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विपक्ष ने महंगाई व भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरा मॉनसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही  किसानों पर हो रहे अत्याचार पर विपक्ष हुआ मुखर

Pahado Ki Goonj

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विपक्ष ने महंगाई व भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरा
मॉनसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही  
किसानों पर हो रहे अत्याचार पर विपक्ष हुआ मुखर

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के आज तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने सदन के बाहर अपने-अपने क्षेत्र से भ्रष्टाचार, महंगाई और किसानों पर हो रहे कथित अत्याचार के मुद्दों को लेकर के प्रदर्शन किया। सदन के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि सरकार पूरी तरह से जनता के सवालों से बच रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि आज वह सदन के भीतर महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर एकजुट होकर आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पूरी तरह से त्रस्त है। लेकिन सरकार है कि उन्हें जनता से कुछ लेना देना नहीं है।
 इसके अलावा कांग्रेस के हल्द्वानी से विधायक सुमित हृदयेश भी उधमसिंह नगर के किसानों की आवाज उठाने विधानसभा में पहुंचे। उन्होंने अपने हाथ में पत्रिकाओं को प्रदर्शित करते हुए कहा कि सरकार आज गरीब आम लोगों और किसानों के खिलाफ काम कर रही है। पूंजीपतियों के साथ मिलकर केवल अपने एजेंडे के तहत काम कर रही है।डवदेववद ेमेेपवद कंल विनतसुमित हृदयेश ने किसानों का मुद्दा उठायासुमित हृदयेश ने कहा कि उधमसिंह नगर में किसानों की बुरी स्थिति है। यहां पर किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। साथ ही उन्होंने हल्द्वानी में तमाम योजनाओं को लेकर सरकार से सवाल पूछा। उन्होंने हल्द्वानी शहर में लगातार फैल रही अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार से सवाल पूछा।
खटीमा से विधायक भुवन कापड़ी ने कहा कि उनके द्वारा सदन में प्रदेश के युवा बेरोजगारों का संवेदनशील विषय उठाया गया। लेकिन सरकार इस पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने बताया कि किस तरह से प्रदेश में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का खेल चल रहा है और लगातार प्रदेश के युवाओं को भगाया जा रहा है। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेड़ काटने की सीबीआई जांच होती है, लेकिन युवाओं की नौकरियों को लूटा जाता है, उसको लेकर सीबीआई जांच नहीं की जाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज भी वह सदन के भीतर भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दे को लेकर के अपनी आवाज उठाएंगे।

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प्रीतम सिंह ने उठाया बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा
सीई के पीछे अदृश्य ताकत का हाथ बताया
स्पीकर ने मुख्य सचिव को किया तलब


देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में तीसरे दिन सदन के अंदर बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा उठाया गया। सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने व्यवस्था के अधिकार के तहत बेलगाम अधिकारों का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी विधायकों का फोन नहीं उठाते हैं और न ही अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वाह करते हैं। इस मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव को तलब किया। दरअसल, कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता आरपी सिंह को बुलाने की मांग की और कहा कि इस अधिकारी की संपत्ति की जांच कराई जाए।
बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा न सिर्फ विपक्ष के विधायकों ने उठाया, बल्कि सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने भी अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सरकार के कई विधायकों ने भी इस मामले में प्रीतम सिंह का साथ दिया। प्रीतम सिंह ने पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता आरपी सिंह को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि इस अधिकारी के पीछे अदृश्य ताकत है, जिसका वो जल्द पर्दाफाश करेंगे। विपक्ष के विधायकों ने आरपी सिंह से जुड़े कई मामले सदन में रखे। विधायकों की इस शिकायत पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भी सख्त नजर आईं। उन्होंने साफ किया कि इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि वे तीसरी बार सरकार को इस बारे में निर्देशित कर रही हैं। यदि उनका निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो वो मजबूरी में एलबीएसएनए एकेडमी को एक पत्र लिखेंगी कि जिसमें कहा जाएगा कि अधिकारियों को प्रोटोकॉल सिखाया जाए।
उन्होंने कहा कि विधायकों की शिकायत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है। वह इस विषय को विशेषाधिकार हनन समिति को भेज रही हैं। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को अपने कार्यालय में तलब किया है। बता दें कि 6 सितंबर को सदन में ही किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने भी विशेषाधिकार हनन के तहत अधिकारियों के रूखे रवैये का मुद्दा उठाया था। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पीठ से निर्देश जारी किया था कि अब से अधिकारियों को फोन पर भी विधानसभा सदस्य को माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करना होगा।

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बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा 2405 मतों से जीती
भाजपा प्रत्याशी को मिले 33,247 व कांग्रेस प्रत्याशी को मिले 30,842 मत
नोटा बटन दबाने वाले 1214 मत के साथ रहे तीसरे नम्बर पर

