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कांग्रेस ने कभी नहीं किया सैनिकों का सम्मानः धामी

Pahado Ki Goonj
कांग्रेस ने कभी नहीं किया सैनिकों का सम्मानः धामी
भाजपा पांचो सीटों पर बंपर जीत दर्ज करेगी
पौड़ी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी देश के सैनिकों को सम्मान नहीं दिया है। कांग्रेस पर सैनिकों के अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जो वीर सपूत अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं उन्हें कांग्रेस के नेताओं द्वारा अपमानित करने का काम किया जाता रहा है।
सीएम धामी मंगलवार को धुमाकोट क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी के समर्थन में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि जनरल बिपिन रावत को गली का गुंडा बता कर उन्हें अपमानित किया गया। यह कांग्रेस के नेता हैं जो भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों के ठिकानों पर पाक में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि सेना जब किसी मिशन पर होती है तो लड़ने का काम करती है वीडियो बनाने का काम नहीं, वह कहते हैं कि वीडियो दिखाओ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो सैनिक सियाचिन और लद्दाख में माइनस डिग्री तापमान में अपनी सेवाएं देते हैं कांग्रेस ने उन्हें अपने 60 साल के शासन में कभी न अच्छे बूट दिए न जैकेट न हथियार। भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा उनकी परेशानियां व हितों का ध्यान रखा है। सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन की व्यवस्था लागू करने से लेकर शहीदों के शवों को ससम्मान उनके गांवों तक पहुंचाने व उनका अंतिम संस्कार करने का काम बीजेपी ने किया है। अब उन्हें दुश्मनों की गोलियों का जवाब देने के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं होती है। अब हमारे जवान दुश्मन की गोलियों का जवाब गोलों से देते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस चुन
रूद्रप्रयाग। मंगलवार सुबह 11 बजे के करीब कुबेर गदेरे के पास भारी मात्रा में एवलॉन्च आ गया। जिससे पैदल मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। अब यहां से बर्फ हटाने के बाद ही पैदल आवाजाही शुरू हो पाएगी।
आगामी 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं। ऐसे में यात्रा को तैयारियां की जा रही है, लेकिन मौसम तैयारियों में अड़चने पैदा कर रहा है। हर दिन दोपहर बाद केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर बर्फबारी हो रही है, जिस कारण बर्फ साफ करने में जुटे मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते एक महीने से केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही धाम में बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है। बर्फ हटाने के काम में करीब 90 मजदूर जुटे हुए हैं। कुछ दिन पहले मजदूरों ने पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया था। जबकि, धाम में भी बर्फ हटाने का काम लगभग पूरा हो गया था, लेकिन हर दिन दोपहर बाद हो रही बर्फबारी ने मजदूरों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।   लगातार हो रही बर्फबारी से पैदल मार्ग पर ग्लेशियर टूटने भी शुरू हो गए हैं।
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ धाम में हर दिन दोपहर बाद बर्फबारी हो रही है, जिस कारण बर्फ हटाने के काम में जुटे मजदूरों को भी दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बर्फबारी से पैदल मार्ग पर बिजली, पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हुई है. जिनके ट्रीटमेंट का काम भी शुरू किया जा रहा है।आगे पढ़ें

एक सप्ताह में बच्चा चोरी की दूसरी घटना, पुलिस की उड़ी नींद
हरिद्वार। धर्मनगरी में बच्चा चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बीते दिनों पुलिस ने बच्ची चोरी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था और बच्ची को भी सकुशल बरामद कर लिया था। लेकिन फिर हरिद्वार में एक बच्चा चोरी हुआ है, जिससे बाद पुलिस प्रशासन की नींद उड़ गई है। मामले में पुलिस शहर के सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द बच्चे को ढूंढ लिया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार हरकी पैड़ी गंगा घाट ं पर मौजूद भिक्षावृत्ति करने वाली एक महिला खाना लेने गई, इसी बीच उसके एक साल के बच्चे को कोई उठाकर ले गया। सूचना मिलने पर हरकी पैड़ी चैकी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए हैं। सीसीटीवी कैमरे में एक व्यक्ति बच्चे को उठाकर ले जाता हुआ दिखाई दिया है। जिसके बाद पुलिस तलाश में जुट गई है। मामले में हरिद्वार कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि हरकी पौड़ी क्षेत्र में एक बच्चे के चोरी होने की सूचना प्राप्त हुई थी। फिलहाल पुलिस बच्चे की तलाश कर रही है, जल्द ही बच्चे को ढूंढ लिया जाएगा। वहीं बच्चे की मां ने बताया कि वो और उसका पति भिक्षावृत्ति कर अपना गुजर बसर करते हैं। बीते दिनों पुलिस ने बच्ची के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए इस मामले में चैकाने वाला खुलासा किया था। पुलिस ने बताया था कि आरोपी ने बच्चों के अपहरण के पीछे उसका मकसद हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर जाकर उससे भीख मंगवाना या फिर उसको साथ में लेकर भीख मांगना है। इसके पीछे की वजह ये थी कि बच्चों को अच्छी खासी भीख मिल जाती है।आगे पढ़ें

