खतौनी की नकल के लिए 20 दिनों से तहसील में कागज ही नही , कास्तकार परेशान
बड़कोट । (मदन पैन्यूली) जनपद की सबसे बड़ी तहसील मंे इन दिनों कागज की कमी के चलते आम कास्तकारों को 20 दिनों से खाता खतौनी की नकल नही मिल पा रही है , सीमान्त गांव के ग्रामीण तहसील के चक्कर लगाकर थक गये है , खतौनी के लिए प्रीन्ट होने वाले कागज न होने का रोना रोकर तहसीलकर्मी कास्तकार को वापस लौटा दे रहे है । आज ‘‘जय हो‘‘ संगठन के सदस्यों ने जिलाधिकारी , उपजिलाधिकारी बड़कोट को इस मामले की जानकारी दी।
मालुम हो कि उत्तरकाशी की सबसे बड़ी तहसील बड़कोट से भू अभिलेख विभाग को सबसे अधिक धनराशी जाती है, आम कास्तकार खाता खतौनी के लिए 15 रू. प्रथम प्रति और उसके अतिरिक्त हर प्रति के 5 रू के हिसाब से जमा भी करता है परन्तु तहसील बड़कोट में खाता खतौनी की नकल निकालने पर कागज न होने का रोना रोकर विगत 20 दिनों से वापस लौटा दिया जा रहा है। कास्तकार गिरवीर सिंह परमार ,जयवीर सिंह परमार , मोहन सिंह , सुनील प्रसाद, आदि का कहना है कि बड़कोट
तहसील में लगभग 20 दिनों से खाता खतौनी की नकल वाले कागज नही है जिससे आम लोगों को भारी दिक्कते आ रही है। सीमान्त गांव के ग्रामीण बड़ी उम्मीद के साथ तहसील आते है वहां पर कागज न होने की बजह से खतौनी की नकल नही मिल पा रही है , उन्होने बताया कि बाजार से कई कास्तकार खुद कागज खरीदकर लाता है तब उसको नकल मिल पा रही है। उन्होने बताया कि बड़कोट के जय हो संगठन को हम लोगों ने इसकी जानकारी दी जिसके बाद उच्चाधिकारियों को यहैंं की जानकारी मिली है। इधर उपजिलाधिकारी अनुराग आर्य ने बताया कि खाता खतौनी की नकल न मिलने की उनके सज्ञांन में जानकारी नही थी , आज जैसे ही जानकारी मिली उसके बाद स्ंवय मुख्यालय से अपने वाहन में खतौनी के कागज लेकर आया हु अब आम कास्तकार को खतौनी की नकल में दिक्क नही आयेगी। इस मौके पर सामाजिक चेतना की बुन्लद आवाजा ‘‘जय हो‘‘ संगठन के मोहित अग्रवाल,उत्तम रावत, सुनील थपलियाल, जय सिंह पंवार , मदन पैन्यूली, आशिष सिंह , जयवीर सिंह , आदि मौजूद थे।