बागेश्वर। कैबिनेट मंत्री स्व. चंदन राम दास की मृत्यु से खाली हुई बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में स्व. चंदन राम दास की पत्नी पार्वती देवी ने 2810 मतों से जीत हासिल की है। पार्वती देवी को 33,247 मत मिले है जबकि दूसरे नंम्बर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी बंसत कुमार को 30,842  मत मिल है। उप चुनाव लड रहे यूकेडी के प्रत्याशी अर्जुन देव को 840, सपा के भगवती प्रसाद को 619, यूपीपी के भागवत कोहली को 263 व 1214 लोगों ने नोटा का बटन दबाया है।
विधानसभा उपचुनाव बागेश्वर सीट के लिए मतगणना पूरी हो चुकी है। कैबिनेट मंत्री स्व. चंदन राम दास की पत्नी भाजपा प्रत्याशी पार्वती ने कांग्रेस के बसंत कुमार को 2810 मतों के अंतर से हरा दिया है। तीसरे नंबर पर मतदाताओं ने नोटा को रखा। समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के उम्मीदवार हजार के अंक तक भी नही पहुंच सके।
पहले राउंड में कांग्रेस के बसंत कुमार को 2945 वोट मिले तो वहीं बीजेपी की पार्वती दास 2191 वोट पाकर 754 वोटों से पिछड़ गई थीं। यूकेडी के अर्जुन देव 52, समाजवादी पार्टी के भगवत प्रसाद 27 और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के भागवत कोहली पहले राउंड में सिर्फ 10 वोट पा सके थे।
दूसरे राउंड की मतगणना जब समाप्त हुई तो कांग्रेस के बसंत कुमार की बढ़त काफी कम हो गई थी। पहले राउंड में मिली 754 वोटों की बढ़त सिर्फ 195 रह गई थी। बीजेपी नेताओं के तेजी से धड़कते दिलों को थोड़ा राहत मिली।दूसरे राउंड में कांग्रेस के बसंत कुमार को 4554 वोट मिले थे। इसके मुकाबले बीजेपी की पार्वती दास को 4339 वोट मिले। दूसरे राउंड में बसंत कुमार सिर्फ 195 वोटों से आगे थे। अन्य प्रत्याशियों की बात करें तो यूकेडी के अर्जुन देव 106 वोट, समाजवादी पार्टी के भगवत प्रसाद 72 वोट और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के भागवत कोहली सिर्फ 28 वोट पा सके। चैंकाने वाली बात ये रही कि यूकेडी, सपा और उपपा से ज्यादा वोट तो नोटा को 155 मिले थे।
तीसरे राउंड की मतगणना जब संपन्न हुई तो कांग्रेस को अब तक मिला जोश ठंडा पड़ चुका था। कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार की बढ़त सिर्फ 1 वोट की रह गई थी। बीजेपी की पार्वती दास ने 6774 वोट पाकर कांग्रेस के बसंत कुमार को लगभग बराबरी पर ला दिया।तीसरे राउंड में मिले वोटों की बात करें तो तीसरे राउंड की मतगणना में बीजेपी की पार्वती दास को 6774 वोट और कांग्रेस के बसंत कुमार को 6773 वोट मिले थे। यूकेडी के अर्जुन देव को 172 वोट, सपा के भगवत प्रसाद को 130 वोट और उपपा के भागवत कोहली को सिर्फ 57 वोट ही मिले थे। शीर्ष दो उम्मीदवारों के बाद तीसरे नंबर पर नोटा था। नोटा को तीसरे राउंड की समाप्ति पर 241 वोट मिल चुके थे।
बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव के चैथे राउंड की मतगणना की समाप्ति पर मुस्कराने की बारी बीजेपी की थी। पहले और दूसरे राउंड की मतगणना संपन्न होने पर जो कांग्रेस उलटफेर का ख्वाब देख रही थी, वो चकनाचूर हो चुका था। चैथे राउंड की मतगणना की समाप्ति पर बीजेपी की पार्वती दास 476 वोट से कांग्रेस के बसंत कुमार को पछाड़ चुकी थीं।चैथे राउंड की मतगणना समाप्त हुई तो बीजेपी की प्रत्याशी पार्वती दास 10,099 वोट पा चुकी थीं। पार्वती दास के मुकाबले कांग्रेस के बसंत कुमार को 9,623 वोट मिले थे चैथे राउंड की समाप्ति पर यूकेडी के अर्जुन देव को 256 वोट, सपा के भगवत प्रसाद को 197 वोट और उपपा के भागवत कोहली को मात्र 87 वोट ही मिल सके। इस दौरान नोटा ने इन तीनों प्रत्याशियों को पीछे छोड़ते हुए 400 वोट प्राप्त कर लिये थे।
13वें राउंड में काफी आगे निकलीं पार्वती दासरू जब 13वें यानी सेकेंड लास्ट राउंड की मतगणना समाप्त हुई तो बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को 2726 वोटों से पछाड़ दिया था। 13वें राउंड में बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास को 31,411 वोट मिले। पार्वती दास के मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को 28,685 मत मिले थे। तीसरे नंबर पर चल रहे नोटा का शानदार प्रदर्शन जारी था। नोटा ने 1189 वोट हासिल कर लिए थे। यानी बागेश्वर विधानसभा सीट के 1189 लोगों को बाकी की तीन दलों के प्रत्याशियों से ज्यादा भरोसा नोटा पर था।
पार्वती दास, भाजपा – 33,247
बसंत कुमार, कांग्रेस – 30,842
अर्जुन देव, यूकेडी – 840
भगवती प्रसाद, सपा – 619
भागवत कोहली, यूपीपी – 263
नोटा – 1214

