मोदी सरकार ने पिछ्ली यूपीए सरकार की आधा अधूरी तैयारी को भी नजर अंदाज कर पूरी तैयारी नहीं करने के बावजूद जी यस टी थोप कर लागू कर जनता का ध्यान अपनी नाकामी के विरोध से बांटने काम किया ।इस बात का खुलासा सीए राजेश्वर पैन्यूली ने जी यस टी लागू करते समय किया ।उनके विरोध करने ,हड़ताल करने के चलते सरकार बैक पुट पर आकर जनता की परेशानी बढ़ा कर प्रति दिन देश की जनता का 46000 X90 करोड़ रुपये का नुकसान होने कगार पर देश को gst में उलझा कर विकास को पिछे लेगये ।जनता के धन को बड़े उद्योग पतियो लुटाने के लिये ,जनता को असुभिधा देने के लिये सरकार को चुन कर व्यपारियो ने अपनी विल बुक पर लिख दिया कमल का फूल बड़ी भूल इससे सरकार की वास्तविकता लग रहा है ज्यादा सरकार की चिंता किसके लिए है यह जनता समझने लगी है कि हमारी विकास की चिंता की जगह हमारी चिता बनाने की चिंता सरकार मानसिक उत्पीड़न कर कर रही है।अभी भी समय है 70%किसानों की दशा सुधारने के लिये दैविय आपदा सूखा, ओलबृष्टि, बाढ़, आग ,वर्षा ,चक्रबात बीमारी,के नुकसान की छतिपूर्ती 60000/है नगद देने के कानून बने (पहाड़ों की गूंज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र के असर है ।दिल्ली सरकार 50,000₹/हे देरहीहै।)तो देश की विकास दर 2साल में 9-12 %होजाएगी ।अन्यथा जिस रफ्तार से बीजेपी को जनता ने आगे लाया उसी रफ्तार से पार्टी कम होगी ।