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उत्तराखंड को मिला साहसिक पर्यटन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार’

Pahado Ki Goonj
6 साल से फरार मसूरी गैंगरेप का हत्यारोपी बिहार से गिरफ्तार
19 साल की युवती को तेजाब से जलाकर मारा था
घटना में 9 आरोपियों ने नाम आए थे सामने
देहरादून। कोतवाली मसूरी पुलिस ने 6 साल से गैंगरेप और हत्या मामले में फरार 25 हजार के इनामी आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की गिरफ्तारी बिहार में नेपाल सीमा से की गई है। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने इस मामले का खुलासा किया। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि आरोपी ने अपने 9 साथियों के साथ मिलकर युवती का गैंगरेप किया था।
बता दें 13 जुलाई 2017 को मसूरी से करीब 02 किलोमीटर नीचे चूनाखाला के जंगल में एक युवती का शव पेड़ पर लटका हुआ मिला। जिसका चेहरा झुलसा हुआ था। मौके पर फॉरेन्सिक टीम ने आवश्यक साक्ष्य संकलन करते हुए हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने अज्ञात शव की शिनाख्त के प्रयास किए। शव की पहचान पुरोला उत्तरकाशी निवासी 19 वर्षीय युवती के रूप में हुई। जिसके संबंध में 15 जुलाई 2017 को कोतवाली मसूरी में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया।
घटना के संबंध में जांच करने पर पता चला कि युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या की गयी। उसके चेहरे पर तेजाब डालकर उसकी पहचान छुपाने का प्रयास किया गया। घटना को अंजाम देने वाले 9 आरोपियों के नाम सामने आए। जिसमें से 7 आरोपियों को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर जेल भेजा। दो आरोपी बिट्टू और जयकरण भगत लगातार अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहे थे।पुलिस ने घोषित किया था 25 हजार का इनाम
देहरादून। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया फरार दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय से गैर जमानती वारंट नोटिस जारी किए गए। साथ ही आरोपी बिट्टू साहनी और जयकरण के लगातार फरार चलने पर डीआईजी गढ़वाल ने 25-25 हजार का इनाम घोषित किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया। गठित टीम ने बिट्टू साहनी निवासी लक्ष्मीपुर जिला सीतामढ़ी बिहार के स्थानों पर दबिशें दी। मुखबिर की सूचना पर 15 मार्च को इनामी बिट्टू साहनी को सीतामढ़ी बिहार से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया।

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बंद कमरों में मिली महिला व तीन बच्चों की लाश
कई दिनों पुरानी बताई जा रही लाश
मृतकों में एक 6 महीनें का बच्चा भी शामिल
बागेश्वर के जोशीगांव की घटना
मृतक परिवार का मकान गांव से बाहर स्थित

