देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के लिए साल 2019 विगत वर्षों की तुलना में अपराध व कानून व्यवस्था के आंकड़ों को देखते हुए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। इस साल पुलिस ने ज्यादातर अपराधिक मामलों का निस्तारण और घटना के बाद प्रॉपर्टी रिकवरी में पिछले सालों की तुलना में बेहतर परफॉर्मेंस देते हुए अग्रिम राज्यों की सूची में खुद को बनाए रखा। हालांकि, प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध, साइबर क्राइम व मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके साथ ही पुलिस के कई सराहनीय कार्य भी इस साल चर्चा में रहे। गौर हो कि प्रदेश में बढ़ते अपराध पुलिस के चुनौती बने हुए हैं। साल दर साल ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं कई मामलों में पुलिस ने तत्पर्ता दिखाते हुए मामले का खुलासा किया लेकिन बढ़ते आंकड़े पुलिस के लिए सिर दर्द बनते जा रहे हैं। जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक सबसे ज्यादा देहरादून में 513 नशा तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। जबकि उधम सिंह नगर 262, नैनीताल 185, हरिद्वार 139 में हुई हैं। पूरे राज्य में साल 30 नवंबर 2019 तक नशा तस्करी करने वाले 1362 अभियुक्त गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। उत्तराखंड पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार जुलाई 2019 से सितंबर माह तक चलाए गए अभियान में 48646 लोगों के खिलाफ कोर्ट से जारी समन व वारंट की तामील कराई, जबकि अन्य मामलों में 21423, एमवी एक्ट के तहत 40817, पुलिस एक्ट के तहत 4732, आबकारी अधिनियम के तहत 14736, जुआ खेलने वाले 2360, शस्त्र अधिनियम के तहत 1845 लोगों के खिलाफ कोर्ट के समन तामील किए गये। जिसके हिसाब से राज्य में कुल 1 लाख 34 हजार 559 समन तामील कराए गए। अपराध व कानून व्यवस्था के संबंध में महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि साल 2019 विगत वर्षों की तुलना काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसके बावजूद देश के अन्य राज्यों की तुलना पुलिसिंग बेहतरी स्तर से की गई है। जिसका परिणाम बड़े-बड़े मामलों को वर्कआउट करने के साथ प्रॉपर्टी रिकवरी करने में उत्तराखंड तमिलनाडु के बाद दूसरे पायदान का राज्य है। अशोक कुमार के अनुसार चारधाम यात्रा वीवीआईपी मूवमेंट, प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण केदारनाथ यात्रा के साथ-साथ राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था को लेकर बेहतर साबित हुआ है। प्रयास है कि 2020 में भी उत्तराखंड देश के अग्रिम राज्यों की सूची में होगा।
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Tue Dec 31 , 2019