– कहा, हलफनामा दाखिल न करने वाले अधिकारी से वसूला जाए
– चाय बागान की सीलिंग की भूमि की खरीद-फरोख्त का मामला
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने चाय बागान की सीलिंग की भूमि की खरीद-फरोख्त मामले में दायर एक जनहित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा समय पर हलफनामा दाखिल न किये जाने पर नाराजगी जतायी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने को हलफनामा दाखिल करने में कोताही बरतने वाले अधिकारी से वसूलने के आदेश दिये गये हैं। यह जनहित याचिका एडवोकेट विकेश नेगी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन सरकार की है, लेकिन कुछ अफसरों और भूमाफिया की मिलीभगत से इस भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त हो रही है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच इस जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। बेंच इस ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि राज्य सरकार को तीन बार इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के अवसर दिये गये। इसके बावजूद राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय चाहिए। दरअसल, इस मामले में राज्य सरकार के अतिरिक्त महा अधिवक्ता जेपी जोशी ने बेंच से अपील की कि हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ और समय चाहिए। बेंच ने राज्य सरकार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में 20 हजार रुपये जमा कराने के आदेश देते हुए कहा कि यह राशि काउंटर एफिटेविड में देरी करने वाले अधिकारी से वसूले जाएं। अदालत ने इसके बाद राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय दे दिया।
गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी कि देहरादून में चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त चल रही है जो कि गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह जमीन स्वतः ही सरकार की हो जाएगी। एडवोकेट नेगी के अनुसार रायपुर, रायचकपुर, लाडपुर और नत्थनपुर समेत जिले में चाय बागान की सीलिंग की जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। इस मामले में देहरादून अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।
– राज्य सरकार से चार सप्ताह में किया जवाब तलब
– भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच सीबीआई को देने की जनहित याचिका
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षाओं में धांधली होने और सहकारी बैंकों में नौकरियों में अनियमितता को लेकर तल्ख तेवर अपनाए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिये हैं कि वह बताएं कि धांधलियों के संबंध में अब तक क्या कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में 16 मार्च को जो हलफनामा दिया था वह नाकाफी है। हाईकोर्ट आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। एडवोकेट नेगी ने जनहित याचिका में कहा है कि भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआई को दी जाएं।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच इस जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि सरकार भर्ती प्रकरण में मुख्य अभियुक्तों को बचा रही है। यह एक गंभीर मामला है और भर्ती परीक्षा के तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। याचिकाकर्ता के मुताबिक एसटीएफ की जांच का एक सीमित दायरा है। और एसटीएफ अब तक असल मुजरिमों को पकड़ने में नाकाम रही है। ऐसे में यह मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा बेरोजगार युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज को भी धांधलियों को दबाने का एक प्रयास बताया है।
गौरतलब है कि यूकेएसएसएससी की वीपीडीओ, पुलिस, वन आरक्षी, एईजेई समेत लगभग आधा दर्जन भर्ती परीक्षाओं में धांधली होने से इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने 80 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि असल गुनाहगार अब भी पकड़ से दूर हैं। इसलिए मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 11 दिसम्बर को होगी।
‘‘योजना के तहत पात्र मृतक बकायेदार सदस्यों के वारिसान/आश्रितों/गारण्टर का शत-प्रतिशत ब्याज किया जाएगा माफ‘‘
सूचना/पौड़ी/12 जुलाई, 2023ःजिला सहायक निबंधक सहकारी समिति पौड़ी गढ़वाल पान सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश में प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में ‘‘एमपैक्स (बहुउदेश्शीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति) एक मुश्त समाधान योजना‘‘ लागू की गई है। जिसके तहत पात्र मृतक बकायेदार सदस्यों का शत-प्रतिशत ब्याज माफ किया जाना है। मृतक बकायेदार सदस्यों के वारिसान/आश्रित/गारण्टर को ब्याज मुक्त लाभ को प्राप्त करने हेतु मूलधन की समस्त राशि जमा करनी होगी।
जिला सहायक निबंधक सहकारी समिति पौड़ी गढ़वाल पान सिंह राणा ने बताया कि योजना के अंतर्गत जनपद में कुल मृतक बकायेदार सदस्य 4610 पर कुल बकाया 556.09 लाख रूपये है जिसमें मूलधन 252.36 लाख रूपये जिस पर ब्याज 303.73 लाख रूपये है। उन्होंने बताया कि इस योजना का सफल क्रियान्वयन हेतु विकासखण्डवार तथा जनपद स्तर पर एक-एक कमेटी गठित की गयी है। योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए मृतक बकायेदारों से संबंधित वारिसान/आश्रित/गारण्टर न्याय पंचायत स्तर पर पंजीकृत प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में संपर्क कर अपनी सहमति पत्र उपलब्ध सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना 30 सितम्बर, 2023 तक प्रभावी रहेगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर 9412394163, 9411360605 पर सम्पर्क कर सकते हैं।