बागेश्वर। जोशीगांव में एक मकान से एक महिला और उसके तीन बच्चों के शव मिलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी। मृतकों में एक 6 महीने का बच्चा भी है। पुलिस जब घर के अंदर पहुंची तो शव सड़ी-गली अवस्था में थे। जिसने भी घटना के बारे में सुना या देखा वे हैरान रह गए। वहीं, लोगों की मानें तो कुछ दिन पूर्व घटनास्थल के आसपास से बच्चे के रोने जैसी आवाज भी लोगों ने सुनी। इसके पीछे अंदेशा जताया जा रहा है कि मृतक बच्चा भाष्कर तब शायद जिंदा हो लेकिन लोग बच्चे के रोने का सटीक अनुमान नहीं लगा सके। लोगों ने इसे मन का भ्रम मानकर गंभीरता से नहीं लिया।
वहीं, जोशीगांव की घटना को होली के आसपास की मानी जा रही है। तब से गांव के लोगों ने मृतका और उसके बच्चों को नहीं देखा था। सीओ अंकित कंडारी ने कहा कि घटना होली के बाद की हो सकती है। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
जोशीगांव निवासी गोविंद सिंह बिष्ट का मकान गांव के अन्य मकानों से हटकर था। दो साल पहले यह मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया था। गोविंद सिंह के परिवार ने यह मकान छोड़ दिया था। करीब दो साल से इस मकान में भूपाल राम परिवार सहित रहने लगा था। गांव के अन्य मकानों से करीब सौ मीटर की दूरी पर होने से इस मकान की ओर गांव के लोगों की आवाजाही कम थी।
बृहस्पतिवार शाम गांव के कुछ लोग इस मकान के पास से गुजरे तो उनको बदबू महसूस हुई। इसकी चर्चा गांव में हुई तो ग्रामीण मौके पर पहुंचे। घर के दोनों दरवाजे भीतर से बंद थे। कमरों से बदबू आ रही थी। इसके बाद लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी और जब पुलिस पहुंची तो घर से तीन बच्चों समेत चार शव बरामद हुए। पुलिस की पड़ताल में घर के भीतर भूपाल राम की पत्नी नीमा देवी 40 वर्ष, पुत्री अंजलि 14वर्ष, पुत्र कृष्णा 8 वर्ष, पुत्र भाष्कर 6 माह के शव होने की पुष्टि हुई।
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उत्तराखंड को मिला साहसिक पर्यटन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार’
ट्रैवेल और टूरिज्म कॉन्क्लेव में प्रदान किया पुरस्कार
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया है। राज्य को यह पुरस्कार गुरूग्राम के होटल में एक मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित ट्रैवेल और टूरिज्म कॉन्क्लेव में प्रदान किया गया।
राज्य को यह पुरस्कार अजय भट्ट माननीय राज्य मंत्री पर्यटन एवं रक्षा मंत्री, भारत सरकार,  रोहन खौंटे पर्यटन मंत्री, गोवा की गरिमामयी उपस्थित में प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज ने कहा,  यह हमारे लिए बड़े ही गौरव का विषय है कि देवभूमि की पहचान धार्मिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य के अतिरिक्त अब साहसिक पर्यटन गतिविधियों में भी बढ़ी है। साहसिक पर्यटक गतिविधियों में हमने पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग, कयाकिंग जिप लाइनिंग, बोटिंग, स्कीइंग बंजी जम्पिंग को बढ़ावा देने के लिए कई नये स्थलों का चुनाव एवं उन्हें विकसित किया है। इनमें राफ्टिंग गतिविधि के लिए चम्पावत में टनकपुर, पिथौरागढ़ में जौलजीवी, उत्तरकाशी में काली और तौस नदी में, पैराग्लाइडिंग के लिए पौड़ी जिले के सतपुली, देहरादून के मालदेवता, नैनीताल के खुरपताल और कोटाबाग के अलावा और नई टिहरी आदि को विकसित किया है। जिप लाइनिंग के नये स्थलों में कनाताल, संकरी, धनौल्टी एवं ऋषिकेश आदि शामिल हैं।  हाल ही में हमने रिवर राफ्ट गाइडों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन रखा जो दो महीने तक चला। इस कार्यक्रम में पर्यटकों की सुरक्षा हेतु गाइडों को प्राथमिक चिकित्सा, सीपीआर तकनीक एवं विभिन्न सुरक्षा किटों के बारे जानकारी दी गई । आगामी सितंबर एवं अक्टूबर महीने में हम रिवर राफ्टिंग की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का संचालन कर रहे हैं और इस दौरान अधिक से अधिक पर्यटकों के आगमन की आशा करते हैं।
चार धाम यात्रा के बारे में बताते हुए पर्यटन मंत्री ने बताया कि 18 फरवरी 2023 से प्रारंभ हुए चारधाम यात्रियों के पंजीकरण के तहत अब तक कुल 3,91,758 श्रद्धालुओं के पंजीकरण किए जा चुके हैं जिनमें, केदारनाथ के लिए 1,76,527, बद्रीनाथ के लिए 1,45,345, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के लिए क्रमशरू 35,213 और 34,673 यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि चार धामयात्रा व्यवस्थाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कार्य में लगा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम गेस्ट हाऊसों के लिए 16 फरवरी 2023 से शुरू हुई बुकिंग के तहत अभी तक कुल 49139262 (चार करोड़ इक्यानवे लाख उनचालीस हजार दो सौ बासठ) की धनराशि की बुकिंग की जा चुकी है।

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लाठीचार्ज कांडः  कमिश्नर की जांच रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग
विभिन्न संगठनों ने गवर्नर को प्रेषित किया ज्ञापन
दोषी अधिकारियों को दंडित करने की भी उठाई मांग

