LIVE: देहरादून में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को बहुउद्देशीय क्रीडा भवन, परेड ग्राउंड देहरादून में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी को खेल दिवस की शुभकामना दी तथा हॉकी के जादूगर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रतिभाग करने वाले उत्तराखंड के 4 खिलाड़ियों ( लक्ष्य सेन, परमजीत सिंह, सूरज पंवार, अंकिता ध्यानी ) को 50 – 50 लाख की धनराशि के चेक प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल की वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में राज्य के खिलाड़ियों को एक ही स्थान पर अपना पंजीकरण करने एवं उपलब्धियां दर्ज करने के उद्देश्य से UKSRS पोर्टल भी लाचं किया गया है। उन्होंने उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के 3900 ( 1950 बालक एवं 1950 बालिकाएं) खिलाड़ियों को डी.बी.टी के माध्यम से कुल 58 लाख 50 हज़ार रूपये की छात्रवृत्ति वितरित की। मुख्यमंत्री ने 269 राष्ट्रीय, 58 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं 65 प्रशिक्षको, इस प्रकार कुल 392 लोगों को डी.बी.टी के माध्यम से 7 करोड़ 4 लाख की पुरस्कार धनराशि का भी वितरण किया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, देहरादून के छात्रों हेतु खेल गतिविधियों से जुड़ी स्नातक कक्षाओं को भी प्रारंभ किया जाएगा। जिसे निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जायेगा। मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत चयनित 2600 खिलाडियों में से 10 प्रतिशत खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर चयनित कर विशेष प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी। भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा संचालित टारगेट ओलम्पिक पोडियम योजना की भांति राज्य सरकार द्वारा भी टारगेट इंटरनेशनल पोडियम योजना संचालित की जायेगी। जिससे कि उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित करने में सहायता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का खेल के क्षेत्र में दिया गया योगदान प्रेरणादायी है। पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियो एवं पैरा ओलंपिक में प्रतिभाग करने जा रहे सभी खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा उत्तराखंड के जिन खिलाडियों ने पेरिस ओलंपिक तक का सफर तय किया है, यह अभी इन खिलाडियों की शुरूवात है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश भर में खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु हर स्तर पर अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। देश के हर खिलाड़ी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री निरंतर उनसे संवाद करते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में खेल के लिए मजबूत आधार तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नई खेल नीति लागू की गई है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरियों में प्रमोशन देने की शुरुआत की गई है। इसके तहत 31 खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रदान की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय बनाने के लिए विधेयक भी पास कर दिया गया है। राज्य में खेल विश्वविद्यालय बनने से हमारे खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण, सुविधायें एवं अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना की है। जिसमें पूर्व निर्धारित धनराशि में 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के लिए खेल किट खरीदने हेतु दी जाने वाली धनराशि को 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किया गया है। राज्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। राज्य में उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार एवं हिमालय खेल रत्न पुरस्कार भी प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने खेल कोटे को फिर से लागू कर दिया है। खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के साथ खेल अवस्थापनाओं को भी मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूद विभिन्न खेल मैदानों को राष्ट्रीय स्तर के मैदानों के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य के लिए हर्ष का विषय है कि प्रदेश को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना राज्य के लिए बड़ा अवसर है।
खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने राष्ट्रीय खेल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित है। उन्होंने पहले के समय में चुनौतियों का सामना करते हुए पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया। आज अभिभावक अपने बच्चों को खेल के क्षेत्र में भी आगे बढ़ा रहे हैं। जब मेहनत और जुनून की पराकाष्ठा पार हो तब परिणाम जादूगरी में ही दिखते हैं। उन्होंने कहा खिलाड़ी की उपाधि आसान नही है। खिलाड़ी असंभव कार्य को संभव करके दिखाता है। मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में ऐतिहासिक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
खेल मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत खिलाड़ियों के चयन एवं उनके लिए संसाधनों हेतु आर्थिक सहयता प्रदान की जा रही है। राज्य में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही खेल सामग्री का वितरण भी किया जाएगा। 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी उत्तराखंड राज्य को मिली है, जिसके लिए सारी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, निदेशक खेल श्री जितेंद्र सोनकर एवं खेल जगत से जुड़ प्रतिनिधि उपस्थित थे। आगे पढ़ें
मुख्यमंत्री ने की आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा*
*भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों तथा रैनफाल की तकनीकि संस्थानों से अध्ययन कराये जाने के दिये निर्देश*
*भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली की जाय विकसित*
*सभी अधिकारी आपदा की चुनौतियों का आपसी समन्वय से करें सामना*
