देहरादून, गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का हिन्दी भवन के समक्ष चल रहा धरना 282वें दिवस में प्रवेश कर गया| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के धरना के 282वें दिन में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने इस बात पर आक्रोश जताया है कि उत्तराखंड की सरकार और हाल में पौड़ी में हुई कैबिनेट बैठक में गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर सरकार ने रहस्यमयी चुप्पी साध ली है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा कि वर्तमान सरकार ने केवल एक बार गैरसैंण में विधानसभा सत्र करवाया था और उसके बाद आज तक गैरसैंण की ओर ध्यान देना तो दूर बल्कि उस क्षेत्र की भारी उपेक्षा करनी प्रारम्भ कर दी है| हाल ही में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का अभियान दल जब गैरसैंण पहुंचा तो जिस तरीके के हालात वहां पर मिले वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कहे जा सकते हैं| नवनिर्मित विधान भवन के इर्द-गिर्द चारों ओर गोबर ही गोबर फैला हुआ है| उसकी साफ-सफाई की व्यवस्था सरकार ने नहीं की है| गैरसैंण राजधानी के विधान भवन की उपेक्षा की जा रही है और व्यवस्था को पहाड़ों से संचालित करने की नीति की उपेक्षा करते हुए पहाड़ के लोगों से छलावा किया जा रहा है| इस सबके कारण इसका खामियाजा गढ़वाली कुमाऊंनी जौनसारी और गुरखाली समाज समेत सभी मैदानी मूल के लोगों को उठाना पड़ रहा है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान इस बात की घोर भर्त्सना करता है कि सरकार जिस देहरादून से छाती पीट-पीटकर अपनी व्यवस्था संचालित कर रही है और जहां सारे नेता व नौकरशाह, पुलिस के आला अधिकारी, इंटेलिजेंस सब बैठी हुई है, वहां अपराध खुलकर जनित होता जा रहा है| दून में राजभवन के ठीक मुहाने पर सरकारी भूमि में खुलेआम कब्जा किया जा रहा है परंतु सरकार गहरी निद्रा में डूबी हुई है| उधर प्रेमनगर में जिस प्रकार से पेट्रोल पंप पर डकैती की गई और सरेआम पेट्रोल पंप मालिक को गोलियां मार दी गई हैं उससे पता लग रहा है अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं| उन्हें न तो सरकार का डर है और ना ही पुलिस की सरकारी तंत्रिका का| व्यवस्था में इस प्रकार की हिला हवाली से उत्तराखंड की जनता बेहद हताश और निराश बन रही है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने 108 व खुशियों की सवारी सेवा प्रदान करने वाले एवं यूसैक से निकाले गए सभी संविदा कर्मियों पर कड़ी आपत्ति जताई है| राज्य के युवाओं को रोजगार से बेदखल करने की नीति पर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने सरकार को आडे हाथों लिसा है व चेतावनी दी है कि वह बेरोजगार हो रहे युवाओं के धैर्य का इम्तिहान लेनावबंद करे| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने सरकार से मांग की है कि वह अविलंब अपनी तंत्रिका सुदृढ़ करने और उत्तराखंड को राज्य आंदोलन की अवधारणा के अनुरूप सुव्यवस्थित, पारदर्शी व सुशासन उपलब्ध करवाए| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की मांग है कि अपराध पर अंकुश लगाते हुए जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी का कड़ाई से अनुपालन सरकार करे| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने यह भी मांग उठाई है कि सरकार अविलंब सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों पर अंकुश लगाने के लिए अध्यादेश एवं विधेयक लेकर आए और नगर निगम समेत तमाम सरकारी भूमि पर हुए कब्जों को मुक्त कराकर, राज्य की दशा और दिशा की ओर बेहतर कदम बढ़ाए| 282 वां दिवस के धरना पर बैठने वालों में कमल कांत, प्रवीण गुसाईं, जेएस जंगपांगी, चंद्रभानु भट्ट, राकेश चंद्र सती, विकास सेमवाल, बीडी रतूड़ी, सोहन सिंह रावत, विजय सिंह रावत, दिवाकर प्रसाद गैरोला, मनोज ध्यानी, रविंद्र प्रधान, किरण किशोर सिंह आदि रहे| *- मनोज ध्यानी, प्रमुख रणनीतिकार गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, 9756201936*
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