देहरादून। अब जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर गलती स्वीकार करते हुए बेरोजगारों पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लेने की विधानसभा सत्र के दौरान घोषणा कर दी है, ऐसे में लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए तथा इस संदर्भ में गढ़वाल कमीश्नर की एकतरफा रिपोर्ट को अविलंब निरस्त किया जाना चाहिए। सभी शीर्षस्थ अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए, जो सही मायनों में इस घटना के लिये जिम्मेदार हैं। इसी संदर्भ में आज विभिन्न राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों तथा ट्रेड यूनियनों ने महामहिम राज्यपाल को सात सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत कर उस पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन में सीपीएम के सुरेंद्र सिंह सजवाण ,सीपीआई के गिरधर पण्डित ,माले के इन्द्रेश मैखुरी ,यूकेडी क् उत्तमसिंह ,राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के नवनीत गुंसाई ,महिला मंच की निर्मला बिष्ट ,महिला समिति की इन्दुनौडियाल ,अभिवाहक संघ की उर्मिला, किसान सभा के गंगाधर नौटियाल ,पीपुल्स फोरम के जयकृत कंडवाल, एस एफ आई के हिमांशु चैहान, छात्र संघ की सोनाली,चेतना आन्दोलन के गणेशन, पीपुल्स साइंस मूवमेंट के विजय भट्ट ,जनसंवाद के सतीश धौलाखंडी ,जनसरोकार से त्रिलोचन भट्ट ,पहाड़ी पार्टी से नेगी ,सीटू से लेखराज ,एटक से अशोक शर्मा, इन्टक के पंकज क्षेत्री के अलावा ,राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश ,दमयंती नेगी ,एस एस रजवार ,कमरूद्दीन ,नुरैशा ,नितिन मलेठा ,प्रेंमसिंह दानू ,अभिषेक भंडारी ,बालेश बवानिया ,शम्भु प्रसाद मघ्मगाई ,भगवन्त पयाल व सुधा देवली आदि के हस्ताक्षर शामिल हैं।

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टिहरी, नैनीताल में बारिश के साथ जबरदस्त औलावृष्टि

टिहरी  ओलावृष्टि  की  वीडियों  देखे
टिहरी, नैनीताल। शुक्रवार दोपहर को मौसम ने करवट बदली और तेज बारिश शुरू हो गई। इसी बीच जबरदस्त ओलावृष्टि होने लगी और सड़कों पर ओलों की बर्फ जैसी सफेद चादर बिछ गई।

बारिश व ओलावृष्टि से पर्यटकों सहित स्थानीय लोग जहां-तहां ठिठकने को मजबूर हो गए और उन्हें सुरक्षित ठिकाने की तलाश करनी पड़ी। इस दौरान सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
यहां शुक्रवार सुबह हल्के बादलों के बीच धूप खिली थी, दोपहर को एकाएक मौसम बदला और तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश व ओलावृष्टि से झील में गिरने वाले नाले उफान पर आ गए तो सड़कें जलमग्न हो गई। जलभराव से सड़कों पर जाम लग गया। स्कूली बच्चों की भी फजीहत हुई। वहीं नैनीताल में लंबे समय बाद तेज बारिश से लोग खुश नजर आए।
इससे पहले गुरुवार को भी नैनीताल में दोपहर बाद ओलों के साथ रिमझिम बारिश ने धरा को तरबतर कर दिया था। बेमौसम बारिश में सैलानियों की फजीहत हुई। गुरुवार को पांच मिमी बारिश दर्ज की गई है। बेमौसम बारिश ने सैलानियों के नगर सैर के आनंद को किरकिरा कर दिया।
गुरुवार को दोपहर बाद अचानक घने बादलों ने डेरा डाल दिया और बरसना शुरू कर दिया। करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई बारिश का दौर सवा चार बजे तक जारी रहा। इस बीच कुछ देर के लिए ओले भी बरसे। इस दौरान विभिन्न शहरों से पहुंचे सैलानियों की फजीहत हुई।
मौसम में आए बदलाव से ठंड में भी बढ़ोतरी हो गई। इधर नैनी झील का जलस्तर पांच फिट से नीचे बना हुआ है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते इन दिनों उत्तराखंड में मौसम लगातार करवट बदल रहा है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा, चोटियों पर हिमपात की आशंका जताई है। साथ ही निचले क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि और अंधड़ को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया