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धामी ने बागेश्वर की जनता का जताया आभार

देहरादून। बागेश्वर विधानसभा उप निर्वाचन में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास की जीत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह विजय मातृशक्ति, युवाशक्ति और वरिष्ठजनों के हमारी सरकार पर अटूट विश्वास का प्रमाण है। इस उप चुनाव में बागेश्वर विधानसभा की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और राज्य सरकार की नीतियों तथा जन कल्याणकारी योजनाओं पर मुहर लगाई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जीत स्व. चंदनराम दास जी को श्रद्धांजलि है। उनके समय के रूके हुए कार्यों और उनके सपनों को पूरा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बागेश्वर की जनता ने राज्य सरकार पर जो विश्वास जताया है, बागेश्वर की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप बागेश्वर का विकास किया जायेगा। बागेश्वर उप निर्वाचन में जीत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को बधाई दी।
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उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाफल सुधार परीक्षा का परिणाम घोषित
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह ने जारी किया परीक्षाफल
हाईस्कूल के रिजल्ट में 06.87 व इंटरमीडिएट 05.60 फीसदी की हुई वृद्धि

देहरादून।  राज्य में पहली बार आयोजित उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की परीक्षाफल सुधार परीक्षा-2023 का परिणाम आज घोषित कर दिया गया है। परीक्षाफल सुधार परीक्षा के उपरांत हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में 06.87 प्रतिशत व इंटरमीडिएट में 05.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस प्रकार वर्ष 2023 का हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 85.17 से बढ़कर 92.04 हो गया है जबकि इंटरमीडिया का परीक्षा परिणाम 80.98 से बढ़कर 86.57 हो गया है।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा निदेशालय में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की परीक्षाफल सुधार परीक्षा-2023 का परीक्षा परिणाम जारी किया। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा परीक्षाफल सुधार परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें हाईस्कूल परीक्षा में कुल 13587 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया जिसमें 11956 अनुत्तीर्ण तथा 1631 उत्तीर्ण परीक्षार्थी शामिल हुये। इसी प्रकार इंटरमीडिएट में कुल 10119 परीक्षार्थियों ने परीक्षा सुधार के लिये आवेदन किया। जिसमें 9346 अनुत्तीर्ण तथा 773 उत्तीर्ण परीक्षार्थी शामिल हुये। डॉ. रावत ने बताया कि परीक्षाफल सुधार परीक्षा के अंतर्गत हाईस्कूल में 11517 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी जिसमें 8780 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुये। जबकि इंटरमीडिएट में 8996 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी और 6923 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुये। उन्होनें बताया कि परीक्षाफल सुधार परीक्षा के उपरांत हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में 06.87 प्रतिशत व इंटरमीडिएट में 05.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस प्रकार वर्ष 2023 का हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 85.17 से बढ़कर 92.04 हो गया है जबकि इंटरमीडिया का परीक्षा परिणाम 80.98 से बढ़कर 86.57 हो गया है। डॉ. रावत ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा परिषद की मुख्य परीक्षा में कई छात्र-छात्राएं बहुत कम अंकों से उत्तीर्ण होने से रह गये थे। जिन्हें सरकार ने पहली बार परीक्षाफल सुधार परीक्षा का मौका दिया। परीक्षाफल सुधार परीक्षा देने के उपरांत कई छात्र-छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन कर अच्छे अंक प्राप्त किये है। उन्होंने इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बधाई देते हुये कहा कि छात्रों की मेहनत रंग लाई है और उन्होंने इस मौके का फायदा उठाकर अपना एक वर्ष का अमूल्य  समय बचा लिया है। इस अवसर पर विभागीय मंत्री ने परीक्षाफल सुधार परीक्षा के नियम समय में सफलतापूर्वक आयोजन के लिये विभागीय एवं विद्यालयी शिक्षा परिषद के अधिकारियों की भी सराहना की।
इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा निदेशक एवं बोर्ड की सभापति सीमा जौनसारी, अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट, विद्यालयी शिक्षा परिषद के सचिव विनोद प्रसाद सिमल्टी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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फोटो     डी 6

छात्रों ने गढ़वाल विवि में की तालाबंदी
कुलसचिव को भी रास्ता में रोका, पुलिस से हुई तनातनी
विवाद बढ़ने पर विवि प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा

श्रीनगर। हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विवि में छात्रों का आंदोलन उग्र रूप लेने लगा है। आज 8 सितंबर को छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर ताले जड़ दिए। इस दौरान कर्मचारी अपने कार्यकाल नहीं जा सके, वहीं छात्रों ने कुलसचिव को भी अपना कार्यालय नहीं जाने दिया।छात्रों को गुस्सा यहीं नहीं रुका उन्होंने बिरला परिसर में मुख्य गेट को भी बंद कर दिया था। जिससे विवि में कार्यालय संबंधित सारे काम ठप हो गए थे। वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने अन्य छात्रों को भी बिड़ला परिसर में अध्ययन नहीं करने दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने विवि के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
विवाद बढ़ने पर विवि प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस के आने से प्रदर्शन कर रहे छात्र और उग्र हो गए। पुलिस ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने उनकी एक नहीं सुना। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तनातनी देखने को मिली। अभाविप के जिला संयोजक अमन पंत ने कहा कि आज विवि के बिड़ला परिसर में ताला बंदी की गई है, इसके बाद भी अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो छात्र विवि के तीनों परिसरों टिहरी और पौड़ी में भी तालाबंदी करेंगे। विवि संगठन के इकाई मंत्री आयुष कंडारी ने कहा कि जब तक छात्रों की मांगें नहीं मानी जाती छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय कार्य समिति सदस्य संदीप राणा ने कहा कि पिछले 19 दिनों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं। पहाड़ के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग एक दम जायज है। उत्तराखड़ के लोगों के आंदोलन के बाद विवि का निर्माण हुआ, लेकिन आज प्रदेश के ही छात्रों को विवि में एडमिशन नहीं मिल रहा है। यही हालत पीजी में भी है। कैंपस से पढ़े हुए छात्रों को ही पीजी में एडमिशन नहीं मिल रहा है। इसके लिए छात्र पीजी में पांच प्रतिशत वेटेज की मांग कर रहे हैं।
विवि के कुलसचिव धीरज शर्मा ने कहा कि जो सीट खाली हैं, उन सीटों पर मेरिट के आधार पर एडमिशन दिए जाने के प्रस्ताव पर यूजीसी ने हामी भर दी है। अभी जी 20 की बैठक के कारण लिखित आदेश नहीं मिले हैं। जैसे ही लिखित आदेश मिलेंगे, सभी सीटों को भर दिया जाएगा। विवि में किसी भी सीट को खाली नहीं रहने दिया जाएगा।
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कांग्रेस बोली- ‘धन बल से जीती चुनाव’
बागेश्वर के जनादेश पर भाजपा गदगद

बागेश्वर। उत्तराखंड के बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार को 2405 मतों से हराया है। इस चुनाव में पार्वती दास को 33,247 और बसंत कुमार को 30,842 वोट मिले। जिस पर बागेश्वर के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे बीजेपी की रीति नीति और बागेश्वर की जनता की जीत बताया है। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकारी धनबल का गलत इस्तेमाल कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है।
बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी ने 2405 वोटों से चुनाव जीत लिया है तो वहीं दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को एक बार फिर से हार का मुंह देखना पड़ा है। बागेश्वर उपचुनाव के परिणाम के बाद बागेश्वर के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जिस तरह से एक तरफ इंडिया ब्लॉक के तहत कांग्रेस चुनाव लड़ने का प्रयास कर रही थी तो उन्हें बागेश्वर की जनता ने जवाब दे दिया है।

बीजेपी की रीति नीति और सिद्धांतों के साथ थी जनता
सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले कई बार जनता के बीच में जाकर उनका मन टटोला था। जिसमें उन्होंने पाया था कि बागेश्वर की जनता बीजेपी की रीति नीति और उनके सिद्धांतों के साथ थी। अब चुनाव परिणाम में यह बात साबित हुआ है।ठंहमेीूंत इल मसमबजपवद तमंबजपवदकांग्रेस नेता यशपाल आर्यकैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि बागेश्वर उपचुनाव की जीत से निश्चित तौर पर आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव पर भी इसका असर पड़ेगा। उत्तराखंड में बीजेपी की रीति नीति और सिद्धांतों के प्रति लोगों का लगाव है, वो हर चुनाव में देखने को मिलता है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी उत्तराखंड की पांचों सीट पर बीजेपी इसी तरह से जीत हासिल करेगी।

कांग्रेस ने लगाया धन बल से चुनाव जीतने का आरोप
दूसरी ओर बागेश्वर में मिली हार पर कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर में कांग्रेस ने काफी अच्छी टक्कर दी। इसके लिए वो बागेश्वर की जनता का आभार व्यक्त करते हैं।

बीजेपी ने किया धन बल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग
हालांकि, चुनाव परिणाम अपने पक्ष में न आने पर कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से बागेश्वर उपचुनाव में सत्ता पक्ष ने धन बल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है, उसके हिसाब से कांग्रेस ने बागेश्वर में बेहद अच्छी टक्कर दी है।

