देहरादून/गोपेश्वर 19 अक्टूबर, 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ की तर्ज पर बदरीनाथ धाम को विकसित करने के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की।
सोमवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे पर्यटन, धर्मस्व तथा संस्कृति सचिव जावलकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान पर अधिकारियों के साथ चर्चा की। हिन्दुओ के प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के लिए करीब 424 करोड़ का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री के सामने मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन होने के बाद उन्होंने इस धाम को आध्यात्मिक धाम के रूप में विकसित करने पर जोर दिया है। वैसे भी मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओ के आवागमन की सुविधाओ को बेहतर कर अन्य व्यवस्थाओ को दुरूस्त किया जाना है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ‘‘प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ धाम में 3 चरणों में ढांचागत सुविधाओ का विकास होगा, इसके पहले चरण में शेष नेत्र तथा बद्रीश झील का सौंदर्यीकरण होगा। दूसरे चरण में बदरीनाथ मुख्य मंदिर एवं उसके आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। अंतिम चरण में मंदिर से शेष नेत्र झील को जोडने वाले आस्था पथ का निर्माण कार्य प्रस्तावित है।
बदरीनाथ धाम में तालाबों के सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमैंट, मंदिर एवं घाट सौंदर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फेसिलिटी, सडक एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य मास्टर प्लान के तहत चरणबद्व ढंग से प्रस्तावित किए गए है। पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ पहुंच कर मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित कार्यों पर चर्चा की। उन्होने प्रस्तावित कार्यों के सुव्यवस्थित संचालन को लेकर मंथन कर रोड़ मैप तैयार करने पर जोर दिया, मौजूदा व्यवस्थाआओ पर भी इस दौरान चर्चा हुई।
इस दौरान चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, जोशीमठ के एसडीएम अनिल चन्याल, नगर पंचायत बदरीनाथ के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित आदि मौजूद रहे।
इससे पहले उत्तराखण्ड के पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने चमोली में जड़ी बूटी शोध एवम विकास संस्थान में एपिडा भारत सरकार के सहयोग से संचालित शोध प्रयोगशाला, हर्बेरियम और संस्थान परिसर का निरीक्षण किया। जिसमें लगभग 50 औषधीय एवं सगंध पादप प्रजातियां संस्थान द्वारा विकसित एवं संरक्षित की गई है। बड़ी इलायची की पौधशाला का निरीक्षण करते हुए, उन्होंने निर्देशित किया कि अधिक से अधिक कृषकों को औषधीय तथा सगंध पादपों के कृषिकरण से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके।
पर्यटन सचिव ने संस्थान द्वारा आयुष मंत्रालय भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से समूह आधारित कृषिकरण के लिए संचालित राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों की समीक्षात्मक जानकारी भी ली।
इस अवसर पर जड़ी बूटी शोध एवम विकास संस्थान, मण्डल, चमोली के वैज्ञानिक डॉ सी पी कुनियाल ने बताया कि जनपद चमोली में कुठ, कुटकी, फरण, कालाजीरा, तेजपात और बड़ी इलायची की खेती हो रही है।
इससे पूर्व पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने रविवार को तुंगनाथ में एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से करवाए जा रहे यात्री सुविधाओं व स्थापना कार्यों का निरीक्षण किया। चोपता को कैंपिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लिए जिलाधिकारी तथा डीएफओ से प्रस्ताव लिए जाएंगे।
सचिव पर्यटन ने ट्रैकिंग ट्रैक्सन होम स्टे योजना के अंतर्गत क्लस्टर केंद्रों हेतु चयनित स्थानों तथा ट्रैक्स का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा महत्वपूर्ण तथा लोकप्रिय ट्रैक रूट्स के निकट स्थित गांवों को ट्रैकिंग क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत पुराने मकानों में नए कमरे बनाने हेतु प्रति कक्ष 60000 रूपये तथा पुराने कक्षों में शौचालय आदि की व्यवस्था हेतु 25000 रूपये प्रति कक्ष की राज सहायता अधिकतम 6 कक्षा हेतु उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना के अंतर्गत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से योजना हेतु ट्रेक रूटों तथा क्लस्टर हेतु स्थानों का चयन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तुंगनाथ शिव भक्तों तथा साहसिक ट्रैकर्स का एक प्रिय स्थान है। एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से किए जा रहे निर्माण कार्यों का उद्देश्य पर्यटकों को अधिकतम सुविधाएं पहुंचाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आ सकें और स्थानीय रोजगार में इजाफा हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ रही है और वर्क फ्रॉम होम स्टे और वर्क फ्रॉम माउंटेंस की ओर पर्यटकों का आकर्षण बढ़ रहा है। आशा है कि आने वाले दिनों में त्योहारों वाले सप्ताहांत राज्य के पर्यटन के लिए और अच्छी खबर लेकर आएंगे।