मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट कर प्रदेश के विकास प्रोजेक्ट स्वीकृत करने अनुरोध किया
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि आयुष्मान कार्ड राज्य के एनएफएसए/एसएफएसए राशन कार्ड धारक लाभार्थी को जारी किया जाता है।* *सीएस ने स्पष्ट किया कि कार्ड निर्माण के दौरान आधार का उपयोग केवल केवाईसी के लिए किया जाता है। राज्य के पास संग्रहित डेटाबेस ( Stored Database) में मौजूद आधार के विवरण तक किसी भी प्रकार की पहुंच नहीं है।* *फर्जी कार्डों की जांच के लिए एनएचए की मदद से पहले से जारी आयुष्मान कार्डों का विश्लेषण और सत्यापन किया जाता है | भर्ती के दौरान आधार पर अंकित पते की प्रामाणिकता की जांच करने और मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की जा रही है। पिछले 1-2 वर्षों के दौरान बने राशन कार्डों, विशेष रूप से राशन कार्ड में केवल एक सदस्य होने के सत्यापन के लिए खाद्य विभाग को निर्देश जारी किए जा रहे हैं |
*मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि अन्य राज्यों से आने वाले लाभार्थियों के मामले में अधिक सतर्क रहने और मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिए जा रहे हैं।* *कॉमन सर्विस सेंटरों को सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि में शामिल न हों अथवा सख्त कार्रवाई का सामना करें।* *एसएचए ऐसी किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि का पता लगाने के लिए अधिक सतर्क रहेगा।*
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दिनांक 5 (देहरादून)।
*सीएम धामी ने किया देहरादून- मसूरी ट्रैक मार्ग का पैदल निरीक्षण*
*ट्रैक के नेचुरल लुक को बरकरार रखते हुए बेसिक सुविधाएं विकसित करने के एमडीडीए को दिए निर्देश*
*कहा – राज्य में स्थित दूसरे ट्रैक रूट में भी किया जाएगा सुधार*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने
आज देहरादून से मसूरी ट्रैक रूट का पैदल निरीक्षण करते हुए इस मार्ग पर बेसिक सुविधाओं का अवलोकन किया।
उन्होंने एमडीडीए को निर्देश दिए कि ट्रैक के नैचुरल लुक को बरकरार रखते हुए इस मार्ग पर देश – विदेश से आने वाले ट्रैकर्स, टूरिस्ट और आम – जनमानस को बैठने, खाने – पीने, शौचालय इत्यादि की बेसिक सुविधाएं डेवलप की जाए। बेहतर स्वच्छता, रूट मार्गदर्शन हेतु आकर्षक साइनेज और रेलिंग लगाई जाए। इसके साथ ही सुरक्षा और आपातकालीन उपाय भी किए जाएं।
अवलोकन के दौरान उन्होंने सीनियर सिटीजन और पुराने ट्रैकर्स से भी बातचीत की तथा उनके द्वारा प्राप्त फीडबैक को भी रूट डेवलपमेंट में शामिल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थित दूसरे ट्रैकिंग रूट को भी और बेहतर बनाया जाएगा जिससे देश- विदेश से आने वाले टूरिस्ट और ट्रैकर्स उत्तराखंड की नैसर्गिकता, सुंदरता और वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति का आनंद ले सके तथा यहां से अच्छे अनुभव लेकर जाएं।
इस दौरान महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पराग धकाते सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को मलारी (चमोली) की शॉल और नारायण आश्रम की प्रतिकृति भेंट की।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के विकास में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल परियोजना के प्रथम चरण पर तेजी से काम चल रहा है। टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे का कार्य हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना की स्वीकृति और परियोजना का पूर्ण वित्तीय व्यय भार केंद्र सरकार द्वारा किए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश में प्रस्तावित बुनियादी विकास कार्यों के लिए ऋषिकेश के पुराने रेल स्टेशन को बंद करने और सभी ट्रेनों का संचालन ऋषिकेश के नए योग नगरी रेलवे स्टेशन से किए जाने का अनुरोध किया।
पुराने स्टेशन की भूमि पर जो रेल ट्रैक है, उसका उपयोग नई सड़क व्यवस्था के लिए किया जा सकेगा जिससे यातायात में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी देते हुए जल जीवन मिशन में आवंटित केंद्रीय अंशदान की अवशेष धनराशि जल्द अवमुक्त किए जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग में iconic city के रूप में चयनित करने पर आभार व्यक्त करते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिए राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केंद्र स्तर से संसाधन उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में भूतपीय ऊर्जा के दोहन के लिए आइसलैंड एंबेसी के सहयोग से एक एमओयू प्रस्तावित है। इस एमओयू पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से आवश्यक अनापत्ति पत्र प्राप्त किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए सभी तकनीकी और वित्तीय सहयोग राज्य सरकार को प्रदान किए जाने का अनुरोध किया ताकि वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तराखंड अहम भूमिका निभा सके।
मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन मंत्रालय में प्रेषित प्रस्तावों ऋषिकेश बायपास, हरिद्वार बायपास (पैकेज 2), देहरादून – मसूरी कनेक्टिविटी, देहरादून रिंग रोड, चंपावत बायपास, लालकुआं, हल्द्वानी और काठगोदाम बायपास और मानसखंड प्रॉजेक्ट की स्वीकृति के लिए संबंधित को निर्देशित किए जाने का भी अनुरोध किया।