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पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का येलो अलर्ट
ंदेहरादून। कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जनपदों में गरज के साथ बिजली चमकेगी। इसके अलावा कई क्षेत्रों में ठंडी हवाएं भी चलेंगी। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण राज्य में आगामी कुछ दिनो तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के आसार हैं। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
वहीं, तीन हजार मीटर से कम ऊंचाई वाले इलाकों में ओलावृष्टि हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जनपदों में गरज के साथ बिजली चमकेगी। इसके अलावा कई क्षेत्रों में ठंडी हवाएं भी चलेंगी। 19 मार्च को राज्य के कई स्थानों पर बारिश के आसार हैं।
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अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल, भारी फोर्स तैनात
ंरुद्रपुर। उत्तराखंड के रुद्रपुर में नेशनल हाइवे 87 किनारे स्थित लोहिया मार्केट से अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हो गया। गुरुवार रात प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो आंदोलित व्यापारियों में खलबली मच गई। देर रात डीडी चैक पर भारी संख्या में व्यापारी एकत्र हुए। प्रशासन ने दुकानें तोड़ने की मुनादी कराई तो कई व्यापारी बिलख उठे। देखते-देखते दुकानें खाली होने लगीं। जिसके बाद वहां धारा-144 लागू कर दी गई, लेकिन लोग नहीं माने और शुक्रवार सुबह फिर सड़कों पर आ गए। जिसके बाद विरोध करने वालों को पुलिस ने हिरासत में लेने की कार्यवाई शुरू की। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ के बेटे गौरव बेहड़ को पुलिस ने हिरासत में लेकर पंतनगर थाने में बैठाया। वहीं, पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा और कांग्रेस नेता अनिल शर्मा को भी हिरासत में लिया। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और उनके भाई संजय ठुकराल को भी हिरासत ले लिया गया। एसएसपी मंजूनाथ टीसी और एसपी सिटी मनोज कत्याल सहित अन्य अधिकारी वहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि शहर के करीब पांच व्यापारी नेता व जनप्रतिनिधियों को नजरबंद किया गया है।

