देहरादून ,पिछले चार दिन से मैं डी ए वी पी जी कालेज में प्रो एवं यच ओ डी को मिलने की चाहत के प्रयास किया था संयोग से मासकॉम डिपार्टमेंट में पढ़ाने वाले गुरु जी से अंदर आने की इजाजत लेकर उन्होंने बैठने के लिए कहा कुछ देर बाद पढ़ाई पर ध्यान रखने वाले मात्र तीन बच्चों का मन विद्यालय आने के बाद न लगना राष्ट्र निर्माण के लिए अच्छा संकेत है ? ,,,,पढ़ाने काम का समय पूरा होने पर उनकी फ़ोटो लेने के लिए गुरू जी इजाजत मांगी फोटो मोबाइल में कैद कर दिया ।गुरु जी से मुलाकात होने पर परिचय दिया।उन्होंने अपना परिचय दिया।डॉ बिमलेश डिमरी , हमने कहा कि आप बदरीनाथ भगवान मिलगये ,गुरुभगवान
डॉ विमलेश डिमरी मासकॉम डिपार्टमेंट डी ए वी पीजी कालेज के रूप हुई। ज्ञानत हो डिमरी लोग भगवान श्री बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल के सहायक के रूप में होते हैं।एक प्रकार से हम मानव के रूप मे भगवान श्री बद्रीनाथ का आशीर्वाद डिमरी लोगों से प्राप्त करते हैं।पहले जब अनायास रावळ के तीर्थ यात्रा के बीच मृत्यु होने पर डिमरी लोग जिनकी बारी होगी उन्हें रावल बनाया जाने की परंपरा कायम टिहरी गढ़वाल रियासत के महाराजा ने कर रखी थी ।अबतो वहां पर रहने वाले लोगों का मन तो रावल भी वहीं का बनाने की है । रावल
ही भगवान के मुख्य पुजारी न रहने पर डिमरी लोगों को रावल बनाने की परम्परा थी। परन्तु अब नायब रावल की नियुक्ति कर दी जाती है।
डॉ विमलेश डिमरी मासकॉम डिपार्टमेंट डी ए वी पीजी कालेज से बात हुई।आगे पर्यटन को बढ़ावा देने से उत्तराखंड में पलायन रुकेगा। एक सेमिनार करने के लिए उन्होंने कहा ।इसका में पूर्व प्रकाशित अंक 44में 11 जनवरी 2020 में जिक्र किया गया है।यह मेरे संज्ञान में है।इस समय मेरा यहां आने का परियोजन यह है कि उत्तराखंड में तीर्थ स्थल ,पर्यटन स्थल सभी प्रकार के सुंदर स्थानों तक हम यात्रा, पर्यटक पहुचाने में हम सफल होजाते हैं तो उत्तराखंडIसीरिया बनाने से बचाने के लिए विशेषांक का सहयोग करें।लिखना हमारा सार्थक होगा।इसके प्रकाशित करने के विषय के सम्बंध में पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर आदि को मिलनेगये थे।प्रधानाचार्य श्री भसीन सह उनसे मिलने गये वहां पहुँने मात्र डॉ डिमरी सेमुलाकात सेआगे की तैयारियों के लिए बातावरण बनाने के बिषय पर चर्चा की है।उन्होंने जीतमणि पैन्यूली सम्पादक पहाड़ों की गूंज हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र को डी ए वी न्यूज लेटर समाचार पत्र भेंट किया इस वार्ता के साक्षी स्वतंत्र पत्रकार प्रेम पंचोली साथ रहे।