देहरादून, पहाडोंकीगूँज ukpkg.com। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर 01 मार्च को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में घोषित की जाएगी।
देवस्थानम बोर्ड भंग होने के बाद पुनः अस्तित्व में आई बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने महाशिवरात्रि पर्व एवं मुहूर्त तय किये जाने वाले धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ में बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र “अजय”,उपाध्यक्ष किशोर पंवार, समिति के सदस्यगण,धर्माचार्य, वेदपाठी, हक-हकूकधारी समाज, पंचगाईं पुरोहित एवं स्थानीय लोगों की मौजूदगी में श्री केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी।
बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिंह के अनुसार भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जाने का मुहूर्त मान्य पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में महाशिवरात्रि पर्व पर तय किया जाता है। बद्री-केदार मंदिर समिति ने इसके लिए सभी तैयारियां शुरू कर दी है। कोविड गाइड लाइन के अनुरूप कार्यक्रम सम्पन्न किये जाने के लिए कार्याधिकारी रमेश तिवारी ने अधीनस्थ अधिकारियों,कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। प्रसिद्ध धर्मिक स्थान
उखीमठ भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक तीर्थ स्थल है।[1] यह 1311 मीटर की ऊंचाई पर है और रुद्रप्रयाग से 41 किलोमीटर की दूरी पर है। सर्दियों के दौरान, केदारनाथ मंदिर और मध्यमहेश्वर से मूर्तियों (डोली) को उखीमठ रखा जाता है और छह माह तक उखीमठ में इनकी पूजा की जाती है। उषा (बाणासुर की बेटी) और अनिरुद्ध (भगवान कृष्ण के पौत्र) की शादी यहीं सम्पन की गयी थी। उषा के नाम से इस जगह का नाम उखीमठ पड़ा। सर्दियों के दौरान भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली को इस जगह के लिए केदारनाथ से लाया जाता है। भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा और पूरे साल भगवान ओंकारेश्वर की पूजा यहीं की जाती है। यह मंदिर उखीमठ में स्थित है।