गायत्री परिवार ने बसन्त पंचमी में मां सरस्वती का पूजन का आयोजन किया
बड़कोट मदन पैन्यूली :प्राचीन कथाओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने विष्णु जी के कहने पर सृष्टि की रचना की थी. एक दिन वह अपनी बनाई हुई सृष्टि को देखने के लिए धरती पर भ्रमण करने के लिए आए. ब्रह्मा जी को अपनी बनाई सृष्टि में कुछ कमी का अहसास हो रहा था. लेकिन वह समझ नहीं पा रहे थे कि किस बात की कमी है. उन्हें पशु-पक्षी, मनुष्य तथा पेड़-पौधे सभी चुप दिखाई दे रहे थे. तब उन्हें आभास हुआ कि क्या कमी है. वह सोचने लगे कि ऎसा क्या किया जाए कि सभी बोले, गाएं और खुशी में झूमे. ऎसा विचार करते हुए ब्रह्मा जी ने अपने कमण्डल से जल लेकर कमल पुष्पों तथा धरती पर छिड़का. जल छिड़कने के बाद श्वेत वस्त्र धारण किए हुए एक देवी प्रकट हुई. इस देवी के चार हाथ थे. एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में कमल, तीसरे हाथ में माला तथा चतुर्थ हाथ में पुस्तक थी. ब्रह्मा जी ने देवी को वरदान दिया कि तुम सभी प्राणियों के कण्ठ में निवास करोगी. सभी के अंदर चेतना भरोगी, जिस भी प्राणी में तुम्हारा वास होगा वह अपनी विद्वता के बल पर समाज में पूज्यनीय होगा. ब्रह्मा जी ने कहा कि तुम्हें संसार में देवी भगवती के नाम से जाना जाएगा. ब्रह्मा जी ने देवी सरस्वती को वरदान देते हुए कहा कि तुम्हारे द्वारा समाज का कल्याण होगा इसलिए समाज में रहने वाले लोग तुम्हारा पूजन करेगें. इसलिए प्राचीन काल से बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है अथवा कह सकते हैं कि इस दिन को सरस्वती के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है।।
गायत्री परिवार शाखा बड़कोट ने मां सरस्वती पूजन एवं हवन का आयोजन किया ।
बसंत पंचमी के अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार शाखा बड़कोट के द्वारा हिमालयन चिल्ड्रेंस एकेडमी बड़कोट में सरस्वती पूजन एवं हवन का आयोजन किया गया । इस अवसर पर गायत्री परिवार शाखा बड़कोट के परिजनों सहित विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों ने भी हवन में भाग लिया इस अवसर पर बीके मिश्रा रामप्रसाद बिजल्वाण, विद्यालय प्रबंधक राजेंद्र सिंह राणा ,चंद्र गोपाल ,आसाराम उनियाल राजाराम जगूड़ी , आर,ए एस चौहान ,मदन पैन्यूली, कृष्णा राणा बागेश्वरी मिश्रा ,बिना देवी ,सहित विभिन्न अभिभावक एवं विद्यालय के छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहे ।