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दून संस्कृति ने जी एम एस रोड स्थित होटल में सावन का त्योहार बरसात से शिव विवाह का मंचन किया ; डॉ रमा गोयल

Pahado Ki Goonj

दून संस्कृति ने आज 28 जुलाई को जी एम एस रोड स्थित होटल कमला पैलेस में सावन का त्योहार मनाया। जिसका थीम बरसात से शिव विवाह था।
कार्यक्रम की शुरुवात मुख्य अतिथि डा रश्मि त्यागी रावत, दून संस्कृति की डायरेक्टर डा रमा गोयल, अध्यक्ष कल्पना अग्रवाल एवम् एक्जीक्यूटिव सदस्यो ने दीप प्रज्वलित कर की।
अतिथि देवो भव की परंपरा को निभाते हुए मुख्य अतिथि का स्वागत पटका, माला और  काली हल्दी के पौधा देकर किया।

डॉ रमा गोयल ने सभी सदस्यो को सावन की बधाई दी और सभी का स्वागत  अपने  सार गर्भित ओजस्वी  वाणी के शब्दों से किया।
रेखा पुंडीर ने बरसात में, नेहा गुप्ता ने चूड़ी चमके, डॉली चौहान चूड़ी भी जिद पर आई है, मेघा ने चूड़ी, कुसुम सिंह ने मोरनी बनके, अंकिता ने सावन गीत पर नृत्य किया। सीमा एवम् संगीता ने शिव पार्वती रूप में चल गोरा तुझे मेला दिखाऊं, पर कार्यक्रम किया। अनुभा एवम् सरिता जी ने स्किट किया। निधि , दया एवम् मोनिका ने शिव बारात निकाली। शिव जी का तिलक कर रस्में निभाई।
मुख्य अतिथि डा रश्मि त्यागी रावत जी, डॉ रमा गोयल एवम् कल्पना अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए। इस बार की सजावट सीमा गोयल जी ने की। सावन के झूले का अलग से सबने आनंद लिया। 

देश में  हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दून संस्कृति ने सराहनीय प्रयास किया है।मातृ शक्ति के प्रयास  जारी रखने की जरूरत है।हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश की आशायें देश में फैलाने वाले लोगों में  मातृ शक्ति की  अहम भूमिका होगी।इनके प्रयासों से  देश  विश्व गुरू बनाने में सहयोग करेगा।दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसन्न्ता अपने जीवन को सफ़ल होने के लिए  संस्कृति का संरक्षण करना आवश्यक होता है।

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पहाड़ों की गूँज  राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र  काली हल्दी लगाने के लिए सन 2022 से  ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को  जागरूक करने का प्रयास करते आरहे है।पहाड़ों की गूँज  समाचार पत्र में  प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए दून संस्कृति की टीम ने फैसला लिया कि इस  पावन पर्व सावन के महीने में  बहु गुणकारी  काली हल्दी के  पौधे  सभी सदस्यों को लगाना चाहिए  ।इसकी  पैदा वार करने से प्रदेश समृद्ध बनाने के लिए सहायक होगा। प्रदेश के विकास के साथ साथ प्रदेश में  पलायन रुकेगा।अपने संबोधन में  रमा गोयल ने कहा कि जिस सदस्य के द्वारा अच्छे पौधे तैयार किया जाएगा उनको  संस्था  निरीक्षण करने के बाद  सम्मान प्रदान करने का काम करेगी।य़ह  प्रयास अवश्य  प्रदेश में  रोजगार के अवसर घर घर  पैदा करेगा य़ह बिचार पुष्कर सिंह  चौहान  अध्यक्ष  भागीरथी  प्रयास  फाउंडेशन ने व्यक्त किए हैं।राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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एडवोकेट विकेश सिंह नेगी।
सम्पर्क :- 97582 22922

*चाय बागान की जमीनों में बड़े फर्जीवाडे का खुलासा, आसाम के मोती लाल अग्रवाल का नाम आया सामने*

– लाडपुर में साढ़े चार एकड़ जमीन खुर्द-बुर्द, प्रशासन चुप

– चाय बागान की जमीन की हो सीबीआई जांच: विकेश नेगी

देहरादून। चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त का फर्जीवाड़ा अब भी जारी है। अब लाडपुर में चाय बागान की लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस जमीन को आसाम के पते पर मोती लाल अग्रवाल ने खरीदा है। अहम बात यह है कि जिस पते पर इस जमीन की रजिस्ट्री हुई है वह पता इस मामले में विवादित भूमालिक संतोष अग्रवाल का भी है। चाय बागान की जमीन का फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि इस मामले के उजागर होने से साबित होता है कि भूमाफिया का गैंग अंतरराज्यीय है। उन्होंने कहा कि चाय बागान की जमीन के फर्जीवाड़े और खरीद-फरोख्त की जांच सीबीआई के सुपुर्द करनी चाहिए।
चाय बागान की जमीन लाडपुर, रायपुर, चकरायपुर, नथनपुर, मसूरी और विकासनगर में है। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी कि सीलिंग की जमीन को कुछ भूमाफिया अफसरों के साथ सांठगांठ कर खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन थोड़ा सतर्क हुआ। इस मामले की सुनवाई अपर जिलाधिकारी डा. शिव बरनवाल कर रहे हैं।
जांच के दौरान पता चला कि संतोष अग्रवाल ने अपनी मृत मां के नाम की चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त की है। बल्कि पर्लव्यू होटल भी बना दिया है, जो कि पूरी तरह से अवैध है। संतोष अग्रवाल ने फर्जीवाड़ा कर 1952 की अपनी मां के नाम से रजिस्ट्री की आड़ में चकरायपुर के खसरा नंबर 203, 204 और 205 की अवैध तरीके से बेचने का प्रयास किया है। उसने सहारनपुर में कुछ लोगों के खिलाफ अपनी जमीन होने का दावा कर केस दर्ज करा दिया। जबकि यह जमीन सीलिंग की है और इस पर सरकार का हक है। इस बीच जमीन का एक और दावेदार उमेश कुमार सामने आया और उमेश ने इसी खसरा नंबरों पर 1984 की रजिस्ट्री के आधार पर देहरादून में केस दर्ज करा दिया और इस जमीन पर अपना कब्जा बताया। एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार दोनों ने फर्जीवाड़ा किया है। दोनों का इस जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। इसके बावजूद पुलिस ने अब तक इन दोनों को गिरफ्तार नहीं किया।
इस बीच एडवोकेट नेगी ने खुलासा किया है कि इसी गैंग ने लाडपुर में खसरा नंबर 80/3, 19 सितम्बर 1975 की रजिस्ट्री के आधार पर साढ़े चार एकड़ भूमि मोतीलाल अग्रवाल के नाम पर खरीदी। अहम बात यह है कि मोती लाल अग्रवाल के निवास का पता भी वही है जो संतोष अग्रवाल का है। दोनो ही आसाम निवासी हैं और एक ही पते पर रहते हैं। मोतीलाल ने इसी तरह से मसूरी में भी एक रजिस्ट्री चंद्रबहादुर की जमीन की कराई। सरकार ने जांच में इसे फर्जी पाया।
एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में 21 जून 2022 को इसकी शिकायत एसडीएम, एडीएम और डीएम से भी की, लेकिन शासन ने इसकी जांच नहीं करवाई है। एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा है कि चूंकि यह मामला अरबों रुपये के फर्जीवाडे का है और गैंग के तार कई राज्यों में फैले हुए हैं। ऐसे में इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

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