सामुहिक दुष्कर्म और हत्या का वांछित आरोपी गिरफ्तार
देहरादून। सामूहिक दुष्घ्कर्म और हत्घ्या के मामले में वांछित इनामी आरोपित का पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह मूल रूप से बिहार निवासी है।
छह साल पहले मसूरी में एक महिला की सामूहिक दुष्घ्कर्म के बाद हत्घ्या कर दी गई थी। उसकी पहचान न हो सके, आरोपितों ने तेजाब से उसका चेहरा जला दिया था। नामजद नौ आरोपितों में से सात की गिरफ्तार कर ली गई थी, दो अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर थे।
इनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने अपनी पहचान बिट्टू साहनी उर्फ सुरेन्द्र साहनी निवासी लक्ष्मीपुर थाना सहियारा जिला सीतामड़ी बिहार के रूप में बताई।
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हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने किया जिला बदर,
अल्मोड़ा। जिला कोतवाली पुलिस ने विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हिस्ट्रीशीटर आरोपित के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की है। आरोपित को क्वारब पुल में अल्मोड़ा और नैनीताल जिले की सीमा में छोड़ा गया। छह माह तक अल्मोड़ा में प्रवेश न करने की सख्त हिदायत दी।
मुख्यालय के राजपुरा, भ्यारखोला निवासी हिस्ट्रीशीटर सोनू पवार कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहता है। इन दिनों भी उसकी गतिविधियां आपराधिक प्रवृति की चल रही थी। उसके विरुद्ध गुंडा एक्ट के तहत भी विस्तृत रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित की गई थी। इस दौरान जिला मजिस्ट्रेट ने आरोपित सोनू को छह माह के लिए जनपद की सीमा के बाहर रहने के आदेश जारी किए थे।
आदेश के तहत कोतवाल राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में पुलिस ने गुरुवार की देर शाम आरोपित के मोहल्ले में मुनादी करवाई। इसके बाद पुलिस उसे लेकर अल्मोड़ा और नैनीताल जिले की सीमा क्वारब लेकर गई। नैनीताल की सीमा में भेजकर जिला बदर की कार्रवाई की गई। उसे छह माह तक अल्मोड़ा जिले की सीमा में प्रवेश न करने की सख्त हिदायत दी। अगर इस समय अवधि में वह जिले में प्रवेश करेगा तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर आवश्यक कार्रवाई करेगी।
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खाते खुलवाने के बाद लाखों की रकम लेकर कंपनी संचालक फरार
हल्द्वानी। कंपनी में लोगों के खाते खुलवाने के बाद लाखों की रकम लेकर संचालक फरार हो गए। मामले में पुलिस को तहरीर सौंप कार्रवाई की मांग की गई है।
पुलिस को सौंपी तहरीर में राजकुमार पुत्र दीवान राम निवासी दमुवाढूंगा जवाहर ज्योति काठगोदाम ने कहा है कि वर्ष 2018 में कलावती कॉलौनी चैराहा, नवाबी रोड, ऐली ग्लोबल माइक्रो फाईनेन्स ऐसोसिएशन नामक कम्पनी का शाखा कार्यालय खुला। इस कंपनी का क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ व कॉरपोरेट कार्यालय राजकमल प्लाजा बी-48, सत्तरा ताल्लुक नव रंगपुरा, अहमदाबार, गुजराज में होना बताया गया। कम्पनी की ओर से एफडी, आरडी व अन्य छोटी बचत योजनाओं का चार्ट जारी किया गया। शाखा के शाखा प्रबन्धक विनोद सोलंकी व क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ के निदेशक सुशील धरोलिया, उमेश बालकिशन व संजय भट्टाचार्य ने उसे कंपनी की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी दी तो वह झांसे में आ गया। इस पर उसने कंपनी में कई लोगों के खाते खुलवा दिए और पैसे जमा करवाने शुरू कर दिए। यह जमा धनराशि ग्रहकों को तीन वर्ष की अवधि के पश्चात् ब्याज सहित लौटाई जानी थी। जुलाई 2021 में तीन वर्ष की अवधि पूर्ण होने के पश्चात् जब खुलाए गए खातों से सम्बन्धित पासबुक कम्पनी के कार्यालय में जमा की गई तो शाखा प्रबंधक विनोद सोलंकी ने कुछ दिनों में भुगतान का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बाद ग्राहकों को धनराशि का भुगतान नहीं किया गया।   