*आपदा प्रभावितों की मदद करना हमारी जिम्मेदारी-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं वीडिया क्रांन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री से सभी जिलाधिकारियों से जनपदों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान तथा राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को वरूणावत भूस्खलन क्षेत्र के तकनीकि अध्यनन् के लिए आई.आई.टी रूड़की एवं टी.एच.डी.सी. से सहयोग के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में पूर्व में हुए अध्ययनों का भी संज्ञान लिया जाए ताकि लैंडस्लाइड जोन के उपचार की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने जानकीचट्टी के आसपास के क्षेत्रों के उपचार एवं विस्तारीकरण के कार्यों में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से भूस्खलन क्षेत्रों की सूची तैयार करने तथा बरसात समाप्त होते ही सड़क मरम्मत सहित अन्य पुर्ननिर्माण योजनाओं पर तेजी से कार्य किए जाने के लिए टेण्डर प्रक्रिया अविंलब प्रारंभ करने को कहा। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग के मरम्मत के साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों तथा रेनफाल की स्थिति की भी तकनीकि संस्थानों से अध्यनन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में होने वाले पुर्ननिर्माण कार्यों पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली को विकसित किये जाने तथा आपदा की चुनौतियों का आपसी समन्वय से सामना किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा मद में धनराशि की सीमा बढ़ाये जाने से निर्माण कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे। आपदा पीड़ितो की सहायता एवं पुननिर्माण कार्यों के लिए धनराशि की कमी न होने देने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण विकास कार्य प्रभावित न हो इस दिशा में भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने 7-8 जुलाई को सितारंगज टनकपुर बनबसा तथा तराई भाबर के क्षेत्रों में दशकों बाद भारी मात्रा में पानी जमा होने तथा बाढ़ की स्थिति पैदा होने की स्थिति के भी अध्ययन की जरूरत बताई। उन्होंने जल निकासी प्रणाली तथा ड्रेनेज सिस्टम को और प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों की जिलाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए इसके रिस्पांस टाइम को और बेहतर बनाये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों की तुरंत मदद करना हमारी जिम्मेदारी है। हम आपदा को रोक तो नहीं सकते है, लेकिन उसके प्रभाव को पीड़ितो की मदद कर कम कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वृक्षारोपण की रिपोर्ट तैयार करने तथा अमृत सरोवरों की स्थिति की भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। सभी कार्य धरातल पर दिखाई दे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर में भी भारी वर्ष की संभावना के दृष्टिगत सभी अधिकारी सतर्क रहे तथा वर्षा के बाद होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में आपदा की स्थिति, राहत, पुनर्वास तथा पुर्ननिर्माण से संबंधित कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा मद में हुई धनराशि वृद्धि से क्षतिग्रस्त सम्पत्तियों, आवासीय भवनों, मूलभूत सेवाओं को सुचारू किये जाने तथा वृहद योजनाओं को भी पुननिर्मित करने में मदद मिलेगी।
बैठक में उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु,, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आर. राजेश कुमार, एस.एन.पाण्डेय, रविनाथ रामन, डॉ पंकज कुमार पाण्डे, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, बी.आर.ओ के अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें
जनपद टिहरी के सकलाना क्षेत्रांतर्गत दुबड़ा- रगड़गाँव मोटर मार्ग की सुविधा ग्राम वासियों को जल्द से जल्द मिल सके, इस हेतु जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा जांच टीम गठित की गई है।
पीएमजीएसवाई के अंतर्गत दुबड़ा-रगड़गाँव मोटर मार्ग कुल लंबाई 16 किमी से दुबड़ा, तौलिया काटल, सौंदणा व रगड़गाँव आदि क्षेत्र के लोगो को सड़क की सुविधा मिलती है। दुबड़ा-रगड़गाँव मोटर मार्ग के किमी 8.55 सेतु निर्माण में चिफल्टी नदी का स्पान बढ़ने के कारण विलंब हो रहा है, जिसके मध्यनजर राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई की संयुक्त टीम गठित की गई है।
जिलाधिकारी ने टीम को क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने तथा निरीक्षण के उपरांत पीएमजीएसवाई को तत्काल सेतु का कार्य प्रारम्भ कर यथाशीघ्र मार्ग को सुचारू करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने सेतु के सुचारू होने तक क्षेत्र के लोगों के आवागमन हेतु ह्यूम पाईप एवं अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए हैं।
अधिशासी अभियंता लोनिवि थात्यूड़ लोकेश सारस्वत ने बताया कि रगड़गांव में विधायक निधि एवं मनरेगा से स्थाई पुल बनाया गया है, जिससे आवाजाही हो रही है। सौंदणा में ट्राली रिपेयर का कार्य प्रगति पर है, जिसके 15 से 20 दिन का अंदर पूर्ण होने की संभावना है तथा चिफल्डी में संयुक्त निरीक्षण के उपरांत पीएमजीएसवाई द्वारा ह्यूम पाईप आदि अन्य कार्य किए जायेंगे।
सहायक अभियंता पीएमजीएसवाई आलोक सिंह ने बताया कि आर.के.के. मोटर मार्ग किमी. 15 से रगडगांव मोटर मार्ग के किमी. 8.55 में 48 मीटर स्पान स्टील गर्डर सेतु के निर्माण कार्य होना है। कार्यस्थल पर बाईं ओर के एबटमेंट कि राफ्ट एवं 03 लिफ्ट का कार्य किया गया है। इस एबटमेंट में कुल 10 लिफ्ट एवं कैप का कार्य किया जाना है।बांयी ओर के एबटमेंट हेतु कार्य होना शेष है। पुल के फेब्रिकेशन का कार्य लगभग 40 प्रतिशत हुआ है। बताया कि दो महीने से चिफल्डी गदेरे में जलस्तर बढ़ जाने के कारण एवं मानसून सत्र में मोटर मार्ग के बार-बार अवरूद्ध होने के कारण कार्य नही हो पा रहा है। वर्तमान में क्षेत्र के लोगों के आवागमन हेतु पैदल वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसके कल तक बन जाने की संभावना है।