देहरादून। दून में महिलाओं के बाल कटने की घटनाओं के पीछे का सच जानने के लिए पुलिस वैज्ञानिक कारणों की पड़ताल करने में जुट गई है। इसके लिए घटना का शिकार हुईं महिलाओं के बालों की विधि विज्ञान प्रयोगशाला से जांच कराने की भी तैयारी चल रही है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि चोटी कटने की घटनाओं की पूरी गंभीरता के साथ जांच कराई जा रही है। ताकि इसे लेकर किसी तरह की अफवाह न फैले और वास्तविक सत्य को सामने लाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि अब तक सामने आ चुके मामलों में किसी ने भी बाल कटते देखा नहीं है। जिस समय बाल कटे, उस समय वह महिलाएं अकेली थीं। कुछ मामलों में बालों को देखने से साफ लग रहा है कि उसे कैंची या किसी अन्य धारदार चीज से काटा गया है। जबकि कारगी चौक इलाके में जिस महिला की चोटी कटने की बात सामने आई है, जांच में पता चला कि उसने नकली चोटी लगा रखी थी।
अफवाहों पर न दें ध्यान
बाल कटने की घटनाओं को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। उसमें सबसे ज्यादा चर्चा में बाल कटने वाली महिलाओं को दो लाख रुपये का मुआवजा देने की बात है, जो कोरी अफवाह के अलावा कुछ नहीं है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने लोगों से अपील की है कि इस तरह की बातों पर कतई यकीन न करें।
अन्य राज्यों से भी किया संपर्क
दून पुलिस ने बाल कटने की घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा पुलिस से भी संपर्क किया है। जिससे वहां जांच में सामने आई बातों पर गौर कर यहां हुए अब तक के मामलों का सच जाना जा सके।