दिल्ली में इस बार आयोजित होगा ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी का चातुर्मास्य महामहोत्सव
पंचदिवसीय गौ संसद् और श्रीविद्या साधना शिविर का होगा आयोजन
वाराणसी,
परमाराध्य परमधर्मधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती 1008 जी महाराज का 22वां चातुर्मास्य व्रत महामहोत्सव इस बार आगामी संवत 2081गौ सम्वत्सर आषाढ़ पूर्णिमा से भाद्रपद पूर्णिमा तदनुसार दिनांक 21 जुलाई से 18 सितंबर तक दिल्ली में आयोजित होंगे।इस दौरान विभिन्न धर्मानुष्ठान सम्पन्न किए जाएंगे।इस सूचना से अवगत होने पर दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों के भक्तों में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी है।
उक्त जानकारी देते हुए परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने बताया कि भारतीय परम्परा में सन्यास आश्रम को अत्यंत विशिष्ट स्थान प्राप्त है।सन्यासी परिव्राजक परम्परा में चातुर्मास्य के चार पक्षों में एक स्थान पर रहकर उस क्षेत्र के समस्त सनातनधर्मियों को अपने दर्शन,पूजन,भिक्षा-वंदन,जिज्ञासा-समाधान व प्रवचन आदि के द्वारा लाभान्वित करते हैं।कहा गया है चातुर्मास्य कराने वाले को राजसूय व अश्वमेध यज्ञ कराने का फल प्राप्त होता है।भारत मे परम्परागत राजतंत्र के उच्छिन्न हो जाने से अब राजसूय व अश्वमेध यज्ञ तो अनुष्ठित नही हो सकता है।परन्तु सन्यासी का चातुर्मास्य आयोजित कराकर इन यज्ञों का पुण्य फल अवश्य प्राप्त किया जा सकता है।इस बार दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों के भक्त चातुर्मास्य व्रत महामहोत्सव पर्यन्त परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज का दर्शन-पूजन करने के साथ महाराजश्री का भिक्षा-वंदन आयोजित कर अनंत अक्षय पुण्य के भागी बन सकते हैं।
कार्यक्रम विवरण:-
नित्य पंचदेवोपासना
प्रतिदिन प्रतज 4:30 बजे श्रीगणेश पूजन,प्रातः 6:45 बजे श्रीसूर्य पूजन,प्रातः 8:00 बजे से 9:30 बजे तक विवेक चूणामणि पर नित्य पाठ, पूर्वाह्न 9:45 बजे श्रीविष्णु पूजन।
अपराह्न 3:45 बजे श्रीशिव पूजन,सायं 4 बजे से 6 बजे विविध धर्म विषय पर नित्य प्रवचन,सायं 6:45 बजे श्रीशक्ति पूजन सम्पन्न होगा। *24 से 28 जुलाई तक पंचदिवसीय गौ-संसद और 28 से 30 अगस्त तक त्रिदिवसीय श्रीविद्या साधना शिविर का आयोजन किया जाएगा।इसके अतिरिक्त *धर्म सम्राट श्रीकरपात्री जयंती*श्रावणी उपक्रम/रक्षासूत्र बंधन/संस्कृत दिवस *श्रीकृष्ण जन्माष्टमी *अनंत चतुर्दशी व्रत*चातुर्मास्य व्रत सम्पन्न/सीमोल्लंघन* आदि कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
समस्त आयोजनों का स्थल नरसिंह सेवा सदन,108,आदर्श नगर,ब्लॉक केपी,पूर्वी पीतमपुरा,पीतमपुरा,दिल्ली,110034 रहेगा। यह जानकारी परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने दी है।
आगे पढ़ें
*चुनौती देकर भागने वाले गोविंदानंद को कोलकाता में भी पराजित घोषित किया गया*
*शास्त्रार्थ की चुनौती देकर दूसरे मौके पर भी न पहुंचने पर दूसरे मध्यस्थ ने भी गोविन्दानन्द को पराजित घोषित किया*
जयपत्र
श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी ने जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को मठाम्नायसेतु महानुशासनम् के अनुसार अयोग्य बताते हुए उनका समर्थन करने वाले काशी के विद्वानों को मठाम्नायसेतु महानुशासनम् पर शास्त्रार्थ करने के लिए चुनौती दी थी । श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी की चुनौती को स्वीकार करते हुए डॉ० पी० एन० मिश्र ‘मंडन मार्तंड” ने शास्त्रार्थ के लिए उन्हें ३ विकल्प दिया था । प्रथम विकल्प के अनुसार श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी को श्री मिश्र जी से वाराणसी में शास्त्रार्थ करना था। परंतु श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी द्वारा वाराणसी से प्रव्रजन कर जाने के कारण नामित निर्णायिका महोदया के द्वारा कल श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी को पराजित और डॉ० पी० एन० मिश्र ‘मंडन मार्तंड” जी को विजयी घोषित दिया गया था।
श्री मिश्र जी द्वारा पूर्व में दी गई शर्त के अनुसार कल दिनांक 15.06.2024 को श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी को मेरे शंकर मठ हावड़ा में उपस्थित होकर श्री मिश्र जी से शास्त्रार्थ करना था परंतु दिनभर की प्रतीक्षा के बाद भी श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी यहाँ नहीं आए। आज भी मैंने और श्री मिश्र जी ने श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी की शंकर मठ में प्रतीक्षा की परंतु श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी आज भी नहीं उपस्थित हुए। ऐसी स्थिति में मैं निर्णायक डॉ० स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी को पराजित और डॉ० पी० एन० मिश्र जी को विजेता घोषित करता हूँ।
श्री गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी को शास्त्रार्थ का तीसरा अवसर महाशक्तिपीठ अँजोराधाम,भदोही में दिनांक 18 जुलाई 2024 को मिश्र जी ने दिया है जिसमें निर्णायक आचार्य किशोर कुणाल; पूर्व कुलपति कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा बिहार , पूर्व प्रशासक सह कार्य पदाधिकारी एवं पूर्व अध्यक्ष बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद पटना, श्री महावीर मंदिर पटना के संचालक न्यास के सचिव तथा पूर्व आ.ई.जी. सी. आई. एस. एफ. होंगे। उस दिन भी शास्त्रार्थ हेतु उक्त स्थल पर न आने पर निर्णायक कुणाल जी श्री गोविंदानंद सरस्वती जी को तीसरी बार पराजित घोषित कर देंगे।
यह जनकारी स्वामी प्रज्ञानंद महन्थ-शंकर मठ,वेदान्त मर्मज्ञ हावड़ा द्वारा दीगाई है आगे पढ़ें
Dehradun Horror | डोभाल चौक में माफिया देवेंद्र शर्मा उर्फ भारद्वाज ने सहारनपुर से गुंडे बुलवाकर तीन उत्तराखंडी लड़कों को गोलियों से भुनवाया जिसमे रवि बडोला की मौके पर ही मृत्यु हो गई। सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी की हालत गंभीर बताई जा
रही है।