निर्वाचन आयोग को खर्च का सही हिसाब नही दे रहे प्रत्याशी


देहरादून। लोकसभा चुनाव 2024 के मैदान में उतरे कई प्रत्याशी निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है और आयोग को खर्च का सही-सही हिसाब नहीं दे रहे है। ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन आयोग के बहीखाते से मेल नहीं खा रहा है।
लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 95 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है। यानी 95 लाख के अंदर ही एक प्रत्याशी को अपना चुनाव लड़ना है। प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने भी अलग-अलग टीमें गठित कर रखी है, जो प्रत्याशियों के खर्च को पूरा लेखा जोखा तैयार कर रही है, ताकी जब खर्चों के मिलन की बारी आए तो प्रत्याशियों को पूरा हिसाब गिनाया जा सके। इस क्रम में जब टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों के खर्च का निर्वाचन आयोग की लेखा टीम के सर्वे रजिस्टर से मिलान कराया गया तो कुछ गड़बड़ियां सामने आई। दरअसल, सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन विभाग के लिखे हुए खर्च से मेल नहीं खा रहा है। इस दौरान तीन प्रत्याशी बैठक में अनुपस्थि भी पाए गए।

नवरात्र शुरू, पहले दिन पूजी गयी शैलपुत्री
देहरादून। मंगलवार से नवरात्र आरंभ हो गए है। सबसे पहले आज शैलपुत्री का विधिविधान के साथ पूजन किया गया। नवरात्र के लिए राजधानी देहरादून के मंदिरों में भव्य सजावट की गई है। शहर के मां डाट काली मंदिर, मां कालिका मंदिर सहित दून के मंदिरों में भक्त पहुंचे। वही   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हिन्दू नववर्ष एवं चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर अपने आवास पर मां आदिशक्ति भगवती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर शक्तिस्वरूपा जगतजननी देवी मां से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।  मंगलवार से नवरात्र की शुरुआत हो गई है। मंदिरों और घरों में माता रानी का दरबार सजाया गया। उत्तराखंड के कुछ खास देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों की तांता लगा है। शुभ मुहूर्त में घरों और मंदिरों में कलश स्थापना की गई। चार घंटे का मुहूर्त है। भक्तों ने मंदिरों के साथ घरों में विशेष तैयारी कर मां के दरबार को भव्य रूप से सजाया है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा हुई। इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आई है।

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जंगल में घास लेने गई महिला पर भालू का हमला,हालत गंभीर

