इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर राधाकृष्णन द्वारा दिए गए भाषण की कुछ पंक्तियां पढ़ते हुए कहा, ‘डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा था कि कानून ऐसी चीज है जो लगातार बदलती रहती है। कानून लोगों के स्वभाव के अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद की यह अदालत भारत के न्याय क्षेत्र का तीर्थ है। और इस तीर्थ क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर आप सबके बीच आकर सभी की बातें सुनकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर, कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोंसले और अन्य उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी सरकार के पांच साल पूरे भी नहीं हुए हैं और अब तक हम करीब करीब 1200 कानून खत्म कर चुके हैं।’ उन्होंने कहा, ‘तारीख लेने के लिए विवेक की जरूरत नहीं होती, मसले सुलझाने के लिए विवेक की जरूरत होती है। अदालत में आने के बजाय मोबाइल पर तारीख लेने की परंपरा क्यों न शुरू की जाए। इससे दूर-दराज में तैनात सरकारी अधिकारियों को अपने मामलों के संबंध में अदालतों में पेश होने के लिए नहीं आना पड़ेगा और वे अपना बहुमूल्य समय प्रशासनिक कार्यो को निपटाने में खर्च कर सकेंगे।’