देहरादून । सहसपुर सीट ग्रामीण बहुल होने के चलते इस बार यहां चुनाव रोचक होंगे। बिजली पानी तथा सड़कें क्षेत्र के मतदाताओं का मुख्य मुद्दा हैं। विधानसभा क्षेत्र सहसपुर में बड़ी मुस्लिम मतदाता हैं। विस क्षेत्र के अंतर्गत 25-30 ऐसे गांव है जो आज भी पर्याप्त बिजली के लिए तरस रहे हैं। यहां आए दिन बिजली के अघोषित कटों से जनता परेशान है। लिहाजा ग्रामीणों का दिल जीतना उम्मीदवारों की सबसे बड़ी चुनौती होगी। कांग्रेस ने यहां प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। जबकि भाजपा के निवर्तमान विधायक सहदेव पुंडीर चुनावी मैदान में हैं।
जनता का आरोप है कि नेताओं ने कभी यहां के लोगों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। इस बार जो बिजली और पानी की पूरी सुविधा देने का ठोस आश्वासन देगा उसी नेता को लोग अपना वोट देंगे। चुनाव की बात करें तो क्षेत्र में दो प्रमुख दल भाजपा तथा कांग्रेस ने जहां ग्रामीण क्षेत्रों में अपना प्रचार तेज कर दिया है वहीं कांग्रेस से बागी हुए नेता आर्येंद्र शर्मा इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र चंद्रबनी, भुत्तोंवाली, धारावाली, पित्थुवाला खुर्द, कैलाशपुर, बड़ोवाला, भुड्डी, झींवरहेडी,गोरखा कारवारी, गढ़वाली कारवारी, रतनपुर, पेलियों, नया गांव, भूड़पुर, शीशमबाड़ा, शेरपुर, हसनपुर, कल्याणपुर, हिंदुवाला, सभावाला, अंबीवाला, श्यामपुर, शुक्लापुर आदि ऐसे गांव हैं जहां युवाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए डिग्री कालेज नहीं है। वर्तमान में जीत का दावा ठोकने वाले किसी भी नेता ने इन समस्याओं पर पूर्व में कभी गंभीरता से नहीं सोचा। उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए क्षेत्र के युवाओं को आज भी 15-20 कीलोमीटर का सफर तय कर दून पहुंचना पड़ता है।
साथ ही क्षेत्र में मुख्य सड़क मार्ग से जुड़े संपर्क मार्गों की हालत भी बेहद खस्ता है। सिंचाई नहरों की हालत भी लंबे समय से सुधर नहीं पाई। क्षेत्र के सजग मतदाता राकेश कुमार, प्रीतम सिंह बिष्ट, सरोजबाला, मान सिंह, केदार रावत, राहुल शर्मा, मीनाक्षी, पूर्ण सिंह आदि का कहना है कि सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में सेलाकुई उद्योग नगरी के अलावा कुछ भी नहीं है। ग्रामीण हर वर्ष बिजली पानी की समस्याओं से जूझते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण लोगों की समस्या को जल्द नहीं सुना जाता।