देहरादून वंदना रावत , जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्टेरट सभागार में वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु देशी/विदेशी मदिरा की अव्यवस्थापित मदिरा की दुकानों का लाॅटरी के माध्यम से समस्त आवेदकों की उपस्थिति में पूरी पारदर्शिता और विडियोग्राफी के माध्यम से व्यवस्थापन (आवंटन ) किया गया।
लाटरी के माध्यम 5 विदेशी तथा 11 देशी दुकानों का आवंटन किया गया, जिसमें मदिरा की कुल 5 विदेशी दुकानों से कुल 25,47,12,964/-(पच्चीस करोड़ सैंतालिस लाख बारह हजार नौ सौ चैंसठ) तथा देशी मदिरा की कुल 11 दुकानों से 58,85,68,428/-(अठ्ावन करोड़ पिच्चासी लाख अड़सठ हजार चार सौ अठ्ाइस) रू0 राजस्व प्राप्त हुआ। इस दौरान 11 देशी मदिरा की दुकानों में से 3 दुकानों के लिए केवल एक-एक आवेदक थे, जिस कारण दुकानों का आवंटन उनके नाम किया गया। जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी को उपस्थित समस्त आवेदकों को लाॅटरी द्वारा आवंटन की समस्त प्रक्रिया और आवेदन के साथ की तथा आवंटित होने के पश्चात शुल्क इत्यादि समस्त औपचारिकताओं को बताने के निर्देश दिये। जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय ने बताया कि मदिरा की देशी व विदेशी दुकानों के आवेदकों को बारीकी से जांचा गया है और उनकी हैसियत को देखते हुए और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने पर ही आवेदनों को आवंटन की प्रक्रिया में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस दुकान का आवेदन शुल्क यदि 25 लाख से अधिक है तो उसको आज ही जमा करना होगा तथा शेष मानक के अनुसार राशि जमा करनी होगी। इस दौरान ध्यान रखा गया कि एक आवेदक को पूरे राज्य में दो से अधिक दुकान आवंटिन न होने पाये साथ ही उसकी हैसियत भी आवंटित दुकान के अनुसार जायज हों लाटरी द्वारा आवेदन की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गयी और उपस्थित आवेदकों ने समस्त प्रक्रिया से पूरी तरह से संतुष्टी व्यक्त की।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल सहित आबकारी विभाग के अधिकारी एवं कार्मिकों के साथ ही आवेदन प्रक्रिया में भाग लेने वाले आवेदक उपस्थित थे।
देहरादून , जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्टेरट सभागार में आगामी मानसून सीजन में सम्भावित आपदा से निपटने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किये जाने वाले बचाव व सुधारीकरण कार्य के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने जनपद के सभी विभागीय अधिकारियों और विभिन्न क्षेत्रों के उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मानसून के दौरान किसी भी प्रकार सम्भावित घटना से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य के साथ ही उनके स्तर से किये जाने वाले कार्य के साथ ही उनके स्तर से स्थायी व अस्थाई निर्माण कार्य हेतु पूर्व में ही अपने-अपने क्षेत्रों में सम्भावित दुर्घटना के क्षेत्रों, पूर्व के अनुभवों के आधार पर किसी स्थान पर घटने वाली सम्भावित दुर्घटना के लिए पूर्व में सुरक्षा, निर्माण और बचाव के कार्यों को शीघ्रता से अमल में लायें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने स्तर पर देख लें कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए सुधारीकरण हेतु उनके पास पर्याप्त मात्रा में मानवीय व अन्य संसाधन उपलब्ध है तथा वे वर्किंग कण्डिशन में है और उसको होल्ड करने वाले पूरी तरह से प्रशिक्षित है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विभाग कालसी, चकराता, त्यूनी, लाखामण्डल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में विशेष फोकस रखें और इन स्थानों पर अपने संसाधन पूर्व में ही पर्याप्त मात्रा में तथा वैकल्पिक व्यवस्था रखें। उन्होंने आईआरएस की सभी टीम को मानसून / वर्षाकाल के दौरान जनपद आपदा कन्ट्रोलरूम से लगातार समन्वय बनाये रखने, अपने सीयूजी तथा अन्य दूरभाष न0 आॅन रखने, आपदा कन्ट्रोलरूम में अपना नाम, पदनाम व मोबाईल न0 सहित अपने सम्पूर्ण विभाग प्लान अपडेट करते हुए तत्काल उसका विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने नगर निगम को शहर में नालियों, सड़क मार्गों, फूटपाथों, जलभराव क्षेत्रों की तत्काल सफाई करने, सिंचाई विभाग को नदी-नालों के किनारे सुरक्षा दीवार व स्थायी-अस्थायी निर्माण कार्य को करने, चिकित्सा विभाग को मैदानी से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों सहित पर्याप्त चिकित्सक, उपकरण, दवा, मच्छरों से जुड़ी बिमारी की पूर्व रोकथाम हेतु जलभराव क्षेत्रों में जल की दुरूस्त निकासी करने तथा समय-समय पर चूने का छिड़काव व फागिंग कार्य करते रहने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को कालसी से साहिया-चकराता-त्यूनी, क्वानु-मीनस मार्ग, लाखामण्डल और चकराता, मसूरी मोटर मार्गको वर्षाकाल के दौरान यातायात के मद्देनजर दुरूस्थ रखने के निर्देश दिये, जिससे बरसात के दौरान किसान के सेब, फल-सब्जी सहित बहुत से उत्पाद शीघ्रता से विकासनगर-देहरादून मण्डी तक पंहुच जाय और किसानों को किसी भी तरह की आर्थिक हानि न हो वहीं दूसरी ओर आवाजाही भी सुगम बनी रहे। उन्होंने मैदानी से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों की सड़क मार्गों में रूके हुए जल की निकासी करने तथा सड़क के बीच में भरने वाली मिट्टी व गाद को कंकड़-पत्थर से भरते हुए यातायात को सुगम बनाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को वर्षाकाल के दौरान किसी दुर्घटना व सम्भावित आपदा के समय लागों को खानपान के लिए शुद्ध पेयजल, तेल, खाद्य पदार्थ व भोजन पैकेट की पूर्व में ही वैकल्पिक व्यवस्था तैयार रखने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सभी विभागों से आपसी समन्वय बनाते हुए किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल सुधारीकरण के कार्य पूर्व में ही तैयारी रखने और आपदा के दौरान होने वाली सम्भावित जनधन तथा फसल की हानि के दौरान तत्काल भौतिक निरीक्षण करवाकर उचित मुआवजे इत्यादि का वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जनपद आपदा प्रबन्धन अधिकारी को कन्ट्रोलरूम को प्राप्त होने वाली प्रत्येक शिकायत को अनिवार्य पंजीकरण न0 देते हुए सम्बन्धित विभाग को उस पर कार्यवाही हेतु तत्काल सूचित करने के निर्देश दिये साथ ही जनपद के आईआरएस से जुडे़ विभागीय अधिकारियेां के दूरभाष न0, नाम, पदनाम इत्यादि की अपडेट सूची रखने के निर्देश दिये। उन्होंने शिक्षा विभाग को स्कुलों में बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जर्जर स्कुल भवनों की सूचना और वर्षा के दौरान बच्चों की सुरक्षा हेतु आवश्यक समन्वय बनाते हुए सम्बन्धित विभागों के सहायता लेने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने विद्युत, जल संस्थान, पेयजल निगम, एसडीआरएफ सहित सभी विभागों के अधिकारियों को उनके स्तर से की जाने वाली पूर्व तैयारियों को दुरूस्त रखने तथा किसी भी आपदा के दौरान शीघ्रता से सुधारीकरण का कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसे सभी विभागों को जिन्होंने अभी तक अपने अद्यतन प्लान व कार्यों का विवरण प्रस्तुत नही किया है ऐसे सभी विभाग तत्काल विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इस दौरान जनपद आपदा प्रबन्धन अधिकारी दीपशिखा रावत ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से जनपद में वर्ष 2018 में घटी बड़ी प्राकृतिक आपदा की ओर ध्यान दिलाया और समय पूर्व सुधारीकरण के विभिन्न बिन्दुओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, डीएफओ राजीव धीमान, अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल व रामजी शरण शर्मा सहित जनपद के विभिन्न विभागों के उच्चस्थ व अधीनस्थ अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।
