जंगल में चारापत्ती लेने गई थीं। इसी दौरान तेज हवा चलने से जंगल की आग वहां तक पहुंच गई। आग की चपेट में आकर वह झुलस गईं। शोर मचाने पर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कांति देवी को बेस अस्पताल श्रीकोट पहुंचाया। वह करीब 85 प्रतिशत तक झुलस गई थीं। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर किया था। लेकिन वहां बेड न मिलने पर उन्हें देहरादून अस्पताल ले गए। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
वहीं इस मामले में खाखरा रेंज के रेंजर दिनेश जोशी ने बताया कि 9 मई को ग्राम प्रधान के माध्यम से उन्हें घटना की जानकारी मिली थी। जब वे महिला का हाल जानने अस्पताल पहुंचे तो महिला को देहरादून भेज दिया गया था। उन्होंने बताया कि घटना के सम्बंध में जांच की जा रही है।

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