देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को विधान सभा में सामान्य बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष सहित विभिन्न सदस्यों द्वारा प्रस्तुत सकारात्मक सुझाओं के साथ चर्चा में भाग लेने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में राज्य के सम्पूर्ण विकास की झलक दिखाई गई है। विकास के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है। सहकारी एवं सरकारी चीनी मिलों के गन्ना किसाना को गन्ना मूल्य का 100 प्रतिशत भुगतान किया गया है। धान का मूल्य भी किसानों को रिकार्ड समय में भुगतान किया गया है। निजी क्षेत्र के चीनी मिलों को 4.50 प्रति कुन्तल की दर पर वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने के साथ ही गन्ना मूल्य भुगतान हेतु साप्टलोन उपलब्ध कराये जाने, सीमान्त एवं गरीब किसानों को एग्रोप्रोग्रेसिंग एवं कृषि कार्यों के लिए 1 लाख तक का ऋण शून्य ब्याज दर पर उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है। आज हर परिवार को या तो ग्रिड से या सोलर पावर से बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। मार्च तक 500 परिवारों को ग्रिड से बिजली उपलब्ध करायी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से आम जनता में सुरक्षा का भाव जागृत हुआ है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में डाॅक्टरों की तैनाती की गइ है। प्रदेश के जनपद चिकित्सालायों में चार बैड का आईसीयू स्थापित करने के साथ ही डाईलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। एयर एम्बुलेंस की सुविधा भी आरम्भ कर दी गई है। आधुनिक तकनीकी का सहारा लेते हुए 35 चिकित्सालयों को टेली मेडिसिन, टेली रेडियोलाॅजी से जोड़ा गया है। इनमें शीघ्र ही टेली पैथोलाजी भी आरम्भ की जायेगी। देहरादून में शीघ्र 300 बैड का महिला अस्पताल बनाया जायेगा जिसमें कैंसर की बीमारी का भी ईलाज किया जायेगा। हल्द्वानी मेडिकल काॅलेज के कैंसर अस्पताल को और बेहतर बनाया जायेगा। प्रदेश का नर्सिंग काॅलेज भी शीर्घ बन कर तैयार हो जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को और व्यवस्थित बनाये जाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाये गये हैं। सभी डिग्री काॅलेजों में प्रधानाचार्यो की नियुक्ति कर दी गई है। 877 लैक्चरों की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। माध्यमिक शिक्षा में भी व्यापाक सुधार किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना की जा रही है। मन्दिरों में प्रसाद के रूप में स्थानीय उत्पादों के उपयोग पर ध्यान दिया गया है, इस वर्ष 1.60 करोड़ प्रसाद महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ब्रिक्री किया गया है। प्रदेश में 4 करोड़ पर्यटक आते हैं यदि 3 करोड़ धार्मिक पर्यटक भी प्रसाद क्रय करेंगे तो इससे होने वाली आय का अनदाजा लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने समाज हित में व्यापक पहल करते हुए अनाथ बच्चों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की हैं। कुपोषण से निजात पाने के लिए ऊर्जा आहार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। शीघ्र ही आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सप्ताह में दो दिन दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी। प्रदेश में ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए स्थायी नियोजन पर ध्यान दिया गया है। देहरादून में सूर्यधार, मलडूंग एवं सौंग परियोजना पर कार्य किया जा रहा है, इससे 60 प्रतिशत आबादी को ग्रेविटी आधारित पेयजल व किसानों को पानी उपलब्ध होगा। इससे 100 करोड़ के बिजली की बचत होगी। पौड़ी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, हल्द्वानी आदि शहरों में भी ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग, रूड़की-देवबन्द, मुजफ्रनगर रेल परियोजना गतिमान है, टनकपुर-बागेश्वर का सर्वे कार्य चल रहा है। इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट को समावेशी बनाते हुए महिला सशक्तीकरण के लिए बजट में रू 1111 करोड़ का प्राविधान करते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के रू 5 लाख तक के ऋण की व्यवस्था की गई है। ग्रोथ सेंटर विकास का आधार केन्द्र बन सकें इसके लिए ग्रोथ सेन्टर की स्थापना के लिए रू 7.5 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए बजट में रू 2545.40 करोड़ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए रू 440 करोड़ तथा अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना हेतु रू 150 करोड़ के साथ ही मानसिक चिकित्सा संस्थान की स्थापना हेतु रू 10 करोड़ का प्राविधान रखा गया है। कृषि विकास के लिए 3340 करोड़ की योजना बनायी गई है जिसके भारत सरकार द्वारा 100 करोड़ की टोकन मनी प्राप्त हो गई है। 7 वर्ष की इस योजना में 50 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में सोयल पालिसी से खेती की उर्वरकता बढेगी। खेती को बढ़ावा देने के लिए भूमि को लीज पर दिये जाने की व्यवस्था की जा रही है। स्थानीय लोगों के हित में 5 मेगावाट तक की बिजली परियोजनाऐं तथा 5 करोड़ तक के कार्य स्थानीय ठेकेदारों को दिये जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चीड़ पत्तियां अब प्रदेश के लिए वरदान साबित होने के साथ ही यह आय का स्रोत भी बनने जा रहा है। बागेश्वर में इसकी पहली यूनिट स्थापित की गई है। इससे ऊर्जा बनाने की योजना के 50 करोड़ के टेण्डर जारी किये गये हैं। इससे 150 मेगावाट की बिजली उत्पादन के साथ ही 1.50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क मार्ग से जोड़ने प्रधानमंत्री सड़क योजना(पी.एम.जी.एस.वाई.) के लिए रू 900 करोड़ का प्राविधान के साथ ही सबको शिक्षा, बेहतर शिक्षा के लिए रू 1073 करोड़ तथा लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए रू 5 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को पर्यटन प्रदेश बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ’पिछले बजट की तुलना में इस बार 12 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए वीरचंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में रू 15 करोड़, होमस्टे योजना के लिए रू 11.5 करोड़ का प्राविधान किया गया है। सबको मिले स्वच्छ पेयजल योजना के लिए रू 947.44 करोड़ का प्राविधान के साथ ही सौंग बांध निर्माण के लिए रू 170 करोड़, रुड़की-देवबंद रेलवे लाइन हेतु रू 100 करोड़, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के लिए रू 2025.6 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसके अतरिक्त राजकीय वृद्धाश्रम निर्माण के लिए रू 1 करोड़ के साथ ही कुपोषित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना की शुरुआत की जायेगी। सहकारिता विकास के क्षेत्र में पिछले बजट की तुलना में इस बार 104 प्रतिशत की वृद्धि की गई है तथा सहकारिता विकास के लिए रू 100 करोड़ के अतिरिक्त बजट की व्यवस्था रखी गई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य विकास में यह बजट नया आयाम हासिल करेगा। यह बजट सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, घर और बिजली जैसी तमाम सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने के साथ ही उत्तराखंड को विकास की पटरी पर आगे ले जाने वाला साबित होगा। एक संतुलित समावेशी बजट पारित करने के लिए वित्तमंत्री जी को बधाई देता हूं। बजट में महिला सशक्तीकरण, सहकारिता विकास, किसानों के कल्याण व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए तमाम उपाय किए गए हैं।