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दारोगा के खिलाफ मां-बेटी से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज

Pahado Ki Goonj

हरिद्वार: ज्वालापुर कोतवाली में एक दारोगा सहित तीन लोगों के खिलाफ मां-बेटी से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया है। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र निवासी पीड़ि‍ता ने एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार को डाक से शिकायत भेजी थी। जिस पर एडीजी ने मुकदमा दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़ि‍ता ने एडीजी को भेजे पत्र में बताया था कि कुछ साल पहले वह कॉलोनी निवासी अनिल कुमार, ईश्वर चंद और उस समय कोतवाली में सिपाही रहे प्रदीप कुमार के कहने पर शराब बेचती थी। पति दिव्यांग और बच्चे छोटे होने के चलते वह मजबूरी में शराब बेचकर ही घर चला रही थी। उस दौरान तीनों लोगों ने जबरन शारीरिक संबंध बनाए। महिला का आरोप है कि सिपाही अब दारोगा बनकर ज्वालापुर कोतवाली में आया और उसकी बेटी के साथ संबंध बनाए।

विरोध करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई। महिला ने दारोगा सहित तीनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इंसाफ न मिलने पर बेटी सहित आत्मदाह की चेतावनी भी दी गई। एडीजी के निर्देश पर ज्वालापुर कोतवाली में दारोगा प्रदीप कुमार, अनिल कुमार व ईश्वरचंद के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट व धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

मीडिया से दबाए रखा गया मामला

मामला दारोगा से जुड़ा होने के चलते मुकदमे की जानकारी मीडिया से छिपाए रखी गई। ज्वालापुर कोतवाली में यह मुकदमा 28 दिसंबर को दर्ज हुआ। मीडिया को रोजाना दर्ज मुकदमों के बारे में दी जाने वाली जानकारी में भी इसका जिक्र नहीं था।

पहले हटाया, फिर दे दी कुर्सी

दुष्कर्म जैसा संगीन आरोप लगने पर एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने ज्वालापुर कोतवाली में तैनात दारोगा प्रदीप कुमार को हटाकर पथरी थाने भेज दिया, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही दारोगा प्रदीप कुमार को खड़खड़ी चौकी प्रभारी बना दिया गया। इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

आखिर कहां गायब हो गया परिवार

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी, लेकिन अब पीड़ि‍त परिवार नहीं मिल पा रहा है। पुलिस कई बार कॉलोनी में पहुंचकर महिला व उसके परिवार के बारे में जानकारी जुटा चुकी है, मगर अभी तक परिवार का कुछ पता नहीं चल पाया है। सवाल यह है कि आरोप लगाने वाली महिला व उसका परिवार आखिर कहां गायब हो गया।

दूसरा सवाल यह भी है कि क्या महिला काल्पनिक है और किसी ने झूठी शिकायत की है। अगर ऐसा है तो उसके पीछे क्या उद्देश्य रहा होगा। एडीजीपी अशोक कुमार ने खुद जांच के दौरान परिवार न मिलने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हर पहलू से जांच की जा रही है।

अशोक कुमार ( एडीजी लॉ एंड आर्डर) का कहना है कि डाक के जरिए एक शिकायत मिली थी। जिसमें एक दारोगा सहित तीन लोगों पर दुष्कर्म के आरोप लगाए गए थे। शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे।

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