प्रचार से कोसो दूर रहने वाले श्री विद्यादत रतूड़ी प्रसिद्ध समाज सेवी उम्र88वर्ष भारत के पहले व्यक्ति हैं ।जिन्होंनेवर्ष 1968-69 देवताओं को दी जाने वाली पशु बलि भैंसा, बेला ,बकरों की उत्तराखंड (तब उत्तरप्रदेश) के टिहरी जिले के प्रतापनगर विकास खंड लम्बगांव के पास उत्तरकाशी जनपद स्तिथ राजराजेश्वरी मंदिर में असूज के नवरात्र के समय बंद कराया ।उसके बादभुवनेश्वरी आश्रम के सचिव डॉ0 स्वामी मंदमथन ने रतूड़ी जी को गुरू कही मंचों में कहा कि इनसे शिक्षा लेकर श्रीचद्रबदनी की बलिप्रथा बन्द कराने सफलता मिली ।इस नाते भारत के प्रसिद्ध पहले समाज सेवक रतूड़ी जी हैं ।इसका संज्ञान भारत मे काम करने वाले ngo ,श्रीमती मेनका गांधी मा0 मन्त्री भारत सरकार को लेने की आवश्यकता है ताकि समाज मे कार्य करने वालों का मनोबल समाज सेवा के लिए बना रहे।श्री रतूड़ी,ने पर्यावरण, शिक्षा, कन्या विक्रय ,उत्तराखंड के कुम्भ में प्रदेश ,हिमाचल कीदेव डालियों।का स्नान हरिद्वार में निर्विघ्नं करवाने में अपनी अद्भुत इच्छा शक्ति का परिचय दिया ।फ़ोटो-प्रसिद्ध समाजश्री रतूड़ी जी पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूड़ी जी को उनकी प्रोन्नति केबाद उनके कार्यालय में पुष्प गुच्छ भेंट करते हुये साथ खड़े पहाड़ों की गूंज राष्ट्रीय हिंदी सप्ताहिक समाचार पत्र के सम्पादक जीतमणि पैन्यूली