लघु एवं मझोले कारोबार को आसान बनाने की जरूरत : बंसल
नई दिल्ली, 18 सितबर (वार्ता) राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कहा है कि छोटे एवं मझोले कारोबारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं और उनके लिए कारोबार करना आसान बनाने की सख्त जरूरत है।
श्री बंसल ने रविवार को यहां फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कारोबारी देश की अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग हैं। राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार देने में कारोबारियों की भूमिका 45 प्रतिशत से अधिक होती है। व्यापारी देश की आर्थिक रीढ़ हैं और वे स्वाभिमान से कारोबार करते रहें इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कारोबारियों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए और उनके सामने जो दिक्कतें आती है उनको लेकर सरकार से बातचीत जारी रहनी चाहिए क्योंकि निरंतर संवाद से ही हर समस्या का समाधान होता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट इंस्टीट्यूट के सेंट्रल काउंसिल के सदस्य अनूप गोयल ने छोटे कारोबारियों को देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनके हित में आयकर प्रावधान की तरह ही फेसलेस जीएसटी लागू होना चाहिए।
फेडरेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि सम्मेलन में जो विचार सामने आए हैं उनको मिलकर लागू करने की दिशा में तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए।
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महाराज विक्रमादित्य
जय महा काल
भारत को सोने की चिड़िया” बनाने वाला :- “असली राजा” कौन था ?
*कौन था , वह राजा ? जिसके :- “राजगद्दी पर बैठने के बाद”, उनके “श्रीमुख” से “देववाणी” ही, निकलती थी । और “देववाणी” से ही, “न्याय” होता था?*
*कौन था ,वह राजा ? “जिसके”:- राज्य में “अधर्म का संपूर्ण नाश” हो गया था।*
*महाराज विक्रमादित्य…*
*बड़े ही दुख की बात है, कि :- “महाराज विक्रमादित्य” के बारे में, देश को लगभग “शून्य बराबर ज्ञान” है।*
जिन्होंने :- *”भारत को सोने की चिड़िया बनाया था” और “स्वर्णिम काल” लाया था।*
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*उज्जैन के राजा थे, गन्धर्वसैन , जिनके तीन संताने थी । सबसे बड़ी लड़की थी । मैनावती , उससे छोटा लड़का भृतहरि और सबसे छोटा वीर विक्रमादित्य..। बहन मैनावती की शादी धारानगरी के राजा “पदमसैन” के साथ कर दी जिनके एक लड़का हुआ गोपीचन्द l आगे चलकर गोपीचन्द ने “श्री ज्वालेन्दर नाथ जी” से “योग दीक्षा” ले ली ।और “तपस्या करने जंगलों में चले गए”.. फिर मैनावती ने भी, “श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग दीक्षा ले ली”।
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आज ये देश और यहाँ की “संस्कृति” केवल, “विक्रमादित्य” के कारण, “अस्तित्व” में है।
अशोक मौर्य ने “बोद्ध धर्म” अपना लिया था । और बोद्ध बनकर 25 साल राज किया था
भारत में तब “सनातन धर्म”, लगभग “समाप्ति” पर आ गया था l देश में -“बौद्ध और अन्य” हो गए थे।
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“रामायण, और महाभारत” जैसे “ग्रन्थ” खो गए थे ।”महाराज विक्रम” ने ही, पुनः उनकी “खोज “करवा कर, “स्थापित” किया।
*”विष्णु और शिव जी” के “मंदिर” बनवाये । और “सनातन धर्म” को “बचाया”l विक्रमादित्य के 9 रत्नों में से एक -“कालिदास” ने “अभिज्ञान शाकुन्तलम्” लिखा। जिसमे “भारत का इतिहास “है । अन्यथा :- भारत का इतिहास क्या मित्रो ? “हम”, “भगवान् कृष्ण और राम ” को ही, “खो” चुके थे। हमारे -“ग्रन्थ” ही, भारत में “खोने” के कगार पर आ गए थे।*
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उस समय -“उज्जैन के राजा भृतहरि” ने राज छोड़कर, श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग की दीक्षा ले ली । और “तपस्या” करने जंगलों में चले गए । राज अपने छोटे भाई – “विक्रमादित्य” को दे दिया. । “वीर विक्रमादित्य” भी ,श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से -“गुरू दीक्षा” लेकर, “राजपाट सम्भालने लगे”। और आज उन्ही के कारण :- “सनातन धर्म बचा हुआ है” । हमारी “संस्कृति” बची हुई है।
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*”महाराज विक्रमादित्य” ने केवल धर्म ही, नही बचाया ? उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर “सोने की चिड़िया” बनाई । उनके राज को ही ,”भारत का स्वर्णिम राज: कहा जाता है।
“विक्रमादित्य” के काल में भारत का :- कपडा, विदेशी व्यपारी, “सोने के वजन” से खरीदते थे।
“भारत में इतना सोना आ गया था”…, की :- “विक्रमादित्य काल” में – “सोने की सिक्के” चलते थे। आप “गूगल इमेज” कर …,”विक्रमादित्य” के “सोने के सिक्के” देख सकते हैं।
“कैलंडर”, जो – “विक्रम संवत” लिखा जाता है ? वह भी, “विक्रमादित्य” का स्थापित किया हुआ है।*
