माघ मास की पूर्णिमा के दिन को पुराणों में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है. इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. हालांकि पुराणों में कहा गया है कि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन बस नदी में सच्चे मन से डुबकी लगाना ही काफी होता है. बता दें कि इलाहाबाद में संगम तट पर पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले माघ के स्नान एक महीने बाद आज के दिन माघी पूर्णिमा पर समाप्त हो जाते हैं. कल्पवास के बाद माघ का अंतिम स्नान इस पूर्णिमा के दिन ही होता है.
इस दिन किए गए यज्ञ, तप और दान का विशेष महत्व बताया जाता है. माघ मास की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की खास पूजा होती है. भोजन, वस्त्र, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न आदि का दान करना पुण्यदायक माना जाता है.