मसूरी। कोरोना संक्रमण के चलते रस्किन बॉन्ड अपना 87वां जन्मदिन घर पर अपने परिजनों के साथ मनाया। इस अवसर पर वह किसी भी प्रशंसक से नहीं मिले। हालांकि वे आम लोगों के साथ केक काटना पसंद करते हैं। हर साल वे मालरोड स्थित कैंब्रिज बुक डिपो पर अपने प्रशंसकों के बीच अपना जन्मदिन मनाते थे। लेकिन कोरोना को देखते हुए इस बार ऐसा संभव नहीं हो पाया। पद्म भूषण रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 में हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। उनका बचपन शिमला में बीता. पद्म भूषण बॉन्ड 1964 में पहली बार मसूरी आये और यहां की खूबसूरत वादियों को छोड़ कर जा नहीं पाए। आम लोगों को अपनी लेखनी का मुरीद बनाने वाले बॉन्ड 150 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं। पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक हैं, जिसमें देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं। उनकी प्रमुख पुस्तकों में द ब्लू अम्बरेला, द नाइट ट्रेन एट देहली, देहली इज नाॅट फाॅर रस्किन, अवर ट्री ग्रो इन देहरा, टाइम स्टाॅप एट शामली, ए फेस इन द डार्क एंड अदर हंटिंग, कमिंग अराउंड द माउंटेन, ए सीजन ऑफ घोस्ट शामिल हैं। लोगों के बीच अपना जन्मदिन मनाना पसंद करने वाले बॉन्ड ने इस बार अपने परिवार के साथ ही केक काटा। इस मौके पर उनके मुंह बोले पुत्र राकेश, उनकी पत्नी व तीन बच्चे मौजूद थे। इस मौके पर रस्किन बॉन्ड ने अपने पाठकों का धन्यवाद किया और देश वासियों को कोरोना संक्रमण महामारी में घर पर ही रहने का संदेश दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल स्थिति सामान्य होगी तो एक बार फिर प्रशंसकों के बीच अपना जन्मदिन मनाएंगे।
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Wed May 19 , 2021