*आज जो भी, “ज्योतिष गणना” है ? जैसे , हिन्दी सम्वंत , वार , तिथीयाँ , राशि , नक्षत्र , गोचर ,आदि, उन्ही की रचना है । वे बहुत ही, पराक्रमी , बलशाली, और बुद्धिमान, राजा थे।*
*कई बार तो -“देवता” भी, “उनसे न्याय करवाने आते थे”।*
“विक्रमादित्य” के काल में हर “नियम” ,”धर्मशास्त्र” के हिसाब से बने होते थे। न्याय , राज, सब “धर्मशास्त्र” के नियमो पर चलता था।
“विक्रमादित्य” का काल, “प्रभु श्रीराम के राज के बाद सर्वश्रेष्ठ माना गया है”
जहाँ :- “प्रजा”, “धनी” थी ।और “धर्म पर चलने वाली थी”।*
बड़े दुःख की बात है ,की:- ” भारत के सबसे महानतम राजा” :- “विक्रमादित्य” के बारे में हमारे “स्कूलों /कालेजों” मे कोई “स्थान” नही है।
देश को अकबर, बाबर, औरंगजेब, जैसै – “दरिन्दो” का “इतिहास” पढाया जा रहा है।*
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जय हिन्द। जय भारत।
एक कदम सनातन की ओर,
हिन्दू राष्ट्र की पुनः स्थापना की एक पहल..
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मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन पर *कल के लिये जल अभियान का शुभारंभ*
हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाडी के द्वारा आज दुधली के जंगल मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन पर 46 जलकुंड बना कर *कल के लिये जल अभियान* का शुभारम्भ किया गया। अभियान का शुभारम्भ 2 जलकुंड देहरादून के दुधली के जंगल मे व 45 जल कुंड उत्तरकाशी के चामकोट मे निर्माण कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा.
मोहन सिंह रावत गावँवासी ने कहा कि आज विश्व मे स्वच्छ जल पीने की पानी का संकट हो रहा है। धरती का जल स्तर कम हो रहा है। बारिश का पानी धरती के अन्दर नही जा रहा है। एसे समय में द्वारिका प्रसाद सेमवाल एवं उनकी टीम द्वारा कल के लिये जल व जल सरक्षण का जो अभियान आज मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर किया है यह सराहनीय पहल है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये विधायक डोईवाला श्री बृजभूषण गैरोला ने कहा कि एसे अभियान जो कि जन सहभागिता से चलाया जा रहा है यह अत्यंत लोकप्रिय होगा। कच्चे तालाबो के निर्माण से जल सरक्षण की दिशा मे एक सराहनीय पहल है यह जनादोलन निशिचत रूप से चिपको के समान होगा। कार्यक्रम मे कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि कच्चे तालाबो के निर्माण मे स्थानीय संसाधनो का ही उपयोग किया गया है। जो कि कम खर्च पर पुरे राज्य मे बनाया जा सकता है। और लोग भवनात्मक रूप से जुडेगे।
अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने सभी अथितियो का स्वागत करते हुये कहा की पानी की लड़ाई सभी को खुद से व खुद के संसाधनो से लड्नी होगी। उन्होने कहा कि हमने आज मुख्यमंत्री जी को जन्मदिन दो *जल कुंड* बना कर जन्मदिन का गिप्ट भेट किया है साथ ही एक विचार कल के लिये जल अभियान के रूप मे भेंट किया है जो आने वाले समय को दुनिया को जल सरक्षण की दिशा का रास्ता बतायेगा।
हम लोग सभी से निवेदन करते है कि वे अपने जन्मदिन, प्रियजनो की याद मे कच्चे तालाब, जलकुंड का निर्माण कर धरती व प्यास बुझाने मे सहयोग करे। यही इस अभियान का उदेश्य है। कार्यक्रम का संचालन डा अरविन्द डा. अरविन्द दरमोडा ने किया।
इस अवसर पर सुभाष थालेडी, डा. मोहन पंवार, डा. अरविन्द दरमोडा, विकास पंत, रघुवीर सिंह, रेंजर घनानंद उनियाल, प्रधान शयाम सिंह धामी, कर्नल अजय कोठियाल, रनजीत नेगी, वन दारोगा गरमीत सिंह, छत्र शाल विश्ट, करण बोहरा, जगदंबा रातुडी, राजेंद्र क्षेत्री, राजकुमार, विक्रम नेगी, जरनेल सिंह, ललिता पंत, रामकली, समीर रातुडी आदि ने श्रमदान कर जल कुंड का निर्माण किया।
*कल के लिये जल अभियान* का उदेश्य-
आम और खास लोगो को जन्मदिन, सालगिराह, प्रियजनो की याद मे जल कुंड (कच्चे तालाब) बनाने को प्रेरित करना ।
ये आयोजन अब आम और खास लोगो के जीवन मे सामान्य गतिविधि हो गई है चाहे छोटा बजट हो य बड़ा सभी इनको मनाते है। पुराने समय मे राज रजवाड़ों, सेठ, साहुकार समय समय पर पानी के तालाब, पोखर, कुएँ , बावड़ी व चश्मे बनाते थे। जो की हामारी परंपराओ से जुड़े थे। कल के लिये जल अभियान के माध्यम से हम उन परंपराओ को पुनर्जीवित करने की कोशिस कर रहे है।
आप भी इस अभियान से जुडिए
मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन पर *कल के लिये जल अभियान का शुभारंभ*
हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाडी के द्वारा आज दुधली के जंगल मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन पर 46 जलकुंड बना कर *कल के लिये जल अभियान* का शुभारम्भ किया गया। अभियान का शुभारम्भ 2 जलकुंड देहरादून के दुधली के जंगल मे व 45 जल कुंड उत्तरकाशी के चामकोट मे निर्माण कर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा.
