चलाऊ नहीं बल्कि पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी बने गैरसैंण : आर्य
देहरादून (गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संघर्ष स्थल से) 22.10.2018 |
देहरादून:’गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान’ द्वारा प्रारंभ धरना कार्यक्रम आज 36वें दिन में प्रवेश कर गया| गैरसैंण अभियान के संघर्ष स्थल पर आज भी धरना और बैठकों का दौर जारी रहा| आज की बैठक राजनीतिक परिवार से संबद्ध स्व0 कृष्ण शरण आर्य जो कि मिल्कशाहबाद (उ0प्र0) से सन् 1950 से 1957 तक विधायक रहे थे के सुपुत्र एवम् समाजसेवी यशवीर आर्य की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई| बैठक में बोलते हुए यशवीर आर्य ने कहा कि गैरसैंण के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को अपना अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए| उन्होंने कहा कि जो लोग गैरसैंण को सांस्कृतिक राजधानी अथवा ग्रीष्मकालीन राजधानी की बात करते हैं वह गैरसैंण को चलाऊ राजधानी बनाकर जनता को मूर्ख बनाना चाहते हैं| उन्होंने कहा कि गैरसैंण को चलाऊ राजधानी नहीं बनाया जा सकता है| बल्कि गैरसैंण को स्थाई और पूर्णकालिक राजधानी ही बनाया जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि अस्थाई राजधानी में जनता का पैसे के अपव्यय बंद होना चाहिए| राजधानी का पैसा भविष्य में केवल गैरसैण को विकास में लगाया जाना चाहिए| इस अवसर पर फुटबॉल के खेल में उत्तराखंड के लगातार अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे बीरेन्द्र सिंह रावत ने भी संबोधित किया| बीरेन्द्र रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए व पलायन जैसी गम्भीर समस्याओं को निदान के लिए उत्तराखंड की पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी को गैरसैंण में ही विकसित करना चाहिए| बीरेन्द्र रावत ने कहा कि राजनीति में चुने जा रहे जनप्रतिनिधि जिस प्रकार से चुने जाने के बाद खुद ही पलायन कर पहाड़ से मैदानों में उतर रहे हैं और पिछले 18 सालों में जिस तरह का विकास थोपा गया है उससे प्रत्येक क्षेत्र में पर्वतीय समाज स्वयं को उपेक्षित सा महसूस करने लगा है| उन्होंने कहा कि सीमांत प्रदेश में यह स्थिति सुकून देने वाली नहीं कही जा सकती है| आज धरना पर बैठने वालों व धरना को समर्थन करने पहुँचें लोगों में *यशवीर आर्य, बीरेन्द्र सिंह रावत, मनोज ध्यानी, हर्ष मैंदोली, उपेन्द्र सिंह चौहान, मदन सिंह भंडारी, जबरसिंह पावेल, संजय किमोठी, सुरेश नेगी, संजय बहुगुणा, दीपक रतूडी, इं0 आनंद प्रकाश जुयाल, सुभाष रतूडी, सुमन डोभाल काला, सीपीआई के जीत सिंह आदि उपस्थित रहे।