नैनीताल, : संसद की राजभाषा समिति के संयोजक व बिहार के वरिष्ठ भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि देश में प्रतिभा के दम पर किसी को भी उच्चस्थान पर बैठने पर रोक नहीं है। सभी को समान शिक्षा व अवसर प्रदान करने के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है। इसके अलावा उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के शंकराचार्यों की नियुक्ति में आरक्षण लागू करने संबंधी बयान पर असहमति जताई।
शनिवार को समिति की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब संयोजक यादव ने कहा कि राजभाषा समिति में लोकसभा के 20, जबकि राज्यसभा के दस सदस्य शामिल हैं। देश में राष्ट्रभाषा ङ्क्षहदी में सरकारी कामकाज अधिकाधिक हो, समिति को इसको मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
फिलहाल समिति की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को नौ खंडों में एक रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। इस पर क्रियान्वयन शुरू हो चुका है। समिति ने ‘क’ व ‘ख’ श्रेणी में सौ फीसद कामकाज हिंदी व ‘ग’ श्रेणी में 55 फीसद तक काम हिंदी में करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उत्तराखंड को ‘क’ श्रेणी में रखा गया है।
लोकभाषा, लोकभूषा (स्थानीय खानपान), लोक संस्कृति व लोक व्यवहार के सम्मान से ही देश का सर्वार्गीण विकास संभव है। उन्होंने हिंदी व आंचलिक भाषा को मां व मौसी की संज्ञा देते हुए कहा कि यदि कोई अधिवक्ता उच्च न्यायालयों में हिंदी में बहस करता है तो कोई न्यायाधीश उसे रोक नहीं सकते।