मोहन सिंह रावत गावँवासी ने कहा कि आज विश्व मे स्वच्छ जल पीने की पानी का संकट हो रहा है।
धरती का जल स्तर कम हो रहा है। बारिश का पानी धरती के अन्दर नही जा रहा है। एसे समय में द्वारिका प्रसाद सेमवाल एवं उनकी टीम द्वारा कल के लिये जल व जल सरक्षण का जो अभियान आज मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर किया है यह सराहनीय पहल है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये विधायक डोईवाला श्री बृजभूषण गैरोला ने कहा कि एसे अभियान जो कि जन सहभागिता से चलाया जा रहा है यह अत्यंत लोकप्रिय होगा। कच्चे तालाबो के निर्माण से जल सरक्षण की दिशा मे एक सराहनीय पहल है यह जनादोलन निशिचत रूप से चिपको के समान होगा। कार्यक्रम मे कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि कच्चे तालाबो के निर्माण मे स्थानीय संसाधनो का ही उपयोग किया गया है। जो कि कम खर्च पर पुरे राज्य मे बनाया जा सकता है। और लोग भवनात्मक रूप से जुडेगे।
अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने सभी अथितियो का स्वागत करते हुये कहा की पानी की लड़ाई सभी को खुद से व खुद के संसाधनो से लड्नी होगी। उन्होने कहा कि हमने आज मुख्यमंत्री जी को जन्मदिन दो *जल कुंड* बना कर जन्मदिन का गिप्ट भेट किया है साथ ही एक विचार कल के लिये जल अभियान के रूप मे भेंट किया है जो आने वाले समय को दुनिया को जल सरक्षण की दिशा का रास्ता बतायेगा।
हम लोग सभी से निवेदन करते है कि वे अपने जन्मदिन, प्रियजनो की याद मे कच्चे तालाब, जलकुंड का निर्माण कर धरती व प्यास बुझाने मे सहयोग करे। यही इस अभियान का उदेश्य है। कार्यक्रम का संचालन डा अरविन्द डा. अरविन्द दरमोडा ने किया।
इस अवसर पर सुभाष थालेडी, डा. मोहन पंवार, डा. अरविन्द दरमोडा, विकास पंत, रघुवीर सिंह, रेंजर घनानंद उनियाल, प्रधान शयाम सिंह धामी, कर्नल अजय कोठियाल, रनजीत नेगी, वन दारोगा गरमीत सिंह, छत्र शाल विश्ट, करण बोहरा, जगदंबा रातुडी, राजेंद्र क्षेत्री, राजकुमार, विक्रम नेगी, जरनेल सिंह, ललिता पंत, रामकली, समीर रातुडी आदि ने श्रमदान कर जल कुंड का निर्माण किया।
*कल के लिये जल अभियान* का उदेश्य-
आम और खास लोगो को जन्मदिन, सालगिराह, प्रियजनो की याद मे जल कुंड (कच्चे तालाब) बनाने को प्रेरित करना ।
ये आयोजन अब आम और खास लोगो के जीवन मे सामान्य गतिविधि हो गई है चाहे छोटा बजट हो य बड़ा सभी इनको मनाते है। पुराने समय मे राज रजवाड़ों, सेठ, साहुकार समय समय पर पानी के तालाब, पोखर, कुएँ , बावड़ी व चश्मे बनाते थे। जो की हामारी परंपराओ से जुड़े थे। कल के लिये जल अभियान के माध्यम से हम उन परंपराओ को पुनर्जीवित करने की कोशिस कर रहे है।
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