बागेश्वर में गरीबों और किसानों की हुई हार
कांग्रेस नेता यशपाल आर्य का ये भी कहना है कि बागेश्वर में भले ही कांग्रेस हार गई है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी पूरे प्रदेश में इस वक्त गरीबों और आम लोगों के हक हकूक के साथ खिलवाड़ कर रही है। निश्चित तौर से बागेश्वर में भी बीजेपी के जीतने के बाद कहीं न कहीं आम दलित और किसानों की हार हुई है।
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फर्जी तरीके से बेचे जा रहे थे गो गैस सिलेंडर और रेगुलेटर
मंदाकिनी वैली गैस एसोसिएशन के सदस्यों ने की धरपकड़
सिलेंडर के साथ पाइप व रेगुलेटर बेचने वालों को किया पुलिस के हवाले
जिला प्रशासन से की ऐसे फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में इन दिनों गो गैस नाम के सिलेंडर खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इसके साथ ही घटिया क्वालिटी के पाइप व हाई प्रेशर रेगुलेटर भी बेचे जा रहे हैं। भनक लगने पर मंदाकिनी वैली गैस एसोसिएशन के सदस्यों ने गो गैस के सिलेंडर से भरे वाहन को पकड़ा। पूछने पर पता चला कि गो गैस फर्जी तरीके से सिलेंडर, पाइप व हाई प्रेशर रेगुलेटर बेच रहा था। उसके बाद एसोसिएशन के सदस्यों ने इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से की।
बता दें कि केदारनाथ यात्रा के दौरान अवैध तरीके से जहां शराब माफिया यात्रा पड़ावों में शराब पहुंचाने का काम करते हैं, वहीं गलत तरीके से अन्य सामान को भी पहुंचाया और बेचा जाता है। व्यापारियों को सस्ते दामों पर सामान बेचकर बड़ा मुनाफा कमाया जाता है। ये व्यापारी इसलिए केदारघाटी में आते हैं, क्यों कि छः माह तक यात्रा सीजन के दौरान उन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं रहता है। हर कोई यात्रा में व्यस्त रहता है। जिससे इनकी धरपकड़ नहीं हो पाती है, लेकिन घटिया सामानों को बेचने के बाद कहीं बार बड़ी घटनाएं भी हो जाती हैं। जिले में श्री बाबा केदारनाथ एलपीजी सॉल्यूशन नाम से कोई भी एजेंसी नहीं है, जो कि केदारघाटी में गो गैस नाम से सिलेंडर बेच रही है। साथ ही पाइप व हाई प्रेशर रेगुलेटर भी बेचे जा रहे हैं, जो किसी कंपनी के नहीं हैं और घटिया क्वालिटी के हैं। नकली सामान बेचकर लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है।
शिकायत मिलने पर मंदाकिनी वैली गैस एसोसिएशन के अध्यक्ष गणेश तिवारी ने एसोसिएशन के सदस्यों के साथ इन लोगों की धरपकड़ की और जिला प्रशासन को भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि केदारघाटी में छः माह बाबा केदार, मदमहेश्वर व तुंगनाथ धाम की यात्रा जोरों पर चलती है। ऐसे में बाहरी एजेंसी यहां आकर घटिया सामान बेचकर यहां के व्यापारियों को ठगने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडर के साथ घटिया पाइप व रेगुलेटर दिये जा रहे हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना रहती हैं। फर्जी कंपनी के सामान को बेचकर ये कंपनियां बड़ा मुनाफा कमा जाती हैं। उन्होंने केदारघाटी, मदमहेश्वर व तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों से निवेदन किया कि वे अधिकृत गैस एजेंसी से ही गैस सिलेंडर खरीदें। साथ ही क्वालिटी के पाइप व रेगुलेटर का प्रयोग करें। इससे वह खुद के साथ ही अन्य लोगों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। वहीं मामले में डीएम डाॅ सौरभ गहरवार ने कहा कि मंदाकिनी वैली गैस सर्विस के सदस्यों ने अच्छा कार्य किया है। जो एजेंसी गलत तरीके से जिले में सिलेंडर बेच रही हैं और घटिया तरीके के पाइप और हाई प्रेशर रेगुलेटर बेचे जा रहे हैं। ऐसी एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई गई है।
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गहरी खाई में गिरने से एक व्यक्ति की मौग
नई टिहरी। पुलिस चैकी गूलर ने एसडीआरएफ को सूचित किया गया कि ब्यासी के पास गूलर क्षेत्र में एक व्यक्ति खाई में गिर गया है, जिसके रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ टीम की आवश्यकता है।
सुचना प्राप्त होते ही एसडीआरएफ टीम मुख्य आरक्षी संतोष रावत के हमराह मय रेस्क्यू उपकरणों के तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।