इतना ही नहीं संचालक कार्यालय बंद कर फरार हो गए। इस तरह कई लोगों से करीब 80 लाख की धोखाधड़ी की गई। पीडित का कहना है कि इस संबंध में पूर्व में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब पुलिस ने एसएसपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कर अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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डीआईटी विश्वविद्यालय ने आयोजित की इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट
देहरादून। डीआईटी विश्वविद्यालय ने के बीच डीआईटी परिसर, एमपीएस स्टेडियम, परेड ग्राउंड और पवेलियन ग्राउंड में अपने वार्षिक अंतर-विश्वविद्यालय खेल ‘स्फूर्ती’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मेजर जनरल पीएस राणा वीएसएम (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया था। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो जी रघुराम ने की और संचालन डॉ मनीषा असिस्टेंट डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने किया। डीन स्टूडेंट वेलफेयर खेल परिषद के अध्यक्ष डॉ जबरिंदर सिंह ने वार्षिक खेल रिपोर्ट पेश की। फुटबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट और टेबल टेनिस जैसे प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें देश भर की 64 टीमों ने भाग लिया। भाग लेने वाली टीमों ने जबरदस्त खेल भावना और प्रदर्शन के अविश्वसनीय प्रदर्शन का खुलासा किया। डीआईटी यूनिवर्सिटी, वेदांता ऑडिटोरियम में पुरस्कार वितरण समारोह के बाद पूरे आयोजन को बड़ी सफलता मिली।  कार्यक्रम के सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर प्रो प्रियदर्शन पात्रा, चीफ प्रॉक्टर डॉ नवीन सिंघल और डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ राकेश मोहन ने सम्मानित किया।
ओवरऑल ट्राफी डीएवी कॉलेज देहरादून ने जीती। इवेंट-वार विजेता एसजीआरआर यूनिवर्सिटी (क्रिकेट), दून यूनिवर्सिटी (बैडमिंटन), डीएवी (फुटबॉल और टीटी) एनएएस-मेरठ (बास्केटबॉल-बॉयज) ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी (बास्केटबॉल-गर्ल्स) और क्वांटम यूनिवर्सिटी (वॉलीबॉल) थे। डीआईटी विश्वविद्यालय (क्रिकेट और बास्केटबॉल), उत्तरांचल विश्वविद्यालय (बैडमिंटन), ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय (फुटबॉल), दून ग्रुप (बास्केटबॉल गर्ल्स) और डीआईटी विश्वविद्यालय और मातृत्व विश्वविद्यालय (वॉलीबॉल) और डीआईटी विश्वविद्यालय उपविजेता रहे। ए (टेबल टेनिस)। डीआईटी फैकल्टी और पूर्व छात्रों के बीच एक दोस्ताना क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया और अतिरिक्त मुख्य प्रॉक्टर पीएस शर्मा और खेल अधिकारी आरएस चैहान द्वारा समन्वयित किया गया। डीआईटी विश्वविद्यालय में डीएसडब्ल्यू कार्यालय ने रैफरियों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को बधाई दी। समापन समारोह में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल था, जिसमें गणेश वंदना, बीट बॉक्सिंग, गढ़वाली नृत्य आदि शामिल थे
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बजट केवल खुशामद नहीं

