शराब के साथ चाहे अमृत ही क्यों ना खा लें नुक़सान कम होने वाला नहीं है । साधारण सी बात है की अल्कोहल को पचाने में लिवर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है । ऊपर से जो कुछ भी खाओगे उसको पचाने के लिए अलग से मेहनत । बेचारा लिवर कितना रोता है आपको मालूम नहीं है । नुक़सान कम करने का सिर्फ़ एक तरीक़ा है शराब को सीमा में रह कर सेवन करें । शराब पीनी ज़रूरी हो तो तीन बातों का ध्यान रखें । शराब में पानी या सोडा ज़्यादा डालें। शराब को धीरे धीरे यानी टाइम लगा कर पियें । शराब के साथ कुछ भी गरिष्ठ चीज़ें ना खायें जैसे काजू, नमकीन , मटन -चिकन और कोई भी तली हुए चीज़ें । शराब पीने से पहले पानी पी लें । सलाद या अंकुरित अनाज खायें। उपरोक्त तरीक़े से शराब पीने का ये क़तई मतलब नहीं है की शराब नुक़सान नहीं करेगी । नुक़सान तो करेगी चाहे जैसे मर्ज़ी पियें। डॉक्टर एक दिन में तीस एम एल शराब को सुरक्षित मात्रा बताते हैं । जिससे आपकी पार पड़ने वाली नहीं है । मेरा मानना है की शराब बिलकुल भी ना पिए । यह किसी भी सूरत में कोई भी फ़ायदा नहीं करने वाली ।आपने पी है तो आप तो नुक़सान उठायेंगे ही लेकिन घरवालों और पड़ोसियों का क्या क़सूर । वो बिना वजह नुक़सान उठा रहे होते हैं । ये विषय ऐसा है जिस पर जितना लिखा जाए उतना ही कम लगता है । आप चाहें तो मैं शराब के नुक़सान पर पूरी किताब लिख दूँ । फ़ायदे लिखने चलूँ तो एक पंक्ति से ज़्यादा ना लिख पाऊँ ।
सबका मंगल हो …… सबका कल्याण हो ।