एसडीआरएफ टीम ने घटनास्थल पर पहुँचकर देखा की एक व्यक्ति लगभग 100 मीटर नीचे खाई में गिरा हुआ है। एसडीआरएफ टीम ने रोप की सहायता से खाई में उतरकर उक्त व्यक्ति तक पहुँच बनायी परन्तु उस व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी थी। टीम ने खाई में गिरे व्यक्ति के शव को रोप व स्ट्रेचर से खाई से बाहर निकाला गया और शिनाख्त एवं अन्य अग्रिम कार्रवाई के लिए जिला पुलिस के सुपुर्द किया गया। घटनास्थल पर स्थानीय लोगो ने बताया गया की खाई में गिरा व्यक्ति खाई के किनारे खड़ा था व अचानक पैर फिसलने से अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा।

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नो पार्किंग में खड़े वाहनो का काटा चालान,मंचा हड़कंप

रुद्रपुर। चैकी बाजार पुलिस ने क्षेत्र में नो पार्किंग में खड़े चार पहिया वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई शुरू की तो वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने वाहन का आन लाइन चालान काटने शुरू किए, तभी चालक वाहन लेकर भाग खड़े हुए। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक वाहनों का चालान काटे। बता दें कि जी 20 बैठक के दौरान नैनीताल रोड डीडी चैक से लेकर इंदिरा चैक और काशीपुर बाई पास रोड समोसा मार्केट से दुकानें हटाई गई थी। दुकानें हटने के बाद यहां पर चार पहिया वाहन खड़े होने लगे। गुरुवार को बाजार पुलिस चैकी प्रभारी संदीप शर्मा ने नो पार्किंग में खड़े वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई शुरू की तो वाहन चालकों में हड़कंप मच गया और वाहन लेकर भाग खड़े हुए। चैकी प्रभारी के मुताबिक नो पार्किंग में वाहन खड़े होने पर यातायात प्रभावित हो रहा। जाम की भी समस्या हो रही थी। मना करने के बावजूद वाहन चालक नो पार्किंग में वाहन खड़े कर रहे। उन्होंने बताया कि आधा दर्जन से अधिक वाहनों के चालान काटे हैं और चेतावनी दी है कि दोबारा नो पार्किंग में वाहन खड़े मिले तो वाहन को सीज किया जायेगा।
आगे पढ़ेंसहायक आबकारी आयुक्त ने की खंगाली जाएगी कुंडली तस्करों से मिलीभगत का आरोप
रुद्रपुर। जिला आबकारी कार्यालय में खड़े नए ट्रैक्टर अदला-बदली मामले के मुख्य साजिशकर्ता सहायक आबकारी आयुक्त दो लाख रुपये के प्रलोभन में गुनहगार बन बैठा। सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन की इस करतूत ने विभाग को सकते में डाल दिया अब उनके पूरे कार्यकाल के क्रियाकलापों की कुंडली भी खंगाली जाएगी।  देहरादून मुख्यालय से अगस्त में सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन दल में तैनाती हुई थी, जिसके बाद वह जिले के प्रवर्तन दल का कार्य देख रहे थे।
आबकारी विभाग में बाबू पद पर भर्ती होने के बाद आरोपी पन्ना लाल शर्मा ने अपनी काबिलियत के बाल पर निरीक्षक की भर्ती उतीर्ण की थी और देखते ही देखते सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन तक पहुंच गए। कार्यकाल अभी पांच वर्ष का बचा हुआ है, लेकिन तीन सितंबर की रात को महज दो लाख के लालच में आकर उन्होंने साजिश रच दी और फिर खुद ही फंस गए।
आबकारी विभाग की छवि धूमिल करने वाले सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए ज्वाइंट कमिश्नर कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने खुद जांच करने का निर्णय लिया है।
जांच से पहले आबकारी अधिकारी को निलंबित किया जा सकता है और उसके बाद उसका डिमोशन किया जाएंगा। इसके बाद अदालत के निर्णय के अनुसार आरोपी की बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा ने उन्हें रिपोर्ट दे दी है।
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तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर रवाना होगे सीएम धामी
जी-20 के कार्यक्रमों में भी लेंगे हिस्सा

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज 8 सितंबर शाम से तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के लिए रवाना हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली में जी-20 के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा वो कई केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के बडे नेताओं से भी मुलाकात कर सकते है। आज उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का तीसरा और अंतिम दिन है। मॉनसून सत्र में शामिल के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिल्ली के लिए निकलेंगे, जहां वो जी-20 के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जी-20 के कार्यक्रमों के लिए केंद्र सरकार का आभार भी प्रकट किया था।
दरअसल, उत्तराखंड में भी जी-20 के तीन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। पहला कार्यक्रम 26 से 28 मार्च के बीच नैनीताल जिले के रामनगर में हुआ था। इसके बाद दूसरा कार्यक्रम 25 से 27 मई के बीच नरेंद्र नगर और ऋषिकेश में किया गया था। उत्तराखंड में जी 20 की ये बैठक भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह पर हुई थी। इसके बाद उत्तराखंड में जी 20 की तीसरी बैठक 26 से 28 जून के बीच हुई थी।
बता दें कि दिल्ली के प्रगति मैदान में 9 से 10 सितंबर तक जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आज 8 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेंगे।
दिल्ली के प्रगति मैदान के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र भारत मंडपम में 9 से 10 सितंबर तक जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। मॉरीशस के पीएम प्रवीण कुमार जगन्नाथ, नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू समेत कई देश के मेहमान जी 20 के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।
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फोटो   डी 9

