क्या मिला आंदोलन कर आज दवाई के पैसे को मोहताज आंदोलनकारी! दो बार हार्टअटेक पड चुका है धरना स्थल पर!
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आंखें गीली,चेहरा मुरझाया क्या मिला आंदोलन कर,आज दवाई के लिए भी पैसे का मोहताज है।
आज मैं ऐसे आंदोलनकारी से रूबरू करवा रहा हूँ जिसने देहरादून,अपने जिंदगी के अहम साल राज्य आंदोलन में बिता दिए राज्य तो बन गया,नेता अफसरों की मौज हुई।
पर इन्हें क्या मिला सिवाय दुख के। हम बात कर रहे है गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल की जुनून इतना कि कुछ भी करने को तैयार।दिल्ली जंतर मंतर में सालो राज्य निर्माण के लिए धरना प्रदर्शनों में अग्रिम भूमिका में रहे।
देहरादून लौटे तो काम धाम छोड़ राजधानी गैरसैण की अलख जगाने निकल पड़े।अकेले ही राजधानी निर्माण अभियान के तहत धरना शुरू कर दिया कारवा जुड़ता गया सैकड़ो लोग जुड़ते गए।लेकिन अचानक धरने पर ही एक दिन हार्ट अटैक पड़ गया बड़ी मुश्किलो से लाखों रुपये ख़र्चने के बाद नई जिंदगी मिली।
थोड़ा ठीक होने के साथ परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी घर की चिंता छोड़ फिर युवाओ में जोश भरने धरना स्थल में धरना रत हो गए। अब गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये जाने की घोषणा हो गई।
आधी लड़ाई जीती जा चुकी है आधी अभी बाकी है। एक सफ्ताह पूर्व आंदोलनकारी लक्ष्मी थपलियाल को एक बार फिर अटैक पड़ गया।अब बिस्तर पर पड़े है दवाई तक के लिए मोहताज हो गए।घर की माली हालात के आगे अपना इलाज भी नही करवा पा रहे है।
बार बार पूछने पर रुन्दे गले कहते है क्या मिला आंदोलन करके आज दवाई के लिए भी पैसे नही है परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। पहले सुना था अब समझ मे आया कि दुख की घड़ी में कोई साथ नही देता।आर्थिक स्थिति बहुत डामाडोल हो गई है वैसे ऊपर से बीमारी लग गई है।
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नोट– मेरा आप सभी लोगो से निवेदन है कि आंदोलनकारी लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल की मदद के लिए आगे आएं।
—- फोन नम्बर 919997873922
बैंक ऑफ इंडिया देहरादून खाता संख्या
705010110004338
Ifsc code BKID0007050
Lakshmi prasad thapliyal