रुद्रप्रयाग। विकासखंड जखोली के धारकुड़ी कोट बांगर में जंगल में चारा-पत्ती लेने गयी एक महिला पर भालू ने हमला कर दिया। जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी। महिला के शोर मचाने पर आसपास मौजूद लोग महिला के पास पहंुचे। जिसे देख भालू भाग खड़ा हुआ। महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह धारकुड़ी कोट बांगर की सुशीला देवी चारा-पत्ती लेने के लिए पास के जंगल गई थी। जहां घात लगाकर बैठे भालू ने उन पर  हमला कर दिया। महिला के  शोर मचाने पर पास में मौजूद ग्रामीण तेजी के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों को आता देख भालू महिला को छोड़कर भाग गया। भालू के हमले से महिला के चेहरे पर गहरा जख्म हो गया है। घटना की सूचना के बाद वन विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे। घायल महिला को इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
वन विभाग के कर्मचारी अनूप सिंह ने बताया कि महिला पर भालू के हमले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। घायल महिला को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया है।आगे पढ़ें
नवरात्रि शुरू: मां मायादेवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा
हरिद्वार। मंगलवार से नवरात्रि शुरू हो गए है। सुबह से ही हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी कही जाने वाली मां मायादेवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में मां महामाया देवी के दर्शन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यहां आकर श्रद्धालु सच्चे मन से मां की उपासना करते हैं। हरिद्वार के महामाया देवी मंदिर को 52 शक्तिपीठों का केंद्र माना जाता है। इसी मंदिर के नाम पर पूर्व में हरिद्वार को मायापुरी के नाम से जाना जाता था. नवरात्र के अवसर पर यहां माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है। हरिद्वार की अधिष्ठात्री मां मायादेवी मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती की नाभि गिरी थी। इसलिए इसे संपूर्ण ब्रह्मांड का केंद्र भी माना जाता है। महामाया देवी हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी भी कहलाती हैं। नवरात्र पर महामाया देवी मंदिर में विशेष तरह का श्रृंगार किया जाता है। इस श्रृंगार को करने के लिए अलग-अलग तरह के फूल और अलग-अलग तरह के फलों की आवश्यकता पड़ती है। सुबह के समय माता को फूलों से सजाया जाता है। शाम को मां महामाया देवी का श्रृंगार अलग-अलग फलों से किया जाता है। माया देवी भगवती के 52 शक्तिपीठों का केंद्र है। चूंकि हरिद्वार में भगवती की नाभि गिरी थी। अतः इस स्थल को ब्रह्मांड का केंद्र भी माना जाता है। माया देवी हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण डाकिनी, शाकिनी, पिशाचिनी आदि अला बलाओं से तीर्थ की रक्षा करती हैं। कहा जाता है कि यहां दर्शन करे बिना तीर्थों की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती।

बाबा तरसेम सिंह के हत्यारे को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया,दूसरा फरार
हरिद्वार। आखिरकार देर रात नानकमत्ता गुरुद्वारे के कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह  की गोली मारकर हत्या करने वाले अमरजीत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने थाना भगवानपुर क्षेत्र में मुठभेड़ में मार गिराया है। मौके से हत्यारे का दूसरा साथी फरार होने में कामयाब रहा। फरार आरोपी की तलाश में एसटीएफ और पुलिस जुटी हुई है। उसके लिए लगातार दबिशें दी जा रही है।
28 मार्च की सुबह नानकमत्ता में डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की बाइक सवार दो शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने एएनआई को बताया कि एक लाख रुपये का इनामी शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू मारा गया, जबकि उसका साथी भाग गया। उन्होंने बताया कि बाबा की हत्या को उत्तराखंड पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था और लगातार एसटीएफ और पुलिस दोनों हत्यारों की तलाश कर रही थी। उत्तराखंड में ऐसे जघन्य अपराध करने पर पुलिस अपराधियों से सख्ती से निपटेगी।इससे पहले रविवार को उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने दोनों फरार मुख्य आरोपियों (शूटरों) अमरजीत सिंह और सरबजीत सिंह पर इनाम की राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी थी। वहीं, बाबा तरसेम सिंह की हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल तीन और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक यूपी और दो उत्तराखंड के बाजपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। बाजपुर के आरोपियों ने शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराई थी।
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खाई में गिरा पिकअप वाहन,आठ नेपाली मजदूरों की मौत


नैनीताल। सोमवार देर रात बेतालघाट क्षेत्र के मल्ला गांव ऊंचाकोट मोटर मार्ग पर एक पिकअप 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में चालक समेत आठ लोगों की मौत हो गई। वाहन में सवार दो नेपाली मजदूर भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनको हायर सेंटर रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतकों के शव का पंचनामा भरकर पीएम के लिए भेज दिया है।
थानाध्यक्ष अनीस अहमद ने बताया कि सोमवार देर रात पिकअप के खाई में गिरने की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि वाहन में चालक राजेंद्र कुमार (42) पुत्र हरिराम निवासी ओडाबासकोट के अलावा नौ नेपाली मजदूर सवार थे। सभी क्षेत्र में पेयजल लाइन बिछाने का काम खत्म करने के बाद वापस लौट रहे थे तभी यह हादसा हो गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले नेपाली मजदूरों के नाम और उनके घर का पता अभी नहीं चला है। घायलों के होश में आने के बाद ही कुछ जानकारी हासिल हो सकेगी।
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