कुमाऊं मंडल के जर्जर 36 पुलों की बढ़ेगी लंबाई और चैड़ाई
विभाग ने कवायद की शुरू

हल्द्वानी। पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर पुल और पुलिया अंग्रेजों के जमाने के हैं। बहुत से ऐसे पुल और पुलिया हैं, जो जर्जर हो चुके हैं या ट्रैफिक दबाव के अनुसार भार सहने की क्षमता नहीं है और उनकी चैड़ाई भी काफी कम है। जिसके चलते अक्सर पहाड़ की सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में अब लोक निर्माण विभाग इन पुलों को पुनर्निर्माण की कार्रवाई करने जा रहा है। जिसमें पुलों की लंबाई और चैड़ाई बढ़ाई जाएगी।
मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग गिरीश चंद्र आर्य ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद कुमाऊं मंडल अंतर्गत नैनीताल और उधम सिंह नगर जनपद के छोटे बड़े पुल और पुलियाओं का पुनर्निर्माण होना है। जिसके तहत नैनीताल जनपद में बताया कि शासन के निर्देश पर नैनीताल जिले में 19 और उधमसिंह नगर में 17 छोटे बड़े पुल और पुलिया हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है। उन्होंने बताया कि ये सभी पुल बी लोडिंग क्लास के हैं जिनका पुनर्निर्माण होने के बाद अब ए लोडिंग क्लास में परिवर्तन किया जाएगा। यह सभी पुल वषों पुराने हैं, जिसमें कई पुल ऐसे हैं जो ब्रिटिश कालीन है। सड़कों पर लगातार यातायात का दबाव बढ़ रहा है।
ऐसे में इन पुलों की पर भार सहने की क्षमता के साथ-साथ इसकी चैड़ाई भी कम है। जिसके चलते अक्सर सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है। पुलों की चैड़ाई बढ़ जाने से सड़कों पर लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।नैनीताल जिले में ज्यादातर पुल पुलिया लोहे की बनी हुई हैं, जबकि उधम सिंह नगर में सीमेंट पुल पुलिया हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है। इन सभी पुलों का निर्माण वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले बजट से होना है। बताया जा रहा है कि नैनीताल जिले की रामनगर-भडारपानी पुल की लंबाई 95 मीटर होगी। जबकि उधम सिंह नगर के सितारगंज हल्द्वानी चोरगलिया मार्ग पर 120 मीटर की पुल बनी है। जो जिले में सबसे लंबी हैं। मुख्य अभियंता ने बताया कि पहले चरण में पुलों का सर्वे, डीपीआर और डिजाइन बनाया जाएगा।शासन से बजट मिलते ही प्रथम चरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
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पौड़ी के मुख्य कृषि अधिकारी कृषि निदेशालय अटैच


