देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार को आराम से देहरादून में ‘ककड़ी-रायता, मशरूम पकौड़ी पार्टी’ दे सकेंगे. आज हाईकोर्ट में विधायकों की खरीद फरोख््त मामले के स्टिंग केस की सुनवाई टल गई है। कोर्ट अब पूरे मामले पर 30 सितम्बर को सुनवाई करेगा। अब इस मामले की सुनवाई जस्टिस धूलिया की कोर्ट कर रही है। शुक्रवार को सीबीआई ने फिर कोर्ट में त्वरित सुनवाई और सीबीआई जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए मेंशन किया तो कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि सीबीआई को जो भी कोर्ट में कहना या दाखिल करना हो शपथ पत्र के साथ दाखिल ही करे। बता दें कि 20 सितंबर को हुई सुनवाई में इस मामले में काफी ड्रामा हुआ था। 20 तारीख को सुनवाई से पहले माना जा रहा था कि सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की इजाजत मिल जाएगी और उसी दिन हरीश रावत की गिरफ्तारी हो जाएगी। हरीश रावत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के साथ कई कांग्रेसी नैनीताल क्लब पहुंच गए थे।
20 तारीख की सुनवाई में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने की इजाजत मांगी थी और और हरीश रावत के वकीलों ने बहस करने के लिए समय की मांग की थी। जस्टिस खुल्बे की कोर्ट ने मामला 1 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया था तो सीबीआई फिर दोपहर में कोर्ट पहुंच गई थी और उसी दिन सुनवाई की मांग की थी। हरीश रावत के वकीलों ने इसका विरोध किया तो हंगामे के बाद जस्टिस खुल्बे ने यह केस सुनने से इनकार कर दिया था और मामला किसी और बेंच को ट्रांस्फर करने की सिफारिश कर दी थी। गुरुवार को यह केस जस्टिस धूलिया की कोर्ट को अलॉट किया गया था। आज सुबह जस्टिस धूलिया ने केस की सुनवाई शुरु की और सीबीआई को शपथपत्र के साथ ही प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश देकर केस को 30 सितंबर के लिए स्थगित कर दिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून में दी जा रही प्रिय ‘ककड़ी-रायता, मशरूम पकौड़ी पार्टी’ की मेजबानी कर पाएंगे। दरअसल हरीश रावत पहाड़ी व्यंजनों, पहाड़ी फलों की पार्टी देते रहते हैं जिसमें विभिन्न वर्गों के साथ ही कई बार अन्य पार्टियों के लोग भी शामिल होते हैं।