मदन पैन्यूली/ बड़कोट– राजकीय महाविद्यालय बड्कोट के इतिहास विभागीय परिषद् के अन्तर्गत 21वीं शताब्दी में महिलाओं के प्रश्न विषय पर आधारित एक कार्यशाला का आज शनिवार को आयोजन किया गया।कार्यशाला में बतौर संरक्षक बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर ए के तिवारी ने विभागीय परिषद के समस्त पदाधिकारियों व छात्र-छात्राओं को सम्भोदित करते हुए कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होना होगा तभी वे पुरुष प्रधान समाज के बुने हुए जाल से बाहर आ सकती हैं। प्राचार्य ने नव गठित परिषद के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी।विभागीय परिषद के संयोजक डॉक्टर विजय बहुगुणा ने फ़्रैंच लेखिका सिमोन द बाऊआर की पुस्तक द सेकंड सेक्स के कई अंशों का उल्लेख करते हुए वैदिक काल से लेकर वर्तमान दौर तक महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि आर्थिक सशक्तिकरण ही सारी समस्याओं का समाधान है,उन्होने कहा कि जिन समाजों में महिला पुरुष लिंगानुपात संतुलित होता है उन समाजों में बलात्कार,छेड़ छाड़ की घटनाएं कम होती हैं।हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉक्टर रीना पंवार ने हिन्दी साहित्य में महिलाओं छवि को रेखांकित करते हुए कहा कि तमाम कवियों ने महिला को लाचार,अबला के रूप में सम्बोधित किया किया।राजनीती विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉक्टर डी एस मेहरा ने विस्तार से स्त्री विमर्ष पर कहा कि 21वीं सदी में महिलाओं ने ढेर सारी उपलब्धियां हासिल की हैं,आज के दौर में महिला काफी आगे निकल चुकी हैं।अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉक्टर शलिनी सैनी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि दुनिया की आधी आबादी यदि मुख्यधारा से कट जाय तो फिर उस विकास पर प्रश्न चिन्ह लगना तय है।इस अवसर पर विभागीय परिषद की अध्यक्ष काजल राणा,सह सचिव हिमानी रावत,प्रवन्ती रावत,धीरेन्द्र,विपिन ने भी अपने विचार साझा किये।