कृषि मंत्री बोले-प्रकरण पर होगी विस्तृत जांच
देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुमोदन के बाद शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से जनपद पौड़ी गढ़वाल के प्रभारी मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र कुमार को स्थानान्तरित करते हुए कृषि निदेशालय से सम्बद्ध किया गया है। कृषि सचिव दीपेन्द्र कुमार चैधरी ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है।
 विदित हो कि पिछले बुधवार को सोशल मीडिया एवं मीडिया में प्रसारित खबर का तत्काल संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री ने पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में तैनात कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद यह संज्ञान में आया कि मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा राजकीय अवकाश के दिन कार्यालय की विशेष बैठक बुलाई, जिसमें निलंबित कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी को भी बुलाया गया। बैठक की जानकारी लगने के तुरन्त बाद कृषि मंत्री ने विभागीय सचिव और महानिदेशक को कार्यवाही के आदेश दिये थे।
 विधानसभा स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों के विस्तृत जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको बिल्कुल भी बक्शा नही जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि विकास योजनाओं और जनता के हित में किए जा रहे कार्यों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की  जाएगी।
आगे पढ़ेंसंसद सत्र एजेंडे के बिन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय और प्रवक्ता का कहना है कि संसद का सत्र 18-22 सितंबर को बुलाया गया है, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत कई मंत्री और पार्टी प्रवक्ता इसे ‘विशेष सत्र’ करार दे रहे हैं। यह राष्ट्रपति के कथन और निर्णय में ‘अतिक्रमण’ है और महामहिम तथा केंद्र सरकार के बीच विरोधाभास भी है। हमने यह स्थिति पहली बार देखी और महसूस की है। विपक्ष में सोनिया गांधी और ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं का भी मानना है कि सरकार ने संसद के ‘विशेष सत्र’ का निर्णय मनमुताबिक लिया है। विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया। दरअसल भारत सरकार के परामर्श पर ही राष्ट्रपति ने संसद सत्र आहूत किया है। बहरहाल इस असमंजस से बाहर निकलते हुए हम मानते हैं कि पांच दिन का संसद सत्र बुलाया गया है। यदि यह ‘विशेष सत्र’ है, तो कमोबेश मोदी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए था कि किस ‘विशेषता’ के तहत यह सत्र बुलाया गया है, जबकि मानसून सत्र 11 अगस्त को ही ‘अनिश्चितकाल के लिए स्थगित’ किया गया था। संसद का शीतकालीन सत्र भी नवम्बर के अंत अथवा दिसंबर के शुरू में बुलाया जाता है। उस दौरान कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा राजनीतिक दलों के केंद्रीय नेता भी चुनाव-प्रचार में व्यस्त होंगे। क्या इसी के मद्देनजर यह ‘विशेष सत्र’ बुलाया गया है? क्या शीतकालीन सत्र नहीं होगा? इन सवालों के संदर्भ में कहा जा सकता है कि संपूर्ण सत्र की तुलना में पांच दिवसीय सत्र पर्याप्त नहीं होता, क्योंकि विधायी कार्य लटके रहेंगे! चूंकि प्रस्तावित सत्र में ‘शून्यकाल’ और ‘प्रश्नकाल’ सरीखी संवैधानिक व्यवस्थाओं को अनुपस्थित रखा गया है, लिहाजा सवाल उठता है कि क्या सत्र वाकई ‘विशेष’ है? यदि ऐसा है, तो उसका विशेष एजेंडा सार्वजनिक करने में दिक्कत क्या है?
यह भी परंपरा रही है कि कोई विधेयक पेश करने से पहले कमोबेश विपक्ष के सदनीय नेताओं को मसविदा जरूर मुहैया कराया जाता रहा है, ताकि उसका समुचित अध्ययन वे कर सकें और संसद में अपने संशोधन पेश कर सकें। ‘विशेष सत्र’ का एजेंडा गोपनीय अथवा सनसनीखेज बनाने के लाभ क्या हैं? उससे सरकार की कौन-सी खुफियागीरी खंडित होगी? यदि ‘विशेष सत्र’ में ‘एक देश, एक चुनाव’ या ‘महिला आरक्षण बिल’ अथवा ‘भारत नामकरण’ सरीखे प्रस्ताव पेश किए जाने हैं, तो इनमें ‘विशेष जल्दबाजी’ की जरूरत क्या थी कि संसद सत्र आनन-फानन में बुलाना पड़ा? यदि सरकार ‘चंद्रयान-3’, ‘आदित्य एल-1’ और ‘जी-20 शिखर सम्मेलन’ सरीखी अमृत-काल की उपलब्धियों पर संसद का ‘शाबाश प्रस्ताव’ पारित कराना चाहती है, तो इस कार्य-सूची को सार्वजनिक करने में परेशानी क्या है? कौन-सी गोपनीयता भंग हो सकती है? दरअसल मोदी सरकार की यह प्रवृत्ति बन गई है कि वह अत्यंत सामान्य फैसले को भी सनसनीखेज बना कर पेश करती है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ वही जानते हैं, इस पर सरकार और भाजपा बड़ा ‘महान’ महसूस करती है। लोकतंत्र ऐसे नहीं चला करते। लोकतंत्र में सभी की भागीदारी और सोच बेहद जरूरी है। मौजूदा संदर्भ में हमें लगता है कि संसदीय कार्य मंत्री को भी जानकारी नहीं है कि ‘विशेष सत्र’ क्यों बुलाया गया है, लिहाजा वह टालू से जवाब दे रहे हैं। शायद प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि ‘जी-20 शिखर सम्मेलन’ के समापन के बाद ही कुछ घोषणा की जाए! हालांकि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर शिकवा किया है कि ‘विशेष सत्र’ विपक्ष से पूछे बिना ही आहूत किया गया है। यह संसद की स्थापित परंपराओं के विरुद्ध है। अलबत्ता उन्होंने चर्चा के लिए 9 बिंदु सुझाए हैं। ये ऐसे बिंदु हैं, जिन पर मानसून सत्र के दौरान बहस हो सकती थी, लेकिन विपक्ष और सरकार अपने-अपने नियमों पर अड़े रहे और सत्र लगभग धुल गया। चूंकि मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन फिर भी महंगाई, बेरोजगारी, किसानी, मणिपुर और सांप्रदायिक हिंसा पर कोई ठोस बहस सामने नहीं आई। हालांकि सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर ‘भारत नामकरण’ पर तमाम अफवाहों का खंडन कर चुके हैं, तो भी उम्मीद करते हैं कि अभी सत्र में 10 दिन शेष हैं। शायद सरकार सत्र की विशेषता का खुलासा कर दे!

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