लोकसेवा दिवस के अवसर पर नौकरशाहों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि कुछ हटकर सोचा जाए और सरकार एक नियामक की जगह सक्षम बनाने वाली इकाई के तौर पर सामने आए। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक इच्छाशक्ति सुधार ला सकती है लेकिन अफसरशाही का काम और जनता की भागीदारी बदलाव ला सकती है। हमें इन सबको एकसाथ लाना होगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सुधार के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। मुझमें इसकी कमी नहीं है बल्कि थोड़ी ज्यादा ही है।’’ मोदी ने नौकरशाहों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, ‘‘मैं हमेशा आप लोगों के साथ हूं। सार्वजनिक हित में बिना किसी भय और पक्षपात के फैसले लें।’’