एक मई से उत्तराखंड में 717 युवा और हुए बेरोजगार
-जीवनदायनी को जीवन देने वाले 717 परिवारों के आये बुरे दिन ।देहरादून में धरने पर बैठे है 108 खुशियो की सवारी फील्ड कर्मी
देहरादून। संयोग देखिये एक तरफ पूरा विश्व मजदूर दिवस मना रहा है। दूसरी ओर उत्तराखंड में 717 युवा ग्यारह साल नौकरी करने के बाद (मजदूर )आज एक मई के दिन से बेरोजगार हो गए है। भले ही अच्छे दिनों का ख्वाब दिखा 2014 में भाजपा केंद्र की सत्ता में काबिज हुई अच्छे दिन तो आये नही उल्टे उत्तराखंड में 108 व खुशियो की सवारी कर्मियों के बुरे दिन जरूर आ गए। जीवनदायिनी सेवा 108 के लिए समर्पित युवाओं जिन्होंने अपनी जी-तोड़ मेहनत से इस सेवा को नए आयाम दिये हजारों लोगों का जीवन बचाने का कार्य किया। उन्ही के सात सौ सत्रह परिवार अब दोराहे पर खड़े है।बतादें की इन फील्ड कर्मियों द्वारा 1 मई को भीख मांगकर सरकार को जगाने का कार्यक्रम तह किया गया था लेकिन जिला प्रसासन ने अनुमति नही दी जिससे कर्मियों में भारी आक्रोश रहा।धरने को समर्थन देने पंहुचे कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की चीज ही नही है।रोजगार देने तो दूर उल्टा यह रोजगार छीन रही है पूरी कांग्रेस पार्टी इन आंदोलनरत कर्मियों के साथ खड़ी है। दरअसल उत्तराखंड सरकार ने विगत ग्यारह सालो से 108 एम्बुलेंस सेवा को चलाने वाली जीवीके कंपनी से कार्य अनुबंध खत्म कर भाजपा नेता के करीबी की कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी सौप दी। परंतु कार्य देते समय पुराने कर्मियों का ख्याल नही रखा गया। न ही कंपनी पुरानी तय सैलरी देने को तैयार , नई कंपनी कैम्प ने पुराने कर्मियों को फोन कर साफ कर दिया है कि पीएफ,ईएसआई काटकर साढ़े दस हजार से ज्यादा दे नही सकती इतने में काम करना है तो कर सकते है। अब सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े होने लगे है आखिर सरकार ने नई कंपनी को कार्य देने से पहले इन सैकड़ौ परिवारों के बारे क्यो नही सोचा जिनकी कड़ी मेहनत और अथक प्रयास से महत्त्व पूर्ण जीवनदायी 108 सेवा को जीवन मिला?दूसरा 15 हजार,16 हजार,17 हजार,और 18 हजार पाने वाले कर्मी अब दस हजार में कैसे काम करेंगे?इस फैसले से सरकार की चारो और किरकिरी हो रही है। प्रदेश भर से आये 108 कर्मी देहरादून में धरना दे रहे है लेकिन सरकार ओर सिस्टम के कानों जूं तक नही रेंग रही। संघ के अध्यक्ष बिपिन जमलोकी कहते है सरकार ने मनमाने तरीके से नई कंपनी जो कि भाजपा के नेता की बताई जा रही है को संचालन का कार्य दिया लेकिन पुराने कर्मचारियों के बारे कुछ भी नही सोचा आज 717 कर्मी बेरोजगार हो गए है। भ्रस्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी सवाल खड़े करते हुए कहते है 10-11 वर्षों से दुर्गम एवं अति दुर्गम क्षेत्रों एवं अन्य इलाकों में अपनी सेवा दे रहे 108 आपात सेवा तथा खुशियों की सवारी के कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाये जाने का सरकार का षडयन्त्र युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।नेगी कहते है सरकार की नाकामी का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है कि प्रदेश में सरकारी संस्थानों में लगभग 60-70 हजार पद रिक्त हैं, लेकिन रोजगार देने के बजाय युवाओं का रोजगार छिन रही है बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। 108 के कर्मचरियों के भविष्य पर गहरा संकट छा गया है।