देहरादून , आगामी मानसून सीजन को देखते हुए शहर के नदी-नालों की साफ-सफाई, नव निर्माण, डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों को पनपने से रोकने, डोर-टू-डोर कूड़ा उठान एवं फागिंग स्पे्र करने तथा डम्पिंग एवं ट्रेचिंग स्थलों का जिलाधिकारी सी रविशंकर ने आज स्थलीय निरीक्षण करते हुए नगर निगम के अधिकारियों को उक्त कार्यों को युद्धस्तर पर चलाये जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अपने स्थलीय निरीक्षण का आरम्भ प्रभात सिनेमा के पास मन्नूगंज लूनिया मौहल्ला में नगर निगम द्वारा किये जा रहे नालों की सफाई का कार्य देखा तथा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्य में तेजी लाते हुए मलबा उठान का काम शीघ्रता से पूरा करें। उन्होंने क्षेत्रीय वासिंदों से भी कूड़ा उठान में सहयोग करने की अपेक्षा की ताकि नदी नाले चैक न होने पायें। उन्होंने इस क्षेत्र के गिरासू भवनों में रह रहे लोगों को हटाने तथा भवन स्वामियों को नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिये। निरीक्षण के इस क्रम में तेल भवन के पास छोटी बिन्दाल नाले पर चल रहे सफाई एवं कूड़ा उठान हेतु नगर निगम द्वारा लगाये गये जेसीबी की कार्य प्रगति भी देखी तथा कूड़ा उठान का कार्य शीघ्रता से करने के निर्देश दिये। उन्होंने शान्ति विहार गोविन्दगढ नाले की सफाई एवं नाले पर हुए अतिक्रमण के बारे में नगर निगम के अधिकारियों से जानकारी लेते हुए सम्बन्धितों के विरूद्ध अतिक्रमण की कार्रवाही आपदा अधिनियम के तहत करें ताकि जनहित के कार्यों में कोई अवरोध पैदा न हो सके। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने बल्लूपुर एवं बल्लीवाला में भी नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे सफाई अभियान का निरीक्षण किया और अनुराग नर्सरी चैक के पास बह रहे नाले में पड़े कूड़े तथा आवारा पशु एवं सुअरो को हटाने के साथ ही नाले के विस्तार एवं चैड़ीकरण के लिए नगर निगम एवं पेयजल निगम आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने हिल व्यू काॅलोनी व एशियन स्कूल के पास कंजेस्टेड नाली को चैड़ा करने तथा साफ-सफाई व कूड़ा उठान कार्य को तेजी से करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उक्त सम्बन्धित क्षेत्रों के निवासियों से अपेक्षा की कि वे डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में नगर निगम को सहयोग करें तथा अपने क्षेत्र में डेंगू चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियों को पनपने से रोकने के लिए अपने क्षेत्रों में फाॅगिंग स्पै्र का प्रयोग करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने नगर निगम को मानसून से पूर्व नदी नालों की साफ-सफाई कर इनसे प्राप्त कूड़े एवं गाद का निस्तारण युद्धस्तर पर करनें के निर्देश दिये। उन्होंने हरिद्वार बाईपास रोड पर नगर निगम द्वारा बनाये गये डम्पिंग जोन का भी निरीक्षण किया तथा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आ रहे कूड़े का निस्तारण सही तरीके से करने को भी कहा इसके अलावा उन्होंने ट्रेचिंग ग्राउण्ड में एकत्रित किये जा रहे कूड़े का तत्काल निस्तारण करने तथा वहां पर चाहरदीवारी का निर्माण करने को कहा ताकि लोगों को टेªचिंग ग्राउण्ड में पड़े कूड़े की बदबू से निजात मिल सके। निरीक्षण के अन्तिम पड़ाव में जिलाधिकारी ने कण्डोली स्थित सिंचाई विभाग को नदी में बनाये जा रहे वायरके्रट तथा नदी किनारे स्पोटिंग वाॅल बनाये जाने के निर्देश ताकि उन स्थानों पर बसे निवासियों की भूमि कटान रोकने एवं भवनों को क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना से रोका जा सके। निरीक्षण के दौरान हिल व्यू कालोनी एशियन स्कूल क्षेत्र के वासिदों ने जिलाधिकारी को उनके क्षेत्र में हो रहे नदी नालों के अतिक्रमण एवं विगत वर्ष हुए नुकसान की भी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान को प्राथमिकता से किया जायेगा।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के साथ कैन्ट विधायक हरबंश कपूर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा, अपर जिलाधिकारी वि/रा बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी सदर कमलेश मेहता, नगर निगम के अधिशासी अधिकारी नीरज जोशी, तहसीलदार सदर मुकेश चन्द्र रमोला, नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ कैलाश जोशी, सुपरवाईजर राजबीर एवं आर के दयाल, सिंचाई एवं लो.नि.वि के अभियन्ता समेत क्षेत्रीय सभासद एवं जन सामान्य भी उपस्थित रहे।