देश एंव प्रदेश मे राज करने वाली सरकार का रवाया मजदूर विरोधी होने के चलते शोषण होरहा है।न्यूनतम मजदूरी भी सरकार व निजी संस्था नहीं देरहि है।
देहरादून:अपनी कर्मशीलता,मेहनत,और कठिन परिश्रम से देश दुनिया में नए निर्माण में जुटे सभी मजदूर भाई बहनों को मजदूर दिवस या मई दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, अमेरिका में 1886 और भारत में 1923 से प्रारम्भ मजदूर दिवस आज के दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है ,देश दुनिया में कोई भी निर्माण कार्य हो बिना मजदूरों के कभी भी नही हो सकता है,कोई भी उद्योग हो या सरकार का कोई भी निर्माण कार्य बिना मजदूरों के मेहनत के बिना कभी भी सम्पन या शुरू नही हो सकते हैं, मेरी नजर में मजदूर सिर्फ पत्थर फोड़ने ही वाले नही है मैं हर उस व्यक्ति को मजदूर मानता हूँ जो दिन भर बड़े सेठों, लालाओं,मालिकों के नीचे काम करते हैं, पत्थर फोड़ने वाले मजदूर तो कम से कम दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद अपने परिवार के पास तो चले जाता है,और अपने कठिन शारीरिक कार्य के कारण स्वस्थ रहता है लेकिन एसी कमरों और शूट पहने ,टाई लटकाए,जींस टी शर्ट और चमचमाते जूते पहने मजदूर बन्द कमरों में सर सर कहते या मैंम मैंम कहते हुए देखे जा सकते है,भले ही वो लोग बड़ी कम्पनी का नाम देकर लोगों के सामने कहे कि आराम की नौकरी है लेकिन मानसिक रूप से थकाने वाली इस तरह की बन्द कमरों में बैठकर किये जाने वाली मजदूरी लोगों को तरह तरह की बीमारियों से भी जूझना होता है,कोई शूगर का मरीज,कोई बीपी का मरीज,कोई मोटापे से परेशान,कोई हार्ट,या किडनी जैसी गम्भीर बीमारी से परेशान,लेकिन इन कोट पैंट टाई वालों को लगता है कि मालिक के वे बेहद खास है और पूरी कम्पनी सिर्फ उन्ही के कारण चल रही है,जबकि सच्चाई कुछ और ही होती है,बड़े बड़े बनियों के सर्वाधिक शोषण के शिकार यही एसी कमरों में बैठे लोग होते हैं, मजदूरों से 8 घण्टे से अधिक काम न कराने वाले नियम,मजदूरों के हितों की रक्षा करने वाले नियम,उनको समय समय पर चिकित्सा की जाँच,उनके परिवार से मिलने वाले समय में कटौती करना,छुटी में कटौती करना,समय पर छुटी न देना आदि सभी बातों का उल्लंघन सबसे पहले इन्ही शूट,टाई पहने,एसी कमरों में बैठे मजदूरों के साथ होता है,मालिक को कभी भी ये नही भूलना चाहिए कि यदि उनका कारोबार सही और सफल तरीके से चल रहा है तो इसके पीछे उनके मजदूरों की कठिन मेहनत और ईमानदारी लिखी है,मजदूर दिवस पर एक मजदूर होने के नाते यही कहूंगा कि सभी बड़े कारोबारी लोगों को भगवान सद्बुद्धि दे कि वे अपने मजदूरों का ख्याल रखे उनके हितों की रक्षा करें,8 घण्टे से अधिक उन्हें कोल्हू के बैल की तरह न जोते,समय पर छुटी और मजदूरी,तन्खाह देते रहें,सभी मजदूर भाइयों से निवेदन कि शोषण के खिलाफ जरूर अपने साथी का साथ दे,अपनी यूनियनों का साथ दे,याद रखे मालिक हमेशा,मालिक होता है,खुद को इस गलतफहमी में न रखे कि मैं मालिक का बेहद करीबी हूँ,बल्कि अपने मजदूर साथियों पर हो रहे अत्याचार और शोषण के विरुद्ध आवाज उठायें,पुनः मई दिवस,अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर सभी मजदूर भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं,अपना ख्याल रखें क्योंकि हर निर्माण की नींव आपके कुशल हाथों से ही शुरू होती है,अपने हकों के लिए लड़ना भी सीखे,अपना शोषण न होने दे,शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद कीजिये, हर निर्माण कार्य में समर्पित,संगठित,असंगठित सभी क्षेत्रों के मजदूरों को आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर पत्र परिवार की ओर से बहुत बहुत बधाई।
मजदूर एकता जिन्दाबाद।
चन्द्रशेखर पैन्यूली