कठिन परिश्रम ही शिक्षा की एकमात्र कुंजी: ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज
ऋषिकेश ,08 जुलाई। गंगा तट स्थित श्री जयराम आश्रम में  35 नए ब्रह्माचारियों का उपनयन संस्कार किया गया।श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय में संस्था के परमाध्यक्ष ब्रह्मास्वरूप ब्रह्माचारी के सानिध्य में गुरु  नए ब्रह्माचारियों को प्रवेश दिया गया था। जिनका रविवार को आचार्य मायाराम रतूड़ी ने विधि विधान से मंत्रोचार द्वारा उपनयन संस्कार संपन्न कराया गया। इस दौरान ब्रह्मास्वरूप ब्रह्माचारी महाराज ने सभी ऋषि कुमारों को भारतीय संस्कृति का अनुशरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि नव आगंतुक सभी छात्र संस्कृति की समृद्धि का संकल्प लेकर अपने पूर्वजों, माता-पिता एवं गुरुजनों की ख्याति को आगे बढ़ाएं। कहा कि विद्या ही सर्वश्रेष्ठ धन है। उन्होंने कहा कि सफलता की एकमात्र कुंजी कठिन परिश्रम ही होता है। इसी के बूते सफलता के ऊंचे मुकाम हासिल किए जा सकते हैं।
ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी जी महाराज कहा की गौ, गंगा और गायत्री के उत्थान के लिए आश्रम लगातार कार्य करता आया है । भारतीय दर्शनशास्त्र को बढ़ावा देने के लिए आश्रम के प्रयास सदैव जारी रहेंगे ।उन्होंने नव प्रवेशी  ब्रह्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हे शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर परभाजपा के मंडल अध्यक्ष चेतन शर्मा ,मंडल महामंत्री पंकज शर्मा कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयेंद्र रमोला, कांग्रेस के कार्यवाहक नगर अध्यक्ष शिव मोहन मिश्रानगर के स्वच्छता ब्रांड अंबेस्डर रवि शास्त्री, प्रदीप शर्मा ,विनोद अग्रवाल ,महेंद्र खन्ना ,हरदेव पनेसर, शिव सहगल,
बीएम बडोनी, सत्येंद्र भट्ट, राजेश शर्मा आदि मोजूद रहे