देहरादून -सरकार नाम की चीज है क्या उत्तराखण्ड में,सरकार होती तो इतनी बेरोजगारी होती ,108 वाले धरना प्रदर्शन पर लगे हैं कोई सुनवाई हो रही है। आपको हैरानी होगी कि हमारी सरकार को पता नहीं है कि इनके पास अभी भी किसी भी कम्पनी के पास लेबर रखने का लाइसेंस प्राप्त नहीं है। अब यह जनकारी लेबर कोर्ट ने दी है ।इसका मतलब यह है कि ये इतने सालों से सरकार के आदमी के तौर पर काम करते रहे हैं।
सरकार का तो आलम यह है कि अर्जी फर्जी लोगो को काम दिया जरहा है यहां के काबिल बहार निकलना होरहा है यहाँ कोई नई नौकरी का विज्ञापन कब से नही निकला सभी जानते है,gvk ने हमेशा पहाड़ियों,स्थानीय लोगों को छला है, ये जो mou की बात है ये तो अपनी पीठ थपथपाने और अपने आकाओं की नजर में अपने नम्बर बढ़ाने के लिए किये गए ड्रामे मात्र है,ताकि कुर्सी सलामत रहे,मुख्यमंत्री के अंदर भयंकर अहंकार आ चुका है,वो अपने ही कई करीबियों को नजरअंदाज कर रहे हैं, उन्हें पता है कुर्सी की डोर तो ऊपर ही है,यहाँ जनता को बेवखुफ बनाओ कोई दिक्कत नही,यदि बीजेपी लोकसभा में 5 सीटे जीत भी जाये तो इसे प्रदेश सरकार की उपलब्धि से जोड़ना बेमानी होगी,क्योंकि मुझे नही लगता प्रदेश की जनता ने प्रदेश सरकार की उपलब्धि पर वोट किये होंगे,वोट सिर्फ मोदी जी के नाम पर पड़े, बाकि हमारे लोग कोई प्रदेश सरकार का विरोधी नही है,क्योंकि लोग उन्हें भी भक्तों की श्रेणी में रखते हैं, पर सच्चाई कहने का दम रखते हैं।एक और बात कहेंगे,ये लोग जिस बीजेपी वीचारधारा से प्रभावित रहे आज वो वीचारधारा भी गायब सी हो गयी,सामूहिकता के बजाय यहाँ भी 2,3 लोग ही सर्वोपपरी हो रहे है,ये आज के लिए तो ठीक हो सकते हैं वोट मिल जाये पर संगठन की दृष्टि से ये भविष्य के लिए खतरनाक संकेत है,Gvk छल कर रहा,एक श्रीनगर में NIT हमसे बना नही,नौकरी हम लगा नही सकते,
जिस नाम से राज्य बना उसकी राजधानी लेजाने के लिए 17 सितम्बर2018 से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है ।गैरसैण हम जाना नही चाहते,ऊपर से आम आदमी के लिए सचिवालय में 2 घण्टे का नियम बनाने वाले हैं ,क्या है ये सब,सचिवालय से बाहर करना है तो उन चोरों को करो न जो नंगे आते हैं और यहाँ गाड़ी बंगला बनाते है,बिहार,सहरानपुर,मुज्जफरनगर,मेरठ आदि के दलालों को बाहर करो न दम है जो,पर खैर क्या कहें अधिक कहेगे तो हो सकता है हमे पुलिस वगौरह का डर दिखाये,पर सच्चाई और वास्तविकता सभी जानते हैं बस कहना कोई नही चाहता। पत्र का काम जो दिखाई देता है उसके बारे मे जनता को सही जानकारी देना ही पत्रकार एवं पत्रकारिता का धर्म है। स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हो गईं ।
108 सेवा उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवा देरहा था वह भी चौपट कर रहे हैं।