न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने माल्या से जानना चाहा कि क्या वह भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के इन आरोपों के बाद पूरी तरह ईमानदार रहा कि उसने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का पूरी तरह उल्लंघन करते हुये अपने तीन बच्चों के नाम 40 मिलियन अमेरिकी डालर हस्तांतरित किये है।
बैंकों की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आरोप लगाया कि माल्या ने ब्रिटेन की कंपनी दियागियो पीएलसी से 40 मिलियन अमेरिकी डालर प्राप्त होने की जानकारी न्यायालय को नहीं दी। इस आरोप का संज्ञान लेते हुये पीठ ने माल्या के वकील से अटार्नी जनरल के सवाल का जवाब देने के लिये कहा कि क्या वह अपनी संपत्ति का खुलासा करने के मामले में पूरी तरह ईमानदार था या नहीं।
न्यायालय ने यह भी जानना चाहता था कि क्या 40 मिलियन अमेरिकी डालर अपने बच्चों के नाम हस्तांतरित करके उसने इस संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया या नहीं।