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LIVE: IT पार्क, देहरादून में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतिभाग*
*LIVE: देहरादून में वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा परीक्षा विभाग एवं रजिस्ट्रार चिट्स फर्म्स एवं सोसायटी तथा नियोजन विभाग के अधीनस्थ अर्थ एवं संख्या विभाग के नव निर्मित एकीकृत भवन, आई०टी०पार्क,देहरादून का लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतिभाग*
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: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.टी पार्क देहरादून में लेखा परीक्षा विभाग, रजिस्ट्रार चिट्स फर्म्स एवं सोसायटी तथा अर्थ एवं संख्या के नव निर्मित एकीकृत भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण ब्रिटकुल द्वारा 29.76 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने तीनों विभागों को अपना भवन मिलने पर विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से यह भवन जल्द बनकर तैयार हुआ। विभागों को अपना भवन मिलने से कार्यों के संचालन में आ रही कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण राज्य सरकार का मूल मंत्र है। तीन विभाग एक ही भवन पर संचालित होने से लोगों को आसानी होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने से विभागों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले आगंतुको की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से कार्य कर रही है। हर विभाग को लक्ष्य दिया गया कि राज्य और जनहित में कोई महत्वपूर्ण योजना और कार्यों पर कार्य करें, जो प्रदेश की जनता के लिए समर्पित हो। उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपने कार्य व्यवहार में नवाचार लाने होंगे। सभी अधिकारी और कर्मचारी जिस विभाग में भी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें अपने विभाग में अपना अहम योगदान देना होगा, जिससे उनके योगदान को हर कोई लंबे समय तक याद रख सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सभी विभागों का दायित्व है कि उनके सभी कार्यालय स्वच्छ हों।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने के बाद कार्य करने में सुगमता होगी। इससे विभागीय कार्मिकों में कार्यों के प्रति दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रयोजन से तीनों विभागों के लिए एकीकृत भवन बनाया गया है, उसका आम आदमी को पूरा लाभ मिलना जरूरी है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री एस.एन. पाण्डेय एवं तीनों विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को महानगर कार्यालय, परेड ग्राउण्ड, देहरादून में आयोजित भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखण्ड लोकसभा चुनाव कार्यालय उद्घाटन समारोह में प्रतिभाग किया।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) से भेंट कर उन्हें जन्मदिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
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*राज्य में गर्भवती महिलाओं की कठिनाइयों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अपनी पहली बैठक में राज्य में गर्भवती महिलाओं की चुनौतियों एवं समस्याओं की समीक्षा की*
*राज्य में किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु मेटरनल डेथ ऑडिट व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश*
*जनपदों में विशेषरूप से दुर्गम एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (एण्टी नेटल चेक अप ) को अनिवार्यतः सुनिश्चित करवाने हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश*
*महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगन्सी को चिहिन्त करके उनके स्वास्थ्य का नियमित फॉलोअप करने कार्ययोजना पर पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश*
*आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एसओपी जल्द तैयार की जाएगी*
*स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिए*
*गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले आहार की रैण्डम सैम्पलिंग करके इसको क्रॉस चैक करवाकर भोजन की पौष्टिकता की नियमित जांच*
*गर्भवती महिलाओं हेतु राज्य में 109 डिलीवरी पॉइन्टस को उपकरणों तथा मानव संसाधनों की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा*
राज्य में गर्भवती महिलाओं की कठिनाइयों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अपनी पहली बैठक में राज्य में गर्भवती महिलाओं की चुनौतियों एवं समस्याओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जनपदों में होने वाली किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु के ऑडिट या मेटरनल डेथ ऑडिट व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में श्रीमती रतूड़ी ने सभी जिलों जल्द से जल्द आंकडे़ स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाने तथा प्रत्येक मातृ मृत्यु प्रकरण का अलग-अलग (केस टू केस) अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में विशेषरूप से दुर्गम एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (एण्टी नेटल चेक अप ) को अनिवार्यतः सुनिश्चित करवाने हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने प्रत्येक जनपद में सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ है या नही तथा कितनी गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसवपूर्व जांच की जा रही है, का टै्रक रिकॉर्ड रखने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने इस सम्बन्ध में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को समुचित प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एसओपी भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 82 प्रतिशत महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की जा रही है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अत्यन्त जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं ( हाई रिस्क प्रेगन्सी) को चिहिन्त करके उनके स्वास्थ्य का नियमित फॉलोअप करने की कार्ययोजना पर पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड में संस्थागत प्रसव 91 प्रतिशत हैं, जोकि 81 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हो गया है। मुख्य सचिव ने संस्थागत डीलवरी को अधिक से अधिक बढ़ाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान डॉक्टर्स एवं गाइनाकॉलिस्टस की कमी को पूरा करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिक से अधिक नर्सिंग ऑफिसर्स को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभाग को स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी जनपदों से डोली पालकी की डिमाण्ड शीघ्र स्वास्थ्य विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही 78.60 लाख के बजट के साथ 262 डोली पालकियां जिलों को उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। महिलाओं के स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से मुख्य सचिव ने जनपदों में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को पूरा करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश भी सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 796 एएनएम तथा 1376 नर्सिग ऑफिसर्स की भर्ती की गई है। इसके साथ ही 36 विशेषज्ञ डॉक्टर्स को यू कोट वी पे के आधार पर तैनात किया गया है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले आहार की रैण्डम सैम्पलिंग करके इसको क्रॉस चैक करवाकर भोजन की पौष्टिकता की नियमित जांच के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के भोजन में स्थानीय अनाजों को प्रोत्साहित करने की हिदायत दी है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से उनके जिलों में कितनी गर्भवती महिलाओं द्वारा वन स्टॉप सेन्टर को बर्थ वेटिंग हॉम के रूप में उपयोग किया जा रहा है, की जानकारी जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में हाई रिस्क प्रेगनेंसी के केसों के सम्बन्ध में वन स्टॉप सेन्टर हेतु 76 लाख रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
मुख्य सचिव ने 104 कॉल सेन्टर व्यवस्था जिसके तहत एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य संबंधी फॉलों अप किया जाता हैं, को और अधिक मजबूत करने तथा इसके माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का टै्रक रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक सॉफटवेयर जल्द से जल्द लॉच करके सभी जनपदों में इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सहायता हेतु टेलीमेडिसिन को भी राज्य में अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं हेतु राज्य में 109 डिलीवरी पॉइन्टस को उपकरणों तथा मानव संसाधनों की दृष्टि से मजबूत किया जा रहा है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में हीमोग्लोबिन मीटर की डिमाण्ड जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सिबिलिटी) फण्ड की सहायता से कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए हैं।
मातृ मृत्यु दर के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड की स्थिति 103 है। राज्य सरकार द्वारा 2030 तक उत्तराखण्ड के मातृ मृत्यु दर को 70 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में भारत में मातृ मृत्यु दर 197 है।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, एच सी सेमवाल, अपर सचिव आन्नद श्रीवास्तव एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।