हंगामा तो होगा क्योंकि हम कह रहे, शुक्र है कि गुम बहस में कह रहे। बहाना कुछ भी हो हिमाचल कम से कम यह सोचने पर मजबूर तो हुआ कि सरकार को भी वित्तीय अनुशासन में रहकर फैसलों की तहजीब बनानी होगी। क्या चुनावी मोड में सरकारें इतनी उदार हो सकती हैं कि हर फैसला मोहर बनकर तसदीक कर दे कि फलां सरकार ने हिमाचल का नक्शा बदल दिया। बेशक खारिज हुए 920 संस्थान एक बहुत बड़ा आंकड़ा है, लेकिन टहनियां रोप कर फूल नहीं उगते। विकास का बीजारोपण आर्थिक हिसाब और वित्तीय रखरखाव पर निर्भर करता है। वर्तमान सरकार जिस आर्थिक पिच पर खड़ी है, वहां प्रश्र उठाने की मौलिकता पहली बार यह बता रही है कि बाउंडरी के भीतर रह कर भी गेंदबाजी से कुछ रिकार्ड अर्जित किए जा सकते हैं। हम इसे पक्ष या विपक्ष समझें, तो भाजपा का आक्रोश सरकार की निरंतरता से सवाल कर रहा है।
इसके साथ स्वाभिमान और अतीत में एक सरकार की राजनीतिक मिलकीयत में मापी गई जमीन का फैसला पलटने जैसा विवाद पैदा किया जा सकता है, लेकिन नैतिकता की दृष्टि से ऐन चुनाव के वक्त घोषणाओं की लोरियां अव्यावहारिक तथा संदेहास्पद क्यों न मानी जाएं। सवाल तो उन परिपाटियों से भी है जो पिछले कई चुनावों से सरकार में होने को इसी तरह निपटाते हुए बंदरबांट कर रही हैं। यही वजह है कि स्कूल है, तो बच्चे नहीं। बच्चे हैं, तो मास्टर नहीं। अस्पताल है, तो डाक्टर नहीं। डाक्टर है, तो मरीज को इलाज के लिए अन्यत्र धकेला जा रहा है। लगातार तीन दिन से विपक्ष अपनी राजनीतिक आरजू में डिनोटिफाई संस्थानों का पक्षधर बनकर सरकार को घेर रहा है। ऐसे में जनता के सामने पहली बार यह प्रश्र उठा है कि क्या कभी प्रदेश के फैसले आर्थिक औकात देखकर भी होंगे या हमें नुमाइशी स्कूल चाहिएं, शिक्षा नहीं। बात बजट से भी आगे उन ख्वाहिशों की हो चली है जो राजनीतिक प्रभाव से सारे अर्थतंत्र का कचूमर निकाल रही हैं। हिमाचल में कमोबेश हर सरकार ने जरूरत से कहीं ज्यादा और औचित्य से बाहर निकलकर नए कार्यालय व संस्थान खोल दिए, लेकिन किसी ने बाद में झांकने की कोशिश नहीं की कि इनका सदुपयोग कैसे होगा या इनके कारण कार्यसंस्कृति कितनी सुधरी है।
सवाल यह भी है कि मात्रात्मक प्रसार ने सरकारी दक्षता से गुणवत्ता छीन ली। कभी ऐसा ऑडिट नहीं हुआ कि इतने बड़े ढांचे के बावजूद प्रदेश नाकामयाब क्यों हो रहा है। हर मैरिट खिसक कर क्यों निजी क्षेत्र के नाम हो रही है या बेहतर इलाज की रिपोर्ट क्यों सरकारी मेडिकल कालेज तक खारिज होकर किसी निजी अस्पताल के नाम क्यों हो रही। अरबों खर्च करने के बावजूद पूरे प्रदेश की सरकारी इमारतों की दीवारें क्यों कांप रहीं। सरकारी वास्तुकला कब पारंगत होकर यह बता पाएगी कि हमने भी भविष्य के स्तंभ खड़े किए हैं। जलशक्ति विभाग ही अपनी पेयजल आपूर्ति का मुआयना कर ले, तो पता चल जाएगा कितनी परियोजनाएं बिना फिल्टरेशन के ही पानी पिला रही हैं। हिमाचल की आर्थिकी को किसान के खेत या बागबान के बागीचे पर देखते, तो सबसे बड़ी बहस सिंचाई परियोजनाओं, आवारा पशुओं, बंदरों, माल ढुलाई कोरिडोर या रोप-वे पर होती। प्रदेश को बेरोजगार बना रहे शिक्षा संस्थानों की कमजोरियों पर बहस करते या उन विकल्पों पर विचार करते जो बीबीएन जैसे औद्योगिक केंद्र को सुदृढ़ करने में सहायक होते। क्या विधानसभा से बहिर्गमन कभी यह पूछने का दुस्साहस करेगा कि वर्षों बाद भी हिमाचल में एक अदद आईटी पार्क क्यों नहीं बना, क्यों चैदह साल बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय उधार के भवनों में झूल रहा है। आश्चर्य यह कि हिमाचल की बहस भी प्रदेश पर निगाह डालती है, तो कई क्षेत्रवाद बाहर निकल आते हैं और यह भी कि हर बजट की आंख में सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों की पगार और अधिकार जैसे हुजूम में अपनों की पहचान होती है। ऐसे में भले ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी की गारंटियों से बंधे हैं, लेकिन बजट केवल खुशामद नहीं हो सकता।
यह पहला अवसर है और जिस तरह सुक्खू सरकार ने अपने आईने में व्यवस्था परिवर्तन का नारा चस्पां किया है, आज का बजट एक नई तासीर पेश कर सकता है। सरकार अगर आर्थिक दिशा के रास्ते बदल पाई, वित्तीय व्यवस्था की हकीकत में कुछ जोड़ पाई या कठिन फैसलों की ईमानदारी में नैतिकता जोड़ पाई, तो एक नई इबारत में जनता को भी कुछ कारगर संदेश मिलेंगे। आज तक बहस के बजाय राजनीतिक प्राथिमकताओं को साध्य बना कर जनता के सरोकारों को अफीम चटा कर रखा गया। क्या अपने बजट के सरोकारों के साथ सुखविंदर सुक्खू जनता के समर्थन को जुटा पाएंगे, यह लिखावट नहीं आर्थिक दीवारों पर लिखी गई हिमाचल की स्थिति तथा आत्मविश्लेषण की तहरीर को आत्मसात करने की अनिवार्यता भी रहेगी। सदन की बहस, राज्य की वास्तविक स्थिति और परिवर्तन की इच्छाशक्ति के प्रदर्शन के लिए आज का बजट, अपना योगदान सार्थक कर सकता है।
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राज्यपाल से आइएचएम के प्रधानाचार्य डॉ0 जगदीप खन्ना ने शिष्टाचार मुलाकात की

*राजभवन देहरादून 17 मार्च, 2023* राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में आइएचएम देहरादून के प्रधानाचार्य डॉ0 जगदीप खन्ना ने शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को संस्थान के क्रिया-कलापों और गतिविधियों की जानकारी दी। राज्यपाल ने हाल में ही सम्पन्न हुए वसंतोत्सव में आइएचएम द्वारा लगाए गए […]

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