नई दिल्ली। भारत छोड़ो आंदोलन के 75वें वर्ष के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषणा को स्मृति ईरानी ने पक्षपातपूर्ण और दयनीय करार दिया है। संसद में सोनिया के भाषण से साफ है कि 2014 में कांग्रेस को मिली करारी हार ने नेहरू वंश के दबदबे को खत्म कर दिया जिससे वह हताश हैं।
स्मृति ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा ‘उनका भाषण स्वाभिमान से भरा हुआ था जिसे सिर्फ नेहरू परिवार तक ही सीमित रखा गया। उन्हें सुभाण चंद्र बोस और वल्लभ भाई पटेल का योगदान याद नहीं।’
उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की तुलना सोनिया गांधी के भाषण से करते हुए कहा कि पीएम ने देश के हितों को लेकर भाषण दिया तो वहीं सोनिया ने परिवार के हितों को ध्यान में रखा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा में अपने भाषण में भाजपा नीत सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या अंधकार की ताकतें लोकतंत्र की जड़ें नष्ट